रायपुर: खरगोन सहित कई स्थानों पर रामनवमी के दिन हुई सांप्रदायिक घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ये दुर्भाग्यजनक है. सब अपने धर्म को मानते हैं. रामनवमी पर हमने इतना बड़ा कार्यक्रम किया. कहीं कोई बात नहीं हुई, लेकिन कुछ लोग उत्तेजक माहौल बना रहे हैं. वातावरण इस तरह से बनाएंगे तो उसका दुष्परिणाम समाज पर पड़ेगा. लगातार बीजेपी और उसके अनुषंगिक संगठन उत्तेजना फैला रहे हैं. इससे समाज को नुकसान है.
वहीं, खरगोन की घटना को लेकर इंटेलिजेंट फेलियर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शासन और इंटेलिजेंट की जिम्मेदारी है कि समय रहते कार्रवाई करे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में आयोजित मराठा सेवा संघ के स्थापना दिवस समारोह शामिल में होने के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान ये बातें कही. इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महासमुंद जिले के नर्रा गांव में स्थित छत्तीसगढ़ के पूर्व मराठा शासक बिम्बाजी भोसले की समाधि स्थल के समीकरण की घोषणा की. साथ ही उन्होंने मराठा संघ के सामाजिक भवन के लिए जमीन की मांग के संबंध में कहा कि मराठा सेवक संघ को जो अन्य समाजों की भांति कलेक्टर गाइडलाइन दर के 10 फीसद मूल्य पर भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा.
इस दौरान मराठा संघ ने आरक्षण का मामला उठाया तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आरक्षण चाह रहे हैं अच्छी बात है, लेकिन आरक्षण के पद रहेंगे तब ना आरक्षण मिलेगा. जितने भी सार्वजनिक उपक्रम हैं वे निजी हाथों में जा रहे हैं. आईएस के पद भी अब कॉर्पोरेट सेक्टर से भरे जा रहे हैं. आपको आरक्षण का लाभ कहां मिलेगा, जब पद ही नहीं रहेगा, तो आरक्षण का लाभ मांगने का कोई औचित्य ही नहीं रहेगा. यदि आपको आरक्षण चाहिए तो जो सभी उपक्रम निजी हाथों में जा रहे हैं, उसे रोकने के लिए आपको लड़ाई लड़नी होगी.
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ये है मामला: दरअसल, मध्य-प्रदेश के खरगोन में रविवार को रामनवमी के अवसर पर शहर के तालाब चौक से शोभायात्रा निकालने की तैयारी की जा रही थी. उसी दौरान तालाब चौक श्रीराम मंदिर के सामने झांकियां और डीजे पहुंच रहे थे. डीजे शुरू होने के कुछ देर बाद ही अचानक शोभायात्रा पर पथराव शुरू हो गया. इसके बाद उपद्रवियों ने शहर के कई क्षेत्रों में जमकर उत्पात मचाया. रविवार देर रात इंदौर संभाग आयुक्त पवन शर्मा और आईजी राकेश गुप्ता शहर पहुंचे. देर रात सांसद गजेंद्र सिंह पटेल जब पथराव क्षेत्र में निरीक्षण कर रहे थे तो वह भी उपद्रवियों से घिर गए, उन्हें जैसे-तैसे बाहर निकाला गया. रात में ही करीब छह जिलों से 400 से अधिक पुलिसकर्मी खरगोन बुलवाए गए. आगजनी की घटनाएं लगातार होने से जिले के कसरावद, मंडलेश्वर, महेश्वर, सनावद, बड़वाह व भीकनगांव नगरी निकाय के करीब 10 फायर वाहन जिला मुख्यालय बुलाए गए. उपद्रवियों ने फायर वाहनों पर भी पथराव किया. सोमवार सुबह संभाग आयुक्त, आईजी सहित जिले के अधिकारियों ने शहर में घूम कर स्थिति का जायजा लिया.