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चिटफंड कंपनियों के साथ रमन सिंह की है मिलीभगत- सीएम भूपेश बघेल - चिटफंड कंपनियों के साथ रमन सिंह की है मिलीभगत

चिटफंड मामले में हुए घोटालों को लेकर रमन सिंह के बयान पर भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि 15 साल के भाजपा के शासनकाल में ये घोटाला (CM Baghel replied on Raman Singh statement on chit fund) हुआ.

CM bhupesh Baghel
सीएम भूपेश बघेल का रमन सिंह पर पलटवार
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Published : Jun 17, 2022, 8:45 PM IST

रायपुर: चिटफंड कंपनी के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया (CM Baghel replied on Raman Singh statement on chit fund) है. सीएम बघेल ने कहा है, "15 साल लुटवाये हैं, एक पेपर मंत्रालय में नहीं था. विधानसभा में प्रश्न करते थक गए थे. हमने यह प्रक्रिया शुरू की. देशभर में यह हुआ है. देश में उनकी सरकार है." चिटफंड कंपनी के साथ रमन सिंह की मिलीभगत का भी आरोप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगाया.

सिर्फ खानापूर्ति की जा रही: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज निवेशक न्याय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मेडिकल कॉलेज स्थित ऑडिटोरियम में यह कार्यक्रम रखा गया. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनियमित वित्तीय कंपनी देव्यानी प्रॉपर्टी लिमिटेड के निवेशकों को राशि लौटाया. कार्यक्रम के बाद मीडिया से मुखातिब हो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे देश में यह पहली घटना है कि चिटफंड कंपनियों के निवेशकों का पैसा वापस किया गया. इस दौरान बघेल ने कहा कि "रमन सिंह, अभिषेक सिंह, धरमलाल कौशिक ओर नारायण चंदेल ने रोजगार मेला लगा कर एजेंट बनाए थे और प्रमाण पत्र दिए थे". इस पर निवेशकों को धीमी गति से राशि देने और खानापूर्ति का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने लगाया. जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "15 साल लुटवाये है. एक पेपर मंत्रालय में नहीं था. विधानसभा में प्रश्न करते थक गए थे. हमने यह प्रक्रिया शुरू की. देशभर में यह हुआ है. देश में उनकी सरकार है. एक भी निवेशक कि राशि दिल्ली में वापस कराई गई क्या? सिर्फ छत्तीसगढ़ में यह हो रहा है. पिछले सरकार की मिलीभगत और देख-रेख में चिटफंड घोटाला हुआ है.

चिटफंड निवेशकों को बघेल सरकार ने दी राहत

निवेशकों को लौटायी गई 20 फीसदी राशि: बता दें कि छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों की ठगी का शिकार हुए निवेशकों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश जारी किए थे. जिसके बाद राज्य स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक ऐसी अनियमित वित्तीय कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. निवेशकों को उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई लौटायी जा रही है. अपर कलेक्टर और नोडल अधिकारी बीबी पंचभाई ने बताया कि "दिव्यानी चिटफंड कंपनी के निवेशकों को आज राशि लौटाई गई है. दिव्यानी ने चिटफंड कंपनी के करीब 9000 निवेशक हैं. उन्हें 20 फीसद राशि लौटाई गई है. दिव्यानी चिटफंड कंपनी की प्रॉपर्टी नीलामी से जिला प्रशासन ने चार करोड़ 4 करोड़ 14 लाख 92 हजार 500 रुपए बस मिले हैं".

यह भी पढ़ें: रमन सिंह पर बरसे सीएम भूपेश बघेल

निवेशकों ने छोड़ दी थी उम्मीद: बताया जा रहा है कि आज जिन निवेशकों को राशि दी गई है उनके चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी. निवेश करने वालों में ज्यादातर वे लोग थे, जिन्होंने जमीन बेचकर राशि एकत्र की थी. उस राशि को दुगना करने के लिए चिटफंड कंपनी में इन्वेस्ट किया था. लेकिन यह पूरी रकम डूब गई. हालांकि आज उन्हें डूबी रकम का 20 परसेंट ही मिला है. बावजूद इसके यह लोग खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में डूबी पूरी रकम वापस मिल जाएगी. इसके पहले तो उन्होंने इस रकम को वापस पाने की उम्मीद ही छोड़ दी थी.

रायपुर: चिटफंड कंपनी के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया (CM Baghel replied on Raman Singh statement on chit fund) है. सीएम बघेल ने कहा है, "15 साल लुटवाये हैं, एक पेपर मंत्रालय में नहीं था. विधानसभा में प्रश्न करते थक गए थे. हमने यह प्रक्रिया शुरू की. देशभर में यह हुआ है. देश में उनकी सरकार है." चिटफंड कंपनी के साथ रमन सिंह की मिलीभगत का भी आरोप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगाया.

सिर्फ खानापूर्ति की जा रही: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज निवेशक न्याय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मेडिकल कॉलेज स्थित ऑडिटोरियम में यह कार्यक्रम रखा गया. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनियमित वित्तीय कंपनी देव्यानी प्रॉपर्टी लिमिटेड के निवेशकों को राशि लौटाया. कार्यक्रम के बाद मीडिया से मुखातिब हो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे देश में यह पहली घटना है कि चिटफंड कंपनियों के निवेशकों का पैसा वापस किया गया. इस दौरान बघेल ने कहा कि "रमन सिंह, अभिषेक सिंह, धरमलाल कौशिक ओर नारायण चंदेल ने रोजगार मेला लगा कर एजेंट बनाए थे और प्रमाण पत्र दिए थे". इस पर निवेशकों को धीमी गति से राशि देने और खानापूर्ति का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने लगाया. जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "15 साल लुटवाये है. एक पेपर मंत्रालय में नहीं था. विधानसभा में प्रश्न करते थक गए थे. हमने यह प्रक्रिया शुरू की. देशभर में यह हुआ है. देश में उनकी सरकार है. एक भी निवेशक कि राशि दिल्ली में वापस कराई गई क्या? सिर्फ छत्तीसगढ़ में यह हो रहा है. पिछले सरकार की मिलीभगत और देख-रेख में चिटफंड घोटाला हुआ है.

चिटफंड निवेशकों को बघेल सरकार ने दी राहत

निवेशकों को लौटायी गई 20 फीसदी राशि: बता दें कि छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों की ठगी का शिकार हुए निवेशकों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश जारी किए थे. जिसके बाद राज्य स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक ऐसी अनियमित वित्तीय कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. निवेशकों को उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई लौटायी जा रही है. अपर कलेक्टर और नोडल अधिकारी बीबी पंचभाई ने बताया कि "दिव्यानी चिटफंड कंपनी के निवेशकों को आज राशि लौटाई गई है. दिव्यानी ने चिटफंड कंपनी के करीब 9000 निवेशक हैं. उन्हें 20 फीसद राशि लौटाई गई है. दिव्यानी चिटफंड कंपनी की प्रॉपर्टी नीलामी से जिला प्रशासन ने चार करोड़ 4 करोड़ 14 लाख 92 हजार 500 रुपए बस मिले हैं".

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निवेशकों ने छोड़ दी थी उम्मीद: बताया जा रहा है कि आज जिन निवेशकों को राशि दी गई है उनके चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी. निवेश करने वालों में ज्यादातर वे लोग थे, जिन्होंने जमीन बेचकर राशि एकत्र की थी. उस राशि को दुगना करने के लिए चिटफंड कंपनी में इन्वेस्ट किया था. लेकिन यह पूरी रकम डूब गई. हालांकि आज उन्हें डूबी रकम का 20 परसेंट ही मिला है. बावजूद इसके यह लोग खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में डूबी पूरी रकम वापस मिल जाएगी. इसके पहले तो उन्होंने इस रकम को वापस पाने की उम्मीद ही छोड़ दी थी.

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