रायपुर: छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में मंगलवार 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू हुई है. धान खरीदी का आज तीसरा दिन है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. उन्होंने छत्तीसगढ़ में खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित किए जा रहे धान का समय पर कस्टम मिलिंग कराने की मांग की है.
सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ को भारतीय खाद्य निगम में 26 लाख मीट्रिक टन उसना चावल और 14 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल उपार्जन की अनुमति देने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि राज्य के 400 उसना राइस मिलों की उसना मिलिंग क्षमता 5.68 लाख मीट्रिक टन प्रतिमाह और 1504 अरवा मिलों की अरवा मिलिंग क्षमता 18.83 लाख मीट्रिक टन प्रतिमाह है. इसे ध्यान में रखते हुए खरीफ वर्ष 2020-21 में भारतीय खाद्य निगम में 26 लाख मीट्रिक टन उसना चावल एवं 14 लाख मेट्रिक टन अरवा चावल उपार्जन की अनुमति दी जाए.
पढ़ें: LIVE UPDATE: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का आज तीसरा दिन, यहां देखें पल-पल का अपडेट
उपार्जित धान का समय पर निराकरण की मांग
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम की ओर से पूर्व खरीफ वर्ष 2016-17 और उसके पहले भी उसना के साथ-साथ अरवा चावल भी जमा किया जाता रहा है. इसलिए एफसीआई को राज्य की आवश्यकता से अतिशेष चावल उसना के साथ-साथ अरवा चावल के रूप में भी लिया जाना होगा ताकि डीसीपी योजना के तहत उपार्जित धान का समय पर निराकरण किया जा सके और धान के रख-रखाव में कोई क्षति न हो.
पढ़ें: SPECIAL: सियासी घमासान के बीच छत्तीसगढ़ में धान बेच रहे हैं किसान
60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की कार्ययोजना
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित किए जाने वाले धान के कस्टम मिलिंग के बाद 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की कार्ययोजना का अप्रूवल भारत सरकार ने किया है. इसमें केंद्रीय पूल के तहत अनुमानित सरप्लस 40 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जित किया जाएगा और बाकी बचे 20 लाख मीट्रिक टन (एनएफएसए के तहत 15 लाख मीट्रिक टन अरवा, स्टेट पूल के तहत 4.80 लाख मीट्रिक टन अरवा और 0.20 लाख मीट्रिक टन उसना) चावल राज्य में पीडीएस की आवश्यकता के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड में उपार्जित किया जाएगा.