रायपुर: हाल ही में हुए हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अहम भूमिका रही है. इसके बाद से कांग्रेस पार्टी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कद लगातार बढ़ता जा रहा है. अब कांग्रेस का फोकस तेलंगाना और कर्नाटक सहित आगामी दिनों में होने वाले अन्य राज्यों के चुनाव पर है. इन चुनाव में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है. इसी क्रम में 9 मार्च को सीएम भूपेश बघेल तेलंगाना के करीमनगर में न सिर्फ हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे, बल्कि जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने जनसभा परिसर को सुरक्षा घेरे में लिया: छत्तीसगढ़ पुलिस ने बुधवार को ही जनसभा परिसर को अपने सुरक्षा में ले लिया है. दंतेवाड़ा से उड़ान भरकर शाम 5.15 बजे सीएम हेलीकॉप्टर से करीमनगर पहुंचेंगे. मिली जानकारी के अनुसार शाम 6 बजे हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा में शामिल होंने के बाद सीएम भूपेश बघेल एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसके बाद स्थानीय कार्यक्रम और बैठकों में शामिल होंगे और देर रात दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
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छत्तीसगढ़ मॉडल का देश में बज रहा डंका: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि "आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल का डंका बज रहा है. छत्तीसगढ़ की योजनाओं को हिमाचल प्रदेश के जन घोषणा पत्र में शामिल किया गया है. इसी का नतीजा रहा कि हिमाचल में कांग्रेस को जीत हासिल हुई. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कद पार्टी में लगातार बढ़ता जा रहा है. आज भूपेश बघेल कांग्रेस पार्टी में टॉप लीडरों में शामिल हो गए हैं. यही वजह है कि 2018 के बाद जितने भी विधानसभा चुनाव रहे, उनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई. आगामी दिनों में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
बीजेपी का कांग्रेस पर निशाना: वहीं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "हिमाचल की जीत को भूपेश बघेल या छत्तीसगढ़ की योजना से जोड़ना ठीक नहीं है. हर जगह चुनाव की अलग परिस्थिति होती है. जिस हिमाचल चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ के रोल मॉडल का भूपेश बघेल श्रेय ले रहे हैं. उसी रोल मॉडल को इसके पहले हुए बिहार, असम, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान जनता ने नकार दिया था. वहां कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था.क्या इस हार को भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वीकार करेंगे"
क्या कहतें है राजनीति के जानकार: वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "किसी भी राज्य के चुनाव में जीत हार के लिए कोई एक विषय बिंदु या मुद्दा काम नहीं करता है. उस चुनाव की जीत हार में कई फैक्टर शामिल होते हैं. जो राजनीतिक दलों को जीत दिलाते हैं. या फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ता है. इसी तरह पूर्व में संपन्न हुए चुनाव के लिए भी सिर्फ छत्तीसगढ़ रोल मॉडल या भूपेश बघेल की लोकप्रियता के कारण जीत हासिल हुई है यह कहना गलत होगा. हालांकि तिवारी ने यह भी कहा कि पार्टी में लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कद बढ़ा है उसका उदाहरण देखने को भी मिला है. हाल ही में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में सोनिया गांधी , राहुल गांधी , प्रियंका गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ भूपेश बघेल की नज़दीकियां नजर आई है. इसके अलावा पूर्व के चुनाव में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी और संभावना जताई जा रही है कि आगामी दिनों में होने वाले चुनाव में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पार्टी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है."