रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 'भाजपा और संघ के लोग भगवान को धोखा देते हैं, इंसान को क्या छोड़ेंगे ? राम मंदिर निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये में एक जमीन की शाम को 7 बजे लिखा पढ़ी होती है और सवा सात बजे ट्रस्ट द्वारा वहीं जमीन साढ़े 18 करोड़ में खरीद ली जाती है. राम मंदिर की जमीन में साढ़े 16 करोड़ का घोटाला (Ram Mandir Scam) हुआ. करीब साढ़े 16 करोड़ रुपये की राशि छत्तीसगढ़ से राम जन्मभूमि मंदिर के लिए एकत्र की गई थी.'
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों ने, माताओं-बहनों ने, श्रद्वालुओं ने, जनप्रतिनिधियों ने यहां तक की हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी गोपनीय सवा लाख रुपये राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए दान किया था. उन्होंने सवा लाख रुपये चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर के जीणोद्धार के लिए भी दिए थे. ये लोगों की आस्था थी, विश्वास था. भगवान राम को छत्तीसगढ़ का भांजा मानने वाले लोगों के विश्वास को राम जन्मभूमि ट्रस्ट के घोटाले से धक्का लगा है. हम छत्तीसगढ़ में चंदा इकट्ठा करने वाले भाजपा और संघ के नेताओं से जवाब चाहते हैं.
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त्रिवेदी ने आगे कहा कि 'राम मंदिर के चंदे का दुरुपयोग, आस्था का अपमान है. इस घोटाले के सामने आने से यह साफ हो गया है कि ट्रस्ट के लोग मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चरित्र से एक शब्द भी नहीं सिख पाए. उल्टा जमीन खरीदने में करोड़ों का घोटाला अब जगजाहिर है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए जो सवा लाख रुपये का चेक दिया था, उसकी फोटो और चेक के बैंक में जमा होने की रसीद पूरी जिम्मेदारी के साथ साथ सार्वजनिक कर रहा हूं. संचार विभाग के सदस्य आरपी सिंह के माध्यम से यह राशि भेजी गई थी. भगवान राम के प्रति हम सबकी श्रद्धा है. उस विश्वास का भाजपा और संघ के लोगों ने ये हाल किया है. यह बेहद दुखद और आपत्तिजनक है.'
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'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साधी चुप्पी'
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि 'श्री राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार 5 फरवरी 2020 को हुआ. तथ्यों से साफ है कि करोड़ों लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए जो दान राशि दी थी, उसमें घोर महापाप, अधर्म और घोटाला हुआ है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर ट्रस्ट का गठन किया पूरी तरह से चुप है.'
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधानमंत्री से 3 सवाल-
- क्या भगवान राम की आस्था का सौदा करने वाले पापियों को पीएम मोदी का संरक्षण प्राप्त है?
- मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जिनके वचनों की, मर्यादा की, आदर्श मूल्यों की, नैतिक आचरण की कसमें खाई जाती हैं. उनके नाम पर इतना बड़ा कदाचरण भाजपा नेताओं ने कैसे किया ?
- इस प्रकार की और कितनी जमीन मंदिर निर्माण के चंदे से औने-पौने दामों पर खरीदी गई है?
सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले पर लें संज्ञान
देश के करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के इस ट्रस्ट का गठन देश की सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से किया गया है. घोटाला और इसके तथ्य सामने हैं तो देशवासियों की ओर से हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री उपरोक्त सवालों का देश को जवाब दें. सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले का संज्ञान लेकर मॉनिटर्ड जांच करवाएं. इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में सारी प्राप्त राशि और खर्च का ऑडिट करवाए. मंदिर निमार्ण के लिए चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत के आंकलन बारे में भी जांच करें.