रायपुर : एक ओर जहां महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. तो वहीं दूसरी ओर राजधानी में सिटी बसों के पहिए थमने से लोगों के बजट पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है. रोजाना पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा करने वाले लोगों को सिटी बस नहीं चलने से दोगुना किराया देना पड़ रहा है. गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल से सिटी बसों का संचालन नहीं हो रहा है, जिसके कारण शहर के लोगों को परेशानियां हो रही है. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन में आने वाले यात्रियों से ऑटो संचालक मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं.
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सिटी बस का संचालन नहीं होने के कारण भारी संख्या में आसपास के मजदूर वर्ग भी प्रभावित हो रहे हैं. शहर से लगे गांव से भी बड़ी संख्या में मजदूर सिटी बस के जरिए शहर आया करते थे, लेकिन अब ऑटो में आने की वजह से उन्हें अधिक पैसे देने पड़ रहे हैं और जिसका असर उनके जेब पर पड़ रहा है.
दूसरे राज्यों से स्टेशन आने वाले लोगों ने भी बताया कि सिटी बस नहीं चलने के कारण उन्हें बेहद परेशानी हो रही है. ऑटो वाले मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं, जिसके कारण उन्हें मजबूरी में ज्यादा रुपये देकर ऑटो में यात्रा करना पड़ रहा है. देवेंद्र कुमार ने बताया स्टेशन से घड़ी चौक तक का किराया 10 रुपए है, लेकिन ऑटो वाले 20 रुपए और 30 रुपए वसूल कर रहे हैं. सिटी बस में यह किराया कम था. आसपास सिटी बस के संचालन को लेकर भी बात की गई तो उन्होंने कहा कि सिर्फ ऑटो ही चल रहे हैं.
सिटी बस संचालन करने की मांग
ईटीवी भारत ने शहर के लोगों से बातचीत की ज्यादा लोगों की मांग है कि लंबे समय से बंद सिटी बसों के संचालन को लेकर नगर निगम को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए. सिटी बस का संचालन किया जाता है तो ऐसे में आम लोगों को राहत मिलेगी.
जल्द होगी बातचीत
नगर निगम के एमआईसी मेम्बर अजित कुकरेजा ने बताया कि सिटी बस संचालक एजेंसी ने किराया बढ़ाने की मांग की है. हाल ही में सरकार ने लम्बी दूरी की बसों के टैक्स में छूट दी है. हमारी भी कोशिश रहेगी कि सिटी बसों के लिए भी टैक्स में छूट देने का प्रावधान रखा जाएगा. किराया बढ़ाने को लेकर एजेंसी के लोगों की महापौर से भी मुलाकात हुई है. किराया बढ़ाना है या नहीं इसका निर्णय जल्द लिया जाएगा. ताकि आम जनता पर कोई बर्डन ना पड़े और बस संचालन एजेंसी को भी कोई नुकसान नहीं होगा.