रायपुर: केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही मिलकर कोविड के बाद से ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने में लगे हुए हैं. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल मेकाहारा के साथ-साथ अब जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में अब जिला अस्पताल में 8 करोड़ की लागत से बच्चों के लिए आईसीयू बनने जा रहा (Children ICU being built in Raipur District Hospital) है. रायपुर जिला अस्पताल में 12 बिस्तर का आईसीयू और 30 बिस्तरों का ऑक्सीजन सपोर्टर का वार्ड बनाया जा रहा है. जिला अस्पताल में आईसीयू बनने से आसपास रह रहे लोगों को काफी सुविधा होगी. क्रिटिकल कंडीशन में बच्चों को तुरंत जिला अस्पताल में एडमिट किया जा सकता है.
जल्द ही रायपुर जिला अस्पताल में आईसीयू हो जाएगा तैयार: रायपुर जिला अस्पताल सिविल सर्जन पी के गुप्ता ने बताया, " कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के बाद जैसा एक्सपेक्ट किया जा रहा था कि कोरोना बच्चों में अपना असर दिखा सकता है. इसको देखते हुए रायपुर के जिला अस्पताल में केंद्र सरकार के फंड से 12 बिस्तर का आईसीयू और 30 बिस्तरों का ऑक्सीजन सपोर्टर वार्ड हमारे यहां तैयार हो रहा है. इसका काम शुरू हो चुका है. करीबन 2 से 3 महीनों में वार्ड पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. राजधानी में कालीबाड़ी सरकारी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में बच्चों के इलाज की पहले से सुविधा है. जिला अस्पताल में बच्चों के लिए आईसीयू वार्ड बनने से यहां आस-पास के लोगों को अपने बच्चों को दिखाने या आईसीयू में एडमिट कराने के लिए मेकाहारा और कालीबाड़ी नहीं भागना पड़ेगा."
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जिला अस्पताल में मरीजों को मिल रही बेहतर सुविधा: अपने बच्चे को दिखाने आए सुधीर मोहंती ने ईटीवी भारत को बताया, "कुछ दिनों पहले मेरी बेटी का जन्म यहीं जिला अस्पताल में हुआ है. यहां पर पहले के मुकाबले स्वास्थ्य सेवाएं काफी बेहतर हो गई है. यहां के डॉक्टर और नर्स भी काफी अच्छे हैं. अब यहां पर बच्चों के लिए आईसीयू बनने जा रहा है. हमारे लिए काफी फायदे की बात है. बच्चों को इससे काफी सुविधा मिलेगी."
गंभीर अवस्था में बच्चों को लेकर दूर अस्पताल नहीं भागना पड़ेगा: अपने बच्चे के साथ आए सुमन साहू ने बताया, "पंडरी और आसपास रह रहे लोगों को अपने बच्चों को क्रिटिकल हालत में भी एडमिट कराने के लिए मेकाहारा या कालीबाड़ी जाना पड़ता था. बच्चा अगर क्रिटिकल कंडीशन में हो तो इतने दूर ले जाना खतरे से खाली नहीं रहता है. ऐसे में जिला अस्पताल में बच्चों के लिए आईसीयू वार्ड बनने से आसपास रह रहे लोगों को काफी सहूलियत होगी. गंभीर अवस्था में बच्चों को तुरंत पास के अस्पताल में लाया जा सकता है. जिला अस्पताल में अब स्वास्थ्य व्यवस्था काफी अच्छी हो गई है."