रायपुर: मुख्य सचिव (सीएस) ने गुरुवार को न्यू सर्किट हाउस के सभाकक्ष में बैठक ली. इसमें प्रदेश के सभी संभागायुक्त और कलेक्टर की बैठक लेकर चल रहे विभिन्न विकास कार्यों और योजनाओं की समीक्षा की.
जनसम्पर्क आयुक्त तारण सिन्हा ने बताया कि सभी 27 जिला कलेक्टरों और जिला पंचायत सीईओ के साथ सीएस ने बैठक ली. इसमें प्रथम सत्र की बैठक में खरीफ वर्ष 2019-20 में धान खरीदी की तैयारी, लोकसेवा गारंटी अधिनियम, स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहरों की साफ-सफाई. आबादी और नजूल भूमि के पट्टों को फ्री होल्ड, लंबित डायवर्सन प्रकरणों का निराकरण और प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की मरम्मत आदि कार्यों के बारे में जानकारी ली.
धान खरीदी मामले में होगी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि 2500 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने वाला छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है और यहां पर छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों से धान की अवैध आवक होती है. इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाए. उन्होंने राज्य के सभी कमिश्नरों को इसकी मॉनिटरिंग करने और बिचौलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा. धान खरीदी शुरू होने के साथ ही खरीदी केन्द्रों का रोज सत्यापन किया जाए. उन्होंने हर 15 दिन में धान खरीदी की समीक्षा करने की बात कही.
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत के निर्देश
मुख्य सचिव ने कलेक्टर्स से कहा कि आबादी और नजूल भूमि के पट्टों को फ्री होल्ड कराएं. उन्होंने बारिश के दौरान प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की क्षतिग्रस्त सड़कों का शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश सभी कलेक्टर्स को दिए हैं.
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मुख्य सचिव ने दिए कमिश्नरों को निर्देश
मुख्य सचिव ने सभी कमिश्नर्स को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कराने, डायवर्सन के प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा कराने, छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में करीब 23 हजार से अधिक और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 हजार 249 आबादी पट्टों का शत-प्रतिशत वितरण 25 नवम्बर तक कराने, आबादी-नजूल भूमि पट्टों का फ्री-होल्ड कराने, नियमितिकरण के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कराने और दो वर्षों से लंबित विवादित नामांतरण के प्रकरणों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने सभी कमिश्नरों को सात दिन के भीतर रिर्पोट देने के भी निर्देश दिए हैं.