रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन जोरहाट में असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. उन्होंने छत्तीसगढ़ की विशेषताओं के साथ यहां चाय की खेती, बांस और लघु वनोपज आधारित उद्योगों की संभावनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. सीएम ने चर्चा के दौरान इन उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में चाय और बांस उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया है. इस अवसर पर चाय उत्पादकों के साथ साथ विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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मुख्यमंत्री बघेल ने असम के उद्योगपतियों को बताया कि छत्तीसगढ़ में उद्योग हितैषी वातारण है. उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों को नई सहुलियतें देने के लिए उद्योगपतियों से चर्चा कर नई उद्योग नीति तैयार की गई है. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघुवनोपज के साथ ही बागवानी फसलों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं. उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय और बांस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए आमंत्रित किया है. सीएम ने कहा कि उन्हें हर संभव मदद और प्रोत्साहन दिया जाएगा.
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छत्तीसगढ में 44 प्रतिशत जंगल
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत जंगल है. बड़ी मात्रा में लघु वनोपज होता है. अभी 52 लघुवनोपज को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया है. राज्य में वनवासियों की आय में बढ़ोतरी के जुगत लगाए जा रहे हैं. उन्हें सतत रूप से रोजगार देने के लिए लघुवनोपजों के प्रसंस्करण और वैल्यु एडिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ धान उत्पादन के लिए देशभर में प्रसिद्ध
सीएम भूपेश ने कहा छत्तीसगढ़ धान उत्पादन के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. यहां गन्ने की फसल भी बड़े स्तर पर ली जा रही है. राज्य में अब फलों और बागवानी फसलें भी बड़े पैमाने में ली जाती है. इनके प्रसंस्करण उद्योगों की यहां बड़ी संभवनाएं है. जशपुर जिले का मौसम चाय की खेती के लिए अनुकूल है. वहां के मौसम के अनुकूल चाय के बागान को प्रमोट किया जा रहा है. सीएम ने असम के उद्योगपतियों को चाय उद्योग की संभावनाओं की जानकारी दी. इन क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया.
वन क्षेत्रों में का होता है पैदावार
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को बागवानी और कृषि के क्षेत्र में उद्योग लगाने की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी दी. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कई अंचलों में टमाटर की बड़े पैमाने पर फसल ली जाती है. यहां का टमाटर पाकिस्तान तक जाता है. वन क्षेत्रों में बांस का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है. वनवासियों को इन सबके माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है.
बांस शिल्प के क्षेत्र में कर सकते हैं उद्योग स्थापित
मुख्यमंत्री ने कहा कि बांस शिल्प के क्षेत्र में भी यहां के उद्योगपति वैल्यू एडिशन कर उद्योग स्थापित कर सकते हैं. छत्तीसगढ़ में विभिन्न कलात्मक वस्तुएं भी तैयार की जाती है. बस्तर आर्ट को देश-विदेश में पसंद किया जाता है. राज्य के विभिन्न शिल्प कलाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इन शिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराने और समय के अनुरूप वैल्यू एडिशन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.