रायपुर: झीरम नक्सली हमले को आज 8 साल पूरे हो गए, लेकिन आज भी इस कांड की सच्चाई सामने नहीं आ सकी है. NIA की जांच अब भी जारी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 'हम न्याय चाहते हैं. हमने एसआईटी का गठन किया था, लेकिन एनआईए जांच नहीं करने दे रही है'.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 'एनआईए न खुद जांच कर रही है और न हमें करने दे रही है. कोर्ट में जाकर रोक लगा रही है. दाल में कुछ न कुछ काला है. राज्य सरकार चाहती है कि इस मामले की जांच हो, क्योंकि यह एक राजनीतिक-आपराधिक साजिश थी. कॉन्ट्रैक्ट किलिंग थी. दुर्भाग्य से केंद्र सरकार नहीं चाहती कि जांच राज्य सरकार करे'.
झीरम का जख्म : 8 साल बाद भी अनसुलझे हैं सवाल
25 मई 2013 को हुआ था हमला
25 मई 2013 को कांग्रेस नेताओं के काफिले पर बस्तर की दरभा घाटी में नक्सलियों ने हमला बोला था. इस हमले में विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा जैसे बड़े नेताओं समेत करीब 32 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.
सच्चाई सामने आना बाकी
इस कांड के बाद NIA की जांच जारी है. इस मामले में कई सियासी आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं. झीरम में हुए इस नक्सली हमले से बचकर निकले कई लोगों या मारे गए लोगों के परिजनों को भूपेश सरकार में अहम स्थान दिया गया है. भूपेश बघेल ने झीरम के जख्म को सहानुभूति भरे फैसले लेकर भरने की कोशिश जरूर की है, लेकिन इस कांड से पर्दा अभी उठना अभी बाकी है.
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सीएम बघेल ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री बघेल दंतेवाड़ा और जगदलपुर में शहीद महेंद्र कर्मा की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल हुए. इस अवसर पर बस्तर विश्वविद्यालय और डिमरापाल स्थित स्वर्गीय बलीराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल का नामकरण शहीद महेंद्र कर्मा के नाम पर किया गया.