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Hareli Tihar 2022: छत्तीसगढ़ में लोकउत्सव का पर्व है 'हरेली'

छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार का खास महत्व है. दरअसल एक किसान का उसके औजारों या उपकरणों से खास रिश्ता होता है. बिना औजारों के एक किसान कृषि कार्य को अच्छी तरह नहीं कर सकता. किसान अपने उपकरणों को भगवान मानते हैं और इसकी पूजा भी करते हैं. इन्हीं कृषि उपकरणों के प्रति सहज आस्था और उल्लास का लोकपर्व है हरेली.

Hareli Tihar 2022
हरेली तिहार 2022
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Published : Jul 27, 2022, 1:44 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार को लेकर लोगों में खास उत्साह (Hareli Tihar 2022) है. ग्रामीण सुबह से ही हरेली में मदमस्त नजर आते हैं. युवाओं और बच्चों की टोली नारियल फेंकने की बाजी लगाती नजर आती है. घर-घर किसान कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं.

यह भी पढे़ं: छत्तीसगढ़ में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज मिला

हरेली के अवसर पर घर-घर गुड़ का चीला बनाने का रिवाज: हरेली को छत्तीसगढ़ का पहला तिहार माना जाना जाता है. किसान नागर, गैंती, कुदाल, फावड़ा समेत अन्य कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं. हरेली तिहार पर घर-घर गुड़ का चीला बनाने का भी चलन है. किसान अपने कुलदेवता की पूजा (SPECIAL HARELI TIHAR) भी करते हैं.

गेड़ी पर सवार होना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र: हरेली तिहार पर पशुओं को नमक और आटे का मिश्रण खिलाया (Hareli Tihar 2022) जाता है. यादव समाज के लोगों को स्वेच्छा से अन्न दान भी किया (CHHATTISGARHIA TRADITION SPECIAL)जाता है. परंपरा के मुताबिक नारियल फेंक प्रतियोगिता होती है. युवा और बच्चे गेड़ी चढ़ने का आनंद लेते हैं. ऊंची गेड़ी पर सवार होना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार को लेकर लोगों में खास उत्साह (Hareli Tihar 2022) है. ग्रामीण सुबह से ही हरेली में मदमस्त नजर आते हैं. युवाओं और बच्चों की टोली नारियल फेंकने की बाजी लगाती नजर आती है. घर-घर किसान कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं.

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हरेली के अवसर पर घर-घर गुड़ का चीला बनाने का रिवाज: हरेली को छत्तीसगढ़ का पहला तिहार माना जाना जाता है. किसान नागर, गैंती, कुदाल, फावड़ा समेत अन्य कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं. हरेली तिहार पर घर-घर गुड़ का चीला बनाने का भी चलन है. किसान अपने कुलदेवता की पूजा (SPECIAL HARELI TIHAR) भी करते हैं.

गेड़ी पर सवार होना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र: हरेली तिहार पर पशुओं को नमक और आटे का मिश्रण खिलाया (Hareli Tihar 2022) जाता है. यादव समाज के लोगों को स्वेच्छा से अन्न दान भी किया (CHHATTISGARHIA TRADITION SPECIAL)जाता है. परंपरा के मुताबिक नारियल फेंक प्रतियोगिता होती है. युवा और बच्चे गेड़ी चढ़ने का आनंद लेते हैं. ऊंची गेड़ी पर सवार होना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है.

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