रायपुर: छत्तीसगढ़ी राज्य की स्थापना हुए 19 वर्ष हो चुके हैं. वहीं 2007 को छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया था, लेकिन फिर भी आज छत्तीसगढ़ी भाषा बोल-चाल में कम ही लोग इस्तेमाल करते हैं. राज्य भाषा दिवस के अवसर पर ETV भारत ने साहित्यकार कवि मीर अली मीर से इस विषय पर बात की.
मीर अली मीर का कहना है कि आज छत्तीसगढ़ राज्य को बने 19 साल हो गए हैं, लेकिन फिर भी छत्तीसगढ़ी भाषा हीन भावना से ग्रसित है. वर्तमान में परिवर्तन का दौर आया है. लोग सभी प्रकार के छत्तीसगढ़ी तीज त्योहारों के आयोजन को धूमधाम से और सम्मान के साथ मना रहे हैं. हाल ही में सरकार की ओर से राजकीय गीत की भी घोषणा की गई है.
प्रतिदिन एक निश्चित समय पर बजाया जाए राजकीय गीत
मीर अली मीर ने कहा कि मेरा ऐसा मानना है कि राजकीय गीत प्रतिदिन एक निश्चित समय में पूरे छत्तीसगढ़ में बजाया जाए, जिसे सभी लोग सुनें. ऐसा करने से लोगों को प्रेरणा मिलेगी और हमारी छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रचार-प्रसार भी होगा.
मीर अली मीर का कहना है कि सरकार के साथ सभी नवयुवक को इस काम में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए. साथ ही युवाओं से विशेष निवेदन है कि छत्तीसगढ़ी भाषा बोलने में किसी भी प्रकार की झिझक न रखें. कोई भी ऐसी सरकारी ऑफिस नहीं है जहां छत्तीसगढ़ के लोग काम नहीं कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के लोग सभी जगह काम कर रहे हैं. आप भरपूर छत्तीसगढ़ी बोलें और छत्तीसगढ़ी बोलने का प्रयास करें, इस प्रयास से हमारी छत्तीसगढ़ी भाषा को बहुत तरक्की मिलेगी और देश दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम होगा.