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नियमित करने की मांग को लेकर प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ का धरना

बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने धरना प्रदर्शन किया. बजट सत्र के पहले अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की है.

Chhattisgarh United Progressive Employees Federation gave strike in Raipur
छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ
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Published : Feb 14, 2020, 4:51 PM IST

रायपुर : राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने मोर्चा खोल दिया है. बजट सत्र के पहले कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया.

छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ

छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के एक दिवसीय धरने में प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. कर्मचारी महासंघ इसके पहले भी कई बार धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर चुका है. उनका कहना है कि 'विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा,लेकिन एक साल से ज्यादा समय हो चुका है सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है'.

कर्मचारी महासंघ का कहना है कि 'पूरे प्रदेश में 6000 अनियमित कर्मचारियों को छटनी के नाम पर नौकरी से निकाल दिया गया है, उन्हें सरकार जल्द ही नौकरी में वापस ले. बजट सत्र के पहले सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिए ये धरना प्रदर्शन किया जा रहा है'.

ये है मांग

  • अनियमित कर्मचारी, अधिकारियों को नियमित किया जाए.
  • नियमितीकरण तक 62 वर्ष की आयु तक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करते हुए आवश्यकता होने पर सिविल सेवा नियम 1965 के तहत निलंबन करने का प्रावधान हो.
  • पिछले दो-तीन वर्षो में छटनी के नाम पर निकाले गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जाए.
  • शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को पूर्णता समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जाए.

रायपुर : राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने मोर्चा खोल दिया है. बजट सत्र के पहले कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया.

छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ

छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के एक दिवसीय धरने में प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. कर्मचारी महासंघ इसके पहले भी कई बार धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर चुका है. उनका कहना है कि 'विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा,लेकिन एक साल से ज्यादा समय हो चुका है सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है'.

कर्मचारी महासंघ का कहना है कि 'पूरे प्रदेश में 6000 अनियमित कर्मचारियों को छटनी के नाम पर नौकरी से निकाल दिया गया है, उन्हें सरकार जल्द ही नौकरी में वापस ले. बजट सत्र के पहले सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिए ये धरना प्रदर्शन किया जा रहा है'.

ये है मांग

  • अनियमित कर्मचारी, अधिकारियों को नियमित किया जाए.
  • नियमितीकरण तक 62 वर्ष की आयु तक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करते हुए आवश्यकता होने पर सिविल सेवा नियम 1965 के तहत निलंबन करने का प्रावधान हो.
  • पिछले दो-तीन वर्षो में छटनी के नाम पर निकाले गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जाए.
  • शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को पूर्णता समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जाए.
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