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रायपुर: वार्षिक वेतन वृद्धि में रोक का आदेश वापस लेने की मांग

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक शाखा आरंग ने वार्षिक वेतन वृद्धि में रोक लगाने के आदेश को वापस लेने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम आरंग SDM को एक ज्ञापन सौंपा है.

Chhattisgarh Teachers Association Block Branch
वार्षिक वेतन वृद्धि में रोक
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Published : Jun 1, 2020, 8:58 PM IST

आरंग/रायपुर: छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक शाखा आरंग ने कर्मचारियों को साल में एक बार मिलने वाले वार्षिक वेतन वृद्धि में रोक लगाने पर विरोध जताया है. उनका कहना है कि ये आदेश कर्मचारियों को हतोत्साहित करने वाला है. जिसे तत्काल वापस लेने की मांग की है.

Chhattisgarh Teachers Association submitted memorandum
ज्ञापन सौंपते शिक्षक संघ के लोग

इस संबंध में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक शाखा आरंग ने प्रांतीय और जिला इकाई के आदेशानुसार ब्लॉक अध्यक्ष हरीश दीवान और ब्लॉक कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल मांझी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से आरंग एसडीएम विनायक शर्मा और विकासखंड शिक्षा अधिकारी डीएस चौहान को ज्ञापन सौंपा है.

आदेश को तत्काल लेना चाहिए वापस

संघ के ब्लॉक अध्यक्ष हरीश दीवान ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राजस्व प्राप्ति पर प्रभाव पड़ने का हवाला देते हुए राजस्व प्राप्ति का भरपाई कर्मचारियों के वेतन वृद्धि को रोककर करना सही नहीं है. शासन के पास राजस्व प्राप्ति के अन्य माध्यम भी है. सरकार को उन साधनों का उपयोग करना चाहिए. कर्मचारियों के हिस्से में साल में एक बार वेतन वृद्धि का समय आता है, उस पर रोक लगाने से मंहगाई के दौर में उनके परिवार की आर्थिक व्यवस्था बिगड़ जाएगी. इस कारण कर्मचारी विरोधी आदेश को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए.

कर्मचारी कर रहे सरकार का सहयोग

उन्होंने आगे कहा कि, हमारे कर्मचारी और शिक्षकगण कोरोना काल में भी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए हर स्तर पर सहयोग कर रहे हैं. कर्मचारियों ने अपने एक दिन का वेतन भी कोरोना से लड़ाई लड़ने के लिए सहयोग के रूप में दिया है और खुद से PM केयर और CM केयर फण्ड में दे रहे हैं.

ब्लॉक अध्यक्ष हरीश दीवान ने कहा कि, राज्य सरकार ने पहले से ही मंहगाई भत्ते पर अघोषित रोक लगाए हुए है. उसे जारी करने के बजाय वार्षिक वेतन वृद्धि रोककर वेतन को स्थिर करने का आदेश गलत है. वर्तमान में कोरोना की लड़ाई में सरकारी कर्मचारी निरंतर लगे हुए हैं, चाहे क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी हो या प्रवासी श्रमिकों को लाने ले-जाने का काम हो, कर्मचारियों से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हर छोटे-बड़े काम में सहयोग लिया जा रहा है.

कर्मचारियों को कोरोनो वायरस होने का खतरा

कर्मचारी कोरोना संक्रमण का खतरा होने के बाद भी अपने कर्तव्य का तत्परता से पालन कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार को शिक्षक सहित कर्मचारियों के हित में वेतन वृद्धि रोकने के आदेश को निरस्त कर वेतन वृद्धि बहाल करने का आदेश जारी किया जाना चाहिए.

आरंग/रायपुर: छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक शाखा आरंग ने कर्मचारियों को साल में एक बार मिलने वाले वार्षिक वेतन वृद्धि में रोक लगाने पर विरोध जताया है. उनका कहना है कि ये आदेश कर्मचारियों को हतोत्साहित करने वाला है. जिसे तत्काल वापस लेने की मांग की है.

Chhattisgarh Teachers Association submitted memorandum
ज्ञापन सौंपते शिक्षक संघ के लोग

इस संबंध में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक शाखा आरंग ने प्रांतीय और जिला इकाई के आदेशानुसार ब्लॉक अध्यक्ष हरीश दीवान और ब्लॉक कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल मांझी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से आरंग एसडीएम विनायक शर्मा और विकासखंड शिक्षा अधिकारी डीएस चौहान को ज्ञापन सौंपा है.

आदेश को तत्काल लेना चाहिए वापस

संघ के ब्लॉक अध्यक्ष हरीश दीवान ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राजस्व प्राप्ति पर प्रभाव पड़ने का हवाला देते हुए राजस्व प्राप्ति का भरपाई कर्मचारियों के वेतन वृद्धि को रोककर करना सही नहीं है. शासन के पास राजस्व प्राप्ति के अन्य माध्यम भी है. सरकार को उन साधनों का उपयोग करना चाहिए. कर्मचारियों के हिस्से में साल में एक बार वेतन वृद्धि का समय आता है, उस पर रोक लगाने से मंहगाई के दौर में उनके परिवार की आर्थिक व्यवस्था बिगड़ जाएगी. इस कारण कर्मचारी विरोधी आदेश को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए.

कर्मचारी कर रहे सरकार का सहयोग

उन्होंने आगे कहा कि, हमारे कर्मचारी और शिक्षकगण कोरोना काल में भी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए हर स्तर पर सहयोग कर रहे हैं. कर्मचारियों ने अपने एक दिन का वेतन भी कोरोना से लड़ाई लड़ने के लिए सहयोग के रूप में दिया है और खुद से PM केयर और CM केयर फण्ड में दे रहे हैं.

ब्लॉक अध्यक्ष हरीश दीवान ने कहा कि, राज्य सरकार ने पहले से ही मंहगाई भत्ते पर अघोषित रोक लगाए हुए है. उसे जारी करने के बजाय वार्षिक वेतन वृद्धि रोककर वेतन को स्थिर करने का आदेश गलत है. वर्तमान में कोरोना की लड़ाई में सरकारी कर्मचारी निरंतर लगे हुए हैं, चाहे क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी हो या प्रवासी श्रमिकों को लाने ले-जाने का काम हो, कर्मचारियों से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हर छोटे-बड़े काम में सहयोग लिया जा रहा है.

कर्मचारियों को कोरोनो वायरस होने का खतरा

कर्मचारी कोरोना संक्रमण का खतरा होने के बाद भी अपने कर्तव्य का तत्परता से पालन कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार को शिक्षक सहित कर्मचारियों के हित में वेतन वृद्धि रोकने के आदेश को निरस्त कर वेतन वृद्धि बहाल करने का आदेश जारी किया जाना चाहिए.

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