रायपुर: प्रमोशन में बरती जा रही अनियमितता को लेकर शिक्षक संघ सड़क पर उतर आया है. प्राइमरी, मिडिल और हाईस्कूल में पढ़ाने वाले टीचर्स की संख्या प्रदेश में लगभग 27000 है. जो साल 1998 और 2005 से प्रदेश के स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन हालिया स्थिति में इन शिक्षकों की वरिष्ठता को नजरअंदाज किया जा रहा है. अगर किसी का स्थानांतरण साल 2015 में हुआ है तो उनकी गणना साल 2015 से की जा रही है. ऐसे में उनको ना ही सीनियर पोस्ट मिल रही है ना ही उनका प्रमोशन हो रहा है. जिसे लेकर शिक्षकों में नाराजगी देखने को मिल रही है.
"हमें नहीं मिल रहा लाभ": राज्य स्तरीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार टोप्पो ने बताया कि "सरकार ने अभी जो पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की है, उसमें शिक्षकों के तबादले के कारण शिक्षकों को सीनियरिटी का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा निर्देशों के हिसाब से हमारी वरिष्ठता की गणना होनी चाहिए. उदाहरण के तौर पर किसी शिक्षक की नियुक्ति साल 1998 में हुई है. साल 2017 या 18 में स्थानांतरण होने के बाद किसी और स्कूल में चला जाता है. तो अधिकारी 1998 को ना मानकर साल 2017 या 2018 की गिनती कर रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों के पूरे सेवा काल की वरिष्ठता शून्य हो जा रही है. शिक्षक प्रमोशन से छूट जा रहे हैं."
"जॉइनिंग डेट से वरिष्ठता का लाभ दिया जाए": शिक्षिका वंदना बंछोर ने बताया कि "हम लोग जॉइनिंग डेट से गणना चाह रहे हैं. जिससे हमें प्रमोशन मिल सके. अगर कोई शिक्षक स्थानांतरण करवाता है, तो उनकी कोई ना कोई मजबूरी रही होगी. जिसके कारण उसे ट्रांसफर करवानी पड़ी. वह भी शासन के नियमों के तहत हुआ है. हमें जॉइनिंग डेट से वरिष्ठता का लाभ दिया जाए. हम प्रमोशन से वंचित हो रहे हैं."