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VIDEO: पहली बार विधानसभा में गाया गया राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार', देखें

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार' गाया गया.

पहली बार विधानसभा में गाया गया राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार'
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Published : Nov 25, 2019, 12:33 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 1:01 PM IST

रायपुर: आज से छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो गई. राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के बाद राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार' गाया गया. राजकीय गीत घोषित होने के बाद पहली बार 'अरपा पैरी के धार' सदन में गाया गया है.

पहली बार विधानसभा में गाया गया राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार'

राज्य शासन ने नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत 'अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार...' को राजगीत घोषित किया गया है. 18 नवंबर को इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है. किसी भी राजकीय कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय गीत से हो रही है.

ये है राजकीय गीत-

‘‘अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइंया ।
महूं पांव परंव तोर भुइंया,
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया ।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरिहर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अंचरा तोरे डोलावय पुरवइया ।।
( महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )
रइगढ़ हाबय सुघर तोरे मंउरे मुकुट
सरगुजा (अऊ) बेलासपुर हे बहियां,
रइपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फभय
दुरूग, बस्तर सोहय पयजनियां,
नांदगांवे नवा करधनियां
( महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )

रायपुर: आज से छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो गई. राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के बाद राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार' गाया गया. राजकीय गीत घोषित होने के बाद पहली बार 'अरपा पैरी के धार' सदन में गाया गया है.

पहली बार विधानसभा में गाया गया राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार'

राज्य शासन ने नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत 'अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार...' को राजगीत घोषित किया गया है. 18 नवंबर को इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है. किसी भी राजकीय कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय गीत से हो रही है.

ये है राजकीय गीत-

‘‘अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइंया ।
महूं पांव परंव तोर भुइंया,
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया ।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरिहर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अंचरा तोरे डोलावय पुरवइया ।।
( महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )
रइगढ़ हाबय सुघर तोरे मंउरे मुकुट
सरगुजा (अऊ) बेलासपुर हे बहियां,
रइपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फभय
दुरूग, बस्तर सोहय पयजनियां,
नांदगांवे नवा करधनियां
( महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )

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arpa pairy


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Last Updated : Nov 25, 2019, 1:01 PM IST
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