रायपुर: छत्तीसगढ़ की साय सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई. साय कैबिनेट ने बुधवार को राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा 2021 में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश करने का फैसला किया है. इसके साथ ही समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ अधिकतम 21 क्विंटल धान खरीदी और राशनकार्डधारी परिवारों को आगामी पांच वर्ष तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण का निर्णय लिया गया है.
छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला:
1. राज्य के युवाओं के हित में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2021 के संबंध में मिले अनियमितताओं की शिकायतों के परिपेक्ष्य में विस्तृत जांच हेतु केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को प्रकरण प्रेषित किए जाने का निर्णय लिया गया. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2021 के अंतर्गत 12 विभागों के 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई है.
2. मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर प्रदेश के किसानों से प्रति एकड़ अधिकतम 21 क्विंटल धान खरीदी (लिंकिंग सहित) करने का निर्णय लिया गया है. मंत्रिपरिषद के इस निर्णय से राज्य शासन द्वारा किसानों से 21 क्विंटल धान खरीदी का वायदा पूरा हो गया है. गौरतलब है कि धान खरीदी का यह वायदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी में भी शामिल रहा है.
3. छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवारों के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए उन्हें आगामी पांच वर्ष तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण का निर्णय लिया है. इससे राज्य के 67 लाख 92 हजार 153 राशनकार्डधारी परिवार लाभन्वित होंगे और उन्हें आगामी 5 सालों तक राशन दुकानों से निःशुल्क चावल मिलेगा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत जारी राशन कार्डों में जनवरी 2024 से आगामी 5 सालों तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण के समान ही छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के तहत जारी अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डों में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण करने का फैसला लिया गया है.
पीएम समेत तमाम बीजेपी नेताओं किया था वादा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान वादा किया था कि अगर भगवा पार्टी सत्ता में आती है तो पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सीजीपीएससी भर्ती में कथित घोटाले की जांच कराई जाएगी. वहीं बुधवार को आयोजित साय कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई है. कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जानकारी दी. वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा बताया है.
"2021 की लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अनिमितताओं की अनेक शिकायतें प्राप्त हुई थी. जैसा हमने वायदा किया था कि हम इस की उच्च स्तरीय जांच करेंगे. आज हमारी सरकार ने 2021 के पीएससी की अनिमितताओं के जांच के लिए मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्णय लिया है." - अरुण साव, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
कांग्रेस इसे बताया राजनीतिक प्रोपेगेंडा: राज्य सरकार के निर्णय पर कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला कहना है कि साय कैबिनेट ने आज सीजीपीएससी की सीबीआई जांच की घोषणा की है. क्या छत्तीसगढ़ पुलिस पर उन्हें भरोसा नहीं है या फिर इन्हें अपने कामों पर भरोसा नहीं है. पहले पुलिस से जांच करके देख लीजिए. यह सीबीआई जांच का सिर्फ हौवा खड़ा करना चाहते हैं, जो कि राजनीतिक प्रोपेगेंडा है."
क्या है पूरा मामला: बता दें कि हाल ही में सीजीपीएससी 2021 के परिणाम को लेकर भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए थे. बीजेपी का आरोप था कि पीएससी में बड़ी अनिमितताएं की गई हैं. सीजीपीएससी के अधिकारियों सहित कांग्रेस नेताओं के बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को चयनित करने के आरोप लगाए गए. इस मामले को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी.