रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत जरूरतमंद परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में लंबी छलांग लगाई है. इसमें छत्तीसगढ़ देश में अब दूसरे स्थान पर आ गया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश में अब तक 2 लाख 28 हजार 976 मनरेगा जॉब कार्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इसमें राजस्थान पहले पायदान पर है. बता दें, दिसंबर में छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर था.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार अच्छे कार्यों के लिए विभागीय अमले को बधाई दी है. मनरेगा में राज्य के अच्छे प्रदर्शन को देखकर उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन जारी रखने कहा था. जिससे कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर छत्तीसगढ़ प्रथम तीन राज्यों में अपनी जगह पक्की कर सके. उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के करीब दो महीने पहले ही प्रदेश अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है.
10.80 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित
मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से 7 फरवरी 2020 तक 22 लाख 43 हजार परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है. इस दौरान कुल 10 करोड़ 80 लाख 18 हजार मानव दिवस रोजगार का निर्माण किया गया है. इसमें महिला मजदूरों के लिए 5 करोड़ 46 लाख 85 हजार मानव दिवस का रोजगार शामिल है. कुल मानव दिवस का 50.63 प्रतिशत है. जो कि पिछले 4 वर्षो में सर्वाधिक है. भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए इस साल 13 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत किया है. जारी वित्तीय वर्ष के लक्ष्य के अनुसार अब तक 83 फीसदी रोजगार सृजित किए जा चुके हैं. वर्तमान में मनरेगा के तहत शुरू कार्यों में 9 लाख 80 हजार मजदूर काम कर रहे हैं.
मनरेगा में राजनांदगांव सबसे आगे
प्रदेश में मनरेगा मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में राजनांदगांव जिला सबसे आगे है.
- 21 हजार 713 परिवारों के साथ राजनांदगांव प्रथम
- 19 हजार 530 परिवारों के साथ बिलासपुर द्वितीय
- 18 हजार 264 परिवारों के साथ सूरजपुर तृतीय
रोजगार दिवस जैसे कार्यक्रम का हो रहा आयोजन
राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा का लाभ अधिक से अधिक परिवारों तक पहुंचाने के लिए विशेष रणनीति के तहत काम किया जा रहा है. गांवों में रोजगार दिवस जैसे कार्यक्रमों के आयोजन के जरिए सीधे वंचित समुदायों से काम के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. मनरेगा की जिला एवं जनपद टीम ऐसे परिवार जिन्हें 25, 50 और 75 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है, उन पर फोकस कर उन्हें 100 दिनों का काम दिलाने की रणनीति पर काम कर रही है. योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यो की राज्य स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग और समीक्षा कर हर जिले में ज्यादा से ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है.