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मनरेगा के तहत रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देशभर में दूसरे नंबर पर

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Published : Feb 8, 2020, 8:30 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 8:40 PM IST

मनरेगा में 100 दिनों का रोजगार परिवारों को उपलब्ध कराने के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर है. मनरेगा के तहत काम करने वाली 51 फीसदी महिलाएं शामिल है.

Chhattisgarh ranks second in providing employment under MNREGA
100 दिनों का रोजगार

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत जरूरतमंद परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में लंबी छलांग लगाई है. इसमें छत्तीसगढ़ देश में अब दूसरे स्थान पर आ गया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश में अब तक 2 लाख 28 हजार 976 मनरेगा जॉब कार्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इसमें राजस्थान पहले पायदान पर है. बता दें, दिसंबर में छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर था.

Chhattisgarh ranks second in providing employment under MNREGA
छत्तीसगढ़ दूसरे पायदान पर

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार अच्छे कार्यों के लिए विभागीय अमले को बधाई दी है. मनरेगा में राज्य के अच्छे प्रदर्शन को देखकर उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन जारी रखने कहा था. जिससे कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर छत्तीसगढ़ प्रथम तीन राज्यों में अपनी जगह पक्की कर सके. उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के करीब दो महीने पहले ही प्रदेश अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है.

10.80 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित
मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से 7 फरवरी 2020 तक 22 लाख 43 हजार परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है. इस दौरान कुल 10 करोड़ 80 लाख 18 हजार मानव दिवस रोजगार का निर्माण किया गया है. इसमें महिला मजदूरों के लिए 5 करोड़ 46 लाख 85 हजार मानव दिवस का रोजगार शामिल है. कुल मानव दिवस का 50.63 प्रतिशत है. जो कि पिछले 4 वर्षो में सर्वाधिक है. भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए इस साल 13 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत किया है. जारी वित्तीय वर्ष के लक्ष्य के अनुसार अब तक 83 फीसदी रोजगार सृजित किए जा चुके हैं. वर्तमान में मनरेगा के तहत शुरू कार्यों में 9 लाख 80 हजार मजदूर काम कर रहे हैं.

मनरेगा में राजनांदगांव सबसे आगे
प्रदेश में मनरेगा मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में राजनांदगांव जिला सबसे आगे है.

  • 21 हजार 713 परिवारों के साथ राजनांदगांव प्रथम
  • 19 हजार 530 परिवारों के साथ बिलासपुर द्वितीय
  • 18 हजार 264 परिवारों के साथ सूरजपुर तृतीय
    Chhattisgarh ranks second in providing employment under MNREGA
    राजनांदगांव सबसे आगे

रोजगार दिवस जैसे कार्यक्रम का हो रहा आयोजन

राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा का लाभ अधिक से अधिक परिवारों तक पहुंचाने के लिए विशेष रणनीति के तहत काम किया जा रहा है. गांवों में रोजगार दिवस जैसे कार्यक्रमों के आयोजन के जरिए सीधे वंचित समुदायों से काम के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. मनरेगा की जिला एवं जनपद टीम ऐसे परिवार जिन्हें 25, 50 और 75 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है, उन पर फोकस कर उन्हें 100 दिनों का काम दिलाने की रणनीति पर काम कर रही है. योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यो की राज्य स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग और समीक्षा कर हर जिले में ज्यादा से ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत जरूरतमंद परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में लंबी छलांग लगाई है. इसमें छत्तीसगढ़ देश में अब दूसरे स्थान पर आ गया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश में अब तक 2 लाख 28 हजार 976 मनरेगा जॉब कार्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इसमें राजस्थान पहले पायदान पर है. बता दें, दिसंबर में छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर था.

Chhattisgarh ranks second in providing employment under MNREGA
छत्तीसगढ़ दूसरे पायदान पर

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार अच्छे कार्यों के लिए विभागीय अमले को बधाई दी है. मनरेगा में राज्य के अच्छे प्रदर्शन को देखकर उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन जारी रखने कहा था. जिससे कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर छत्तीसगढ़ प्रथम तीन राज्यों में अपनी जगह पक्की कर सके. उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के करीब दो महीने पहले ही प्रदेश अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है.

10.80 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित
मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से 7 फरवरी 2020 तक 22 लाख 43 हजार परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है. इस दौरान कुल 10 करोड़ 80 लाख 18 हजार मानव दिवस रोजगार का निर्माण किया गया है. इसमें महिला मजदूरों के लिए 5 करोड़ 46 लाख 85 हजार मानव दिवस का रोजगार शामिल है. कुल मानव दिवस का 50.63 प्रतिशत है. जो कि पिछले 4 वर्षो में सर्वाधिक है. भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए इस साल 13 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत किया है. जारी वित्तीय वर्ष के लक्ष्य के अनुसार अब तक 83 फीसदी रोजगार सृजित किए जा चुके हैं. वर्तमान में मनरेगा के तहत शुरू कार्यों में 9 लाख 80 हजार मजदूर काम कर रहे हैं.

मनरेगा में राजनांदगांव सबसे आगे
प्रदेश में मनरेगा मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में राजनांदगांव जिला सबसे आगे है.

  • 21 हजार 713 परिवारों के साथ राजनांदगांव प्रथम
  • 19 हजार 530 परिवारों के साथ बिलासपुर द्वितीय
  • 18 हजार 264 परिवारों के साथ सूरजपुर तृतीय
    Chhattisgarh ranks second in providing employment under MNREGA
    राजनांदगांव सबसे आगे

रोजगार दिवस जैसे कार्यक्रम का हो रहा आयोजन

राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा का लाभ अधिक से अधिक परिवारों तक पहुंचाने के लिए विशेष रणनीति के तहत काम किया जा रहा है. गांवों में रोजगार दिवस जैसे कार्यक्रमों के आयोजन के जरिए सीधे वंचित समुदायों से काम के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. मनरेगा की जिला एवं जनपद टीम ऐसे परिवार जिन्हें 25, 50 और 75 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है, उन पर फोकस कर उन्हें 100 दिनों का काम दिलाने की रणनीति पर काम कर रही है. योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यो की राज्य स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग और समीक्षा कर हर जिले में ज्यादा से ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है.

Intro:मनरेगा कार्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर

*चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 2.29 लाख परिवारों को 100 दिनों का रोजगार*

*इस वर्ष 10.80 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित, 83 फीसदी लक्ष्य पूरा*

*मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों में करीब 51 प्रतिशत महिलाएं*

रायपुर. ।. छत्तीसगढ़ ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) में जरूरतमंद परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में लंबी छलांग लगाई है। इस मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अब दूसरे स्थान पर आ गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश में अब तक दो लाख 28 हजार 976 मनरेगा जॉब कार्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस मामले में केवल राजस्थान ही छत्तीसगढ़ से आगे है। विगत दिसम्बर माह में छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर था।

Body:पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार अच्छे कार्यों के लिए विभागीय अमले को शाबाशी दी है। मनरेगा में राज्य के अच्छे प्रदर्शन को देखकर उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन जारी रखने कहा था ताकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर छत्तीसगढ़ प्रथम तीन राज्यों में अपनी जगह पक्की कर सकें। उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति के करीब दो महीना पहले प्रदेश अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से 7 फरवरी 2020 तक 22 लाख 43 हजार परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है। इस दौरान कुल 10 करोड़ 80 लाख 18 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। इसमें महिला मजदूरों के लिए पांच करोड़ 46 लाख 85 हजार मानव दिवस का रोजगार शामिल है। यह कुल सृजित मानव दिवस का 50.63 प्रतिशत है जो कि पिछले चार वर्षों में सर्वाधिक है। भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए इस साल 13 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्य के अनुसार अब तक 83 फीसदी रोजगार सृजित किए जा चुके हैं। वर्तमान में मनरेगा के तहत शुरू विभिन्न कार्यों में नौ लाख 80 हजार मजदूर काम कर रहे हैं।

प्रदेश में मनरेगा मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में राजनांदगांव जिला सबसे आगे है। वहां चालू वित्तीय वर्ष में 21 हजार 713 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार दिया गया है। बिलासपुर 19 हजार 530 परिवारों के साथ दूसरे, सूरजपुर 18 हजार 264 परिवारों के साथ तीसरे, कबीरधाम 16 हजार 251 परिवारों के साथ चौथे और गरियाबंद जिला 12 हजार 746 परिवारों के साथ पांचवें स्थान पर है।

Conclusion:राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा का लाभ अधिक से अधिक परिवारों तक पहुंचाने के लिए विशेष रणनीति के तहत काम किया जा रहा है। गांवों में रोजगार दिवस जैसे आयोजनों के जरिए सीधे वंचित समुदायों से काम की मांग के आवेदन लिए जा रहे हैं। मनरेगा की जिला एवं जनपद टीम द्वारा ऐसे परिवार जिन्हें 25, 50 और 75 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है, उन पर फोकस कर उन्हें 100 दिनों का काम दिलाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों की राज्य स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग और समीक्षा कर हर जिले में ज्यादा से ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है।
Last Updated : Feb 8, 2020, 8:40 PM IST
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