ETV Bharat / state

गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर, आयुष्मान की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है. डॉक्टर्स ने सात महीने में 3658 महिलाओं के गर्भाशय निकाले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 94.5 प्रतिशत ऑपरेशन निजी अस्पतालों में हुए हैं.

गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर
author img

By

Published : Aug 3, 2019, 9:04 PM IST

Updated : Aug 3, 2019, 9:15 PM IST

रायपुर: आयुष्मान भारत की ताजा रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है. इस चौंकाने वाले आंकड़े से प्रदेश में तहलका मचा हुआ है. गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है. डॉक्टर्स ने सात महीने में 3658 महिलाओं के गर्भाशय निकाले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 94.5 प्रतिशत ऑपरेशन निजी अस्पतालों में हुए हैं.

वीडियो

प्रदेश के डॉ. अखिलेश दुबे का दावा है कि 6 महीने में स्वास्थ्य सुविधा लचर हो गई है. कहा है कि प्रदेश में चिकित्सा में लापरवाही से 1000 मौत हो चुकी हैं.

सरकार कंफ्यूजन में : डॉ. दुबे
अस्पताल में गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ के नंबर वन होने पर भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ सहसंयोजक डॉ. अनिरुद्ध दुबे ने चिंता जताई है. आयुष्मान भारत और यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को लेकर सरकार कंफ्यूजन में है. इतनी बड़ी संख्या में गर्भ निकाले जाना चिंता का विषय है. छत्तीसगढ़ में कुछ साल पहले गर्भाशय कांड के बाद राज्य सरकार की गठित समिति की रिपोर्ट के बाद महिलाओं के गर्भाशय निकालने के पहले शासन की अनुमति लेना अनिवार्य हो गया था. आयुष्मान में साफ है शासन की अनुमति होना चाहिए. इसमें शासकीय अमला भी दोषी हो सकता है जो अनुमति दे रहा है. व्यक्तिगत लाभ के लिए भी गर्भाशय निकाले जा सकते है. इसकी जांच की जानी चाहिए. छोटे राज्य में इतने केस आना सही नहीं कहा जा सकता, इसकी जांच होनी चाहिए.

पढ़ें: रायपुर : ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' से नदियों के संरक्षण में जुटी जनता

उठ रहे सवाल
महिलाओं के गर्भाशय निकालने के मामले में छत्तीसगढ़ के पहले नंबर पर होने पर कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने भी सवाल उठाए हैं. कहा कि, प्रतिशत दुखद और चौंकाने वाला है. छत्तीसगढ़ में गर्भाशय कांड के बाद बनी गाइडलाइन को कैसे शिथिल किया गया, ये अपने आप में जांच का विषय है. स्टेट नोडल एजेंसी इसे कैसे कंट्रोल नहीं कर पाई, ये बड़ा सवाल है. सबसे दुखद ये है कि कम उम्र की महिलाओं के गर्भाशय निकाले गए हैं, इसकी जांच होनी चाहिये दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. समाज सेविका ममता शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ गलत कारणों से चर्चा में रहे, ये दुखद है.

फैक्ट फाइल-

  • रिपोर्ट के अनुसार, देश में आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए आपरेशन में छत्तीसगढ़ में 21.2 फीसदी महिलाओं के गर्भाशय निकाले गए हैं.
  • उत्तर प्रदेश में 18.9 प्रतिशत, झारखंड में 12.3, गुजरात में 10.8, महाराष्ट्र में 9, कर्नाटक में 6.6 प्रतिशत गर्भाशय निकालने के मामले में क्लेम किए गए हैं.

रायपुर: आयुष्मान भारत की ताजा रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है. इस चौंकाने वाले आंकड़े से प्रदेश में तहलका मचा हुआ है. गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है. डॉक्टर्स ने सात महीने में 3658 महिलाओं के गर्भाशय निकाले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 94.5 प्रतिशत ऑपरेशन निजी अस्पतालों में हुए हैं.

वीडियो

प्रदेश के डॉ. अखिलेश दुबे का दावा है कि 6 महीने में स्वास्थ्य सुविधा लचर हो गई है. कहा है कि प्रदेश में चिकित्सा में लापरवाही से 1000 मौत हो चुकी हैं.

सरकार कंफ्यूजन में : डॉ. दुबे
अस्पताल में गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ के नंबर वन होने पर भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ सहसंयोजक डॉ. अनिरुद्ध दुबे ने चिंता जताई है. आयुष्मान भारत और यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को लेकर सरकार कंफ्यूजन में है. इतनी बड़ी संख्या में गर्भ निकाले जाना चिंता का विषय है. छत्तीसगढ़ में कुछ साल पहले गर्भाशय कांड के बाद राज्य सरकार की गठित समिति की रिपोर्ट के बाद महिलाओं के गर्भाशय निकालने के पहले शासन की अनुमति लेना अनिवार्य हो गया था. आयुष्मान में साफ है शासन की अनुमति होना चाहिए. इसमें शासकीय अमला भी दोषी हो सकता है जो अनुमति दे रहा है. व्यक्तिगत लाभ के लिए भी गर्भाशय निकाले जा सकते है. इसकी जांच की जानी चाहिए. छोटे राज्य में इतने केस आना सही नहीं कहा जा सकता, इसकी जांच होनी चाहिए.

पढ़ें: रायपुर : ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' से नदियों के संरक्षण में जुटी जनता

उठ रहे सवाल
महिलाओं के गर्भाशय निकालने के मामले में छत्तीसगढ़ के पहले नंबर पर होने पर कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने भी सवाल उठाए हैं. कहा कि, प्रतिशत दुखद और चौंकाने वाला है. छत्तीसगढ़ में गर्भाशय कांड के बाद बनी गाइडलाइन को कैसे शिथिल किया गया, ये अपने आप में जांच का विषय है. स्टेट नोडल एजेंसी इसे कैसे कंट्रोल नहीं कर पाई, ये बड़ा सवाल है. सबसे दुखद ये है कि कम उम्र की महिलाओं के गर्भाशय निकाले गए हैं, इसकी जांच होनी चाहिये दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. समाज सेविका ममता शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ गलत कारणों से चर्चा में रहे, ये दुखद है.

फैक्ट फाइल-

  • रिपोर्ट के अनुसार, देश में आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए आपरेशन में छत्तीसगढ़ में 21.2 फीसदी महिलाओं के गर्भाशय निकाले गए हैं.
  • उत्तर प्रदेश में 18.9 प्रतिशत, झारखंड में 12.3, गुजरात में 10.8, महाराष्ट्र में 9, कर्नाटक में 6.6 प्रतिशत गर्भाशय निकालने के मामले में क्लेम किए गए हैं.
Intro:


Body:यह बाईट है ।


Conclusion:
Last Updated : Aug 3, 2019, 9:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.