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दिल्ली बॉम्बे सब जगह हमर मन अब छत्तीसगढ़ में गोठियाथे: भूपेश बघेल

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Published : Nov 28, 2022, 11:39 AM IST

Updated : Nov 28, 2022, 12:04 PM IST

10वें छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है.

सीएम भूपेश बघेल
सीएम भूपेश बघेल

रायपुर: आज 10 वां छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को ट्टीट कर राजभाषा दिवस की बधाई दी है. उन्होंने अपने बधाई संदेश में छत्तीसगढ़ी संदेश में छत्तीसगढ़ भाषा में प्रदेश के लोगों को बधाई दी है.

उन्होंने अपने बधाई संदेश में राजभाखा दिवस के बहुत बधई. चार साल पहिली लोगन मन ला छत्तीसगढ़ी बोले म संकोच होवत रिहिस हे. ए देख के मन मा संतोस होथे कि दिल्ली बॉम्बे सब जगह हमर मन अब छत्तीसगढ़ में गोठियाथे. छत्तीसगढ़ी भाखा हमर पुरखौती आए, ए हर हमर अभिमान ए.

  • राजभाखा दिवस के बहुत बधई।

    चार साल पहिली लोगन मन ला छत्तीसगढ़ी बोले म संकोच होवत रिहिस हे। ए देख के मन मा संतोस होथे कि दिल्ली बॉम्बे सब जगह हमर मन अब छत्तीसगढ़ में गोठियाथे।

    छत्तीसगढ़ी भाखा हमर पुरखौती आए, ए हर हमर अभिमान ए।

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

14 विभूतियों को किया जा रहा सम्मानित: छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के मौके पर आज छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रचार प्रसार करने वाले वरिष्ठ साहित्यकारों का सम्मान किया जाएग. मुख्यमंत्री निवास में आज 14 साहित्यकारों का सम्मान किया जा रहा है. इनमें वरिष्ठ साहित्यकार और राज्य निर्माण आंदोलनकर्ता जागेश्वर प्रसाद, वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा, वरिष्ठ डॉ. जे आर सोनी, वरिष्ठ पीसी लाल यादव ,वरिष्ठ साहित्यकार दुर्गा प्रसाद पारकर, वरिष्ठ साहित्यकार रामनाथ साहू, वरिष्ठ साहित्यकार सौरिनचंद्र सेन, वरिष्ठ साहित्यकार परमानंद वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार बुधराम वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार वरिष्ठ साहित्यकार रंजीत सारथी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शैलचंद्रा , वरिष्ठ साहित्यकार डुमन लाल ध्रुव, वरिष्ठ साहित्यकार श्याम कश्यप, वरिष्ठ साहित्यकार रूद्र नारायण पाणिग्रही को छत्तीसगढ़ी भाषा के क्षेत्र में किए गए.

यह भी पढ़ें: हेल्थ सेक्टर में छत्तीसगढ़ को नई उपलब्धि, अमलेश्वर और निसदा सेंटर बने NQAS सर्टिफाइड केंद्र

कब बना राजभाषा आयोग विधेयक

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक को 28 नवंबर 2007 को पारित किया गया था. इसलिए हर साल 28 नवंबर को छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस मनाया जाता है. इस राजभाषा का प्रकाशन 11 जुलाई 2008 को राजपत्र में किया गया. इस आयोग का काम 14 अगस्त 2008 से शुरू हुआ. इसके पहले सचिव पझश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे थे.

छत्तसीगढ़ी राजभाषा आयोग के उद्देश्य और लक्ष्य

  • राजभाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज दिलाना
  • छत्तीसगढ़ी भाषा को राजकाज की भाषा के उपयोग में लाना
  • त्रिभाषायी भाषा रुप में शामिल पाठ्यक्रम में शामिल करना

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के अध्यक्ष

  • प्रथम अध्यक्ष - पंडित श्यामल चर्तुवेदी
  • द्वितीय अध्यक्ष - दानेश्वर शर्मा
  • तृतीय अध्यक्ष- डॉ. विनय कुमार पाठक (2016-2018)

रायपुर: आज 10 वां छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को ट्टीट कर राजभाषा दिवस की बधाई दी है. उन्होंने अपने बधाई संदेश में छत्तीसगढ़ी संदेश में छत्तीसगढ़ भाषा में प्रदेश के लोगों को बधाई दी है.

उन्होंने अपने बधाई संदेश में राजभाखा दिवस के बहुत बधई. चार साल पहिली लोगन मन ला छत्तीसगढ़ी बोले म संकोच होवत रिहिस हे. ए देख के मन मा संतोस होथे कि दिल्ली बॉम्बे सब जगह हमर मन अब छत्तीसगढ़ में गोठियाथे. छत्तीसगढ़ी भाखा हमर पुरखौती आए, ए हर हमर अभिमान ए.

  • राजभाखा दिवस के बहुत बधई।

    चार साल पहिली लोगन मन ला छत्तीसगढ़ी बोले म संकोच होवत रिहिस हे। ए देख के मन मा संतोस होथे कि दिल्ली बॉम्बे सब जगह हमर मन अब छत्तीसगढ़ में गोठियाथे।

    छत्तीसगढ़ी भाखा हमर पुरखौती आए, ए हर हमर अभिमान ए।

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

14 विभूतियों को किया जा रहा सम्मानित: छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के मौके पर आज छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रचार प्रसार करने वाले वरिष्ठ साहित्यकारों का सम्मान किया जाएग. मुख्यमंत्री निवास में आज 14 साहित्यकारों का सम्मान किया जा रहा है. इनमें वरिष्ठ साहित्यकार और राज्य निर्माण आंदोलनकर्ता जागेश्वर प्रसाद, वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा, वरिष्ठ डॉ. जे आर सोनी, वरिष्ठ पीसी लाल यादव ,वरिष्ठ साहित्यकार दुर्गा प्रसाद पारकर, वरिष्ठ साहित्यकार रामनाथ साहू, वरिष्ठ साहित्यकार सौरिनचंद्र सेन, वरिष्ठ साहित्यकार परमानंद वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार बुधराम वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार वरिष्ठ साहित्यकार रंजीत सारथी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शैलचंद्रा , वरिष्ठ साहित्यकार डुमन लाल ध्रुव, वरिष्ठ साहित्यकार श्याम कश्यप, वरिष्ठ साहित्यकार रूद्र नारायण पाणिग्रही को छत्तीसगढ़ी भाषा के क्षेत्र में किए गए.

यह भी पढ़ें: हेल्थ सेक्टर में छत्तीसगढ़ को नई उपलब्धि, अमलेश्वर और निसदा सेंटर बने NQAS सर्टिफाइड केंद्र

कब बना राजभाषा आयोग विधेयक

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक को 28 नवंबर 2007 को पारित किया गया था. इसलिए हर साल 28 नवंबर को छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस मनाया जाता है. इस राजभाषा का प्रकाशन 11 जुलाई 2008 को राजपत्र में किया गया. इस आयोग का काम 14 अगस्त 2008 से शुरू हुआ. इसके पहले सचिव पझश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे थे.

छत्तसीगढ़ी राजभाषा आयोग के उद्देश्य और लक्ष्य

  • राजभाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज दिलाना
  • छत्तीसगढ़ी भाषा को राजकाज की भाषा के उपयोग में लाना
  • त्रिभाषायी भाषा रुप में शामिल पाठ्यक्रम में शामिल करना

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के अध्यक्ष

  • प्रथम अध्यक्ष - पंडित श्यामल चर्तुवेदी
  • द्वितीय अध्यक्ष - दानेश्वर शर्मा
  • तृतीय अध्यक्ष- डॉ. विनय कुमार पाठक (2016-2018)
Last Updated : Nov 28, 2022, 12:04 PM IST
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