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'नई सुबह' से सुंदर होगी जवानों का शाम, परिवार संग बिताएंगे समय

छत्तीसगढ़ पुलिस में नशे के आदी हो चुके जवानों के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है. कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ पुलिस जवानों से नशे की लत छुड़ाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए 15 दिनों का विशेष कैंप लगाया गया है.

Police initiative against drug addiction
नशा के खिलाफ पुलिस की पहल
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Published : Feb 24, 2021, 11:22 AM IST

Updated : Feb 24, 2021, 2:43 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस के मुखिया डीएम अवस्थी मंगलवार को अमलेश्वर पहुंचे. उन्होंने तीसरी बटालियन के जवानों से रूबरू होते हुए उन्हें जीवन जीने का मूल मंत्र दिया. छत्तीसगढ़ पुलिस नशे का शिकार हुए जवानों को नशे की लत छुड़ाने के लिए कार्यक्रम चला रही है. नशे के खिलाफ चलाये जा रहे विशेष कार्यक्रम को 'नई सुबह' नाम दिया गया है. डीजीपी डीएम अवस्थी इसी कार्यक्रम के तहत अमलेश्वर स्थित तीसरी बटालियन कैंप में पहुंचे थे. डीजीपी ने 15 दिनों के लिए विशेष कैंप की शुरुआत की है.

'नई सुबह' से सुंदर होगी जवानों का शाम

कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए डीएम अवस्थी ने कहा, 'आप दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं. चाहे नक्सल मोर्चा हो या आम नागरिकों की सुरक्षा. आप हर जगह मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करते हैं. पुलिस बल में कर्तव्य पथ पर जान चली जाये तो ये हमारे जवानों के पराक्रम की निशानी है, लेकिन नशे से एक भी जवान की जान नहीं जानी चाहिए.'

जवान के बिना परिवार का जीवन अधूरा

डीजीपी ने कहा कि, देश के लिए हर जवान का जीवन बेहद कीमती है. जवानों की बहादुरी की तरह ही उनकी इच्छाशक्ति भी मजबूत होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी भी तरह के नशे से दूरी बनाई जा सकती है. जवानों को अपने बच्चों और परिवार के बारे में भी सोचना चाहिए. उनके बिना उनके परिवार का जीवन अधूरा है.

पढ़ें: बेमेतरा: थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने आये लोगों से संयमित व्यवहार के निर्देश

योगा, मेडिटेशन, म्यूजिक थैरेपी की व्यवस्था

तीसरी बटालियन के कमांडेंट प्रखर पांडे ने बताया कि जैसे अन्य बीमारियों का इलाज है, वैसे ही व्यसन (नशा) का भी इलाज है. व्यसन से खुद का स्वास्थ्य और परिवार दोनों प्रभावित होता है. कार्यक्रम में प्रदेश के सभी ऐसे जवानों को बुलाया गया है, जो अलग-अलग प्रकार के नशे से ग्रसित हैं. इनके लिए 30 जवानों का बैच बनाकर 15 दिन का विशेष कैंप आयोजित किया जा रहा है. जवानों के काउंसलिंग की भी व्यवस्था की गई है. कैंप में योगा, मेडिटेशन, म्यूजिक थैरेपी की भी व्यवस्था है.

'नई सुबह' में जवानों ने बताई आपबीती

कार्यक्रम में आये एक जवान ने बताया कि उसे बहुत दिन से नशे की लत लगी हुई है. इसकी वजह से किडनी प्रभावित हो रही है. परिवार में सभी परेशान हैं. पत्नी, बच्चे सभी लोग बहुत समझाते हैं. कई बार कोशिश भी की लेकिन नहीं छोड़ पाया. अब इस कार्यक्रम में आने के बाद उम्मीद है कि ये लत छूट जाएगी.

जय जवान, जय किसान: आर्मी से रिटायर होने के बाद खेती से लाखों कमा रहे डोमार सिंह

एक जवान ने बताया कि सुदूर इलाके के एक कैंप में पदस्थ हैं. शौकिया नशे का सेवन शुरू किया था जो अब लत बन गई है. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. चेकअप में पता चला कि उनका बीपी भी बहुत हाई है. कई बार झटके भी महसूस होते हैं. मनोचिकित्सक ने जांच की है. नई सुबह कार्यक्रम से उम्मीद है कि यहां से जीवन की नई शुरुआत होगी.

रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस के मुखिया डीएम अवस्थी मंगलवार को अमलेश्वर पहुंचे. उन्होंने तीसरी बटालियन के जवानों से रूबरू होते हुए उन्हें जीवन जीने का मूल मंत्र दिया. छत्तीसगढ़ पुलिस नशे का शिकार हुए जवानों को नशे की लत छुड़ाने के लिए कार्यक्रम चला रही है. नशे के खिलाफ चलाये जा रहे विशेष कार्यक्रम को 'नई सुबह' नाम दिया गया है. डीजीपी डीएम अवस्थी इसी कार्यक्रम के तहत अमलेश्वर स्थित तीसरी बटालियन कैंप में पहुंचे थे. डीजीपी ने 15 दिनों के लिए विशेष कैंप की शुरुआत की है.

'नई सुबह' से सुंदर होगी जवानों का शाम

कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए डीएम अवस्थी ने कहा, 'आप दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं. चाहे नक्सल मोर्चा हो या आम नागरिकों की सुरक्षा. आप हर जगह मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करते हैं. पुलिस बल में कर्तव्य पथ पर जान चली जाये तो ये हमारे जवानों के पराक्रम की निशानी है, लेकिन नशे से एक भी जवान की जान नहीं जानी चाहिए.'

जवान के बिना परिवार का जीवन अधूरा

डीजीपी ने कहा कि, देश के लिए हर जवान का जीवन बेहद कीमती है. जवानों की बहादुरी की तरह ही उनकी इच्छाशक्ति भी मजबूत होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी भी तरह के नशे से दूरी बनाई जा सकती है. जवानों को अपने बच्चों और परिवार के बारे में भी सोचना चाहिए. उनके बिना उनके परिवार का जीवन अधूरा है.

पढ़ें: बेमेतरा: थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने आये लोगों से संयमित व्यवहार के निर्देश

योगा, मेडिटेशन, म्यूजिक थैरेपी की व्यवस्था

तीसरी बटालियन के कमांडेंट प्रखर पांडे ने बताया कि जैसे अन्य बीमारियों का इलाज है, वैसे ही व्यसन (नशा) का भी इलाज है. व्यसन से खुद का स्वास्थ्य और परिवार दोनों प्रभावित होता है. कार्यक्रम में प्रदेश के सभी ऐसे जवानों को बुलाया गया है, जो अलग-अलग प्रकार के नशे से ग्रसित हैं. इनके लिए 30 जवानों का बैच बनाकर 15 दिन का विशेष कैंप आयोजित किया जा रहा है. जवानों के काउंसलिंग की भी व्यवस्था की गई है. कैंप में योगा, मेडिटेशन, म्यूजिक थैरेपी की भी व्यवस्था है.

'नई सुबह' में जवानों ने बताई आपबीती

कार्यक्रम में आये एक जवान ने बताया कि उसे बहुत दिन से नशे की लत लगी हुई है. इसकी वजह से किडनी प्रभावित हो रही है. परिवार में सभी परेशान हैं. पत्नी, बच्चे सभी लोग बहुत समझाते हैं. कई बार कोशिश भी की लेकिन नहीं छोड़ पाया. अब इस कार्यक्रम में आने के बाद उम्मीद है कि ये लत छूट जाएगी.

जय जवान, जय किसान: आर्मी से रिटायर होने के बाद खेती से लाखों कमा रहे डोमार सिंह

एक जवान ने बताया कि सुदूर इलाके के एक कैंप में पदस्थ हैं. शौकिया नशे का सेवन शुरू किया था जो अब लत बन गई है. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. चेकअप में पता चला कि उनका बीपी भी बहुत हाई है. कई बार झटके भी महसूस होते हैं. मनोचिकित्सक ने जांच की है. नई सुबह कार्यक्रम से उम्मीद है कि यहां से जीवन की नई शुरुआत होगी.

Last Updated : Feb 24, 2021, 2:43 PM IST
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