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छत्तीसगढ़ में नए सीएम की रेस, सांसदों ने दिया इस्तीफा, जानिए पल पल का अपडेट - छत्तीसगढ़ में नए सीएम की रेस

Chhattisgarh New CM Race छत्तीसगढ़ को जल्द ही नया सीएम मिल सकता है. दिल्ली में आलाकमान मंथन कर नए सीएम के नाम पर जल्द ही मुहर लगा सकता है. इसके लिए दो नाम सबसे आगे हैं. जिनमें एक वरिष्ठ भाजपा नेता और दूसरी आदिवासी महिला नेता हैं. Who will be CM of Chhattisgarh

Chhattisgarh New CM Race
छत्तीसगढ़ का नया सीएम
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 6, 2023, 1:50 PM IST

Updated : Dec 6, 2023, 2:06 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के बाद नए सीएम को चुनने की कवायद शुरू हो गई है. इस रेस में कई नाम आगे चल रहे हैं. जिनमें पुराने भाजपा नेता, आदिवासी महिला नेता और युवा नेता का नाम भी सामने आ रहा है. देखना होगा कि भाजपा आलाकमान किसका राजतिलक करता हैं.

छत्तीसगढ़ सीएम पद की रेस में सबसे आगे कौन:

अरुण साव : छत्तीसगढ़ सीएम की रेस में सबसे आगे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव चल रहे हैं. इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है क्योंकि साव मंगलवार को आलाकमान से मिलने दिल्ली भी पहुंचे. वहां से लौटने के बाद अरुण साव ने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया है. साव की पहचान आरएसएस और भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में हैं. यही वजह है कि चुनाव से साल भर पहले तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटाकर अरुण साव को छत्तीसगढ़ में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.

गोमती साय: पत्थलगांव विधानसभा से चुनाव जीतकर गोमती साय का नाम सीएम रेस में आगे चल रहा है. गोमती साय रायगढ़ लोकसभा से सांसद है. हालांकि अब उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे उनके छत्तीसगढ़ सीएम बनने की अटकलें तेज हो गई हैं.

रेणुका सिंह : रेणुका सिंह केंद्रीय मंत्री है. आदिवासी महिला होने के साथ तेज तर्रार नेता होने के कारण भाजपा ने भरतपुर सोनहत से उन्हें चुनाव में प्रत्याशी बनाया. रामानुजगंज की रहने वाली रेणुका सिंह को भरतुपर सोनहत से प्रत्याशी बनाने के बाद कांग्रेस ने बाहरी होने का जमकर प्रचार किया. बावजूद इसके रेणुका सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब कमरो को 5000 से ज्यादा वोटों से हराया. आदिवासी और महिला सशक्तीकरण का नारा देने वाली भाजपा आदिवासी महिला को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बना सकती हैं.

लता उसेंडी : बस्तर संभाग में कोंडागांव की पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार में मंत्री रही लता उसेंडी भाजपा उपाध्यक्ष भी हैं. साफ और शांत छवि की नेता लता उसेंडी महिलाओं में ज्यादा लोकप्रिय हैं. कांग्रेस की लहर के बीच बस्तर संभाग की महिलाओं में बीजेपी का झंडा बुलंद किया. इस वजह से इस बार के चुनाव में भी भाजपा ने लता उसेंडी को मोहन मरकाम के खिलाफ चुनाव में खड़ा किया. लता उसेंडी ने मोहन मरकाम को 18 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. सीएम रेस में लता उसेंडी का भी नाम है.

रमन सिंह : छत्तीसगढ़ में 15 साल तक शासन किया. वरिष्ठ और किसी भी मसले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में रमन सिंह का नाम सबसे आगे हैं. कई नामों के बीच भाजपा आलाकमान रमन सिंह के नाम पर एक बार जरूर मंथन कर सकता है.

ओपी चौधरी : छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद सीएम रेस में सबसे पहले पूर्व आईएएस और रायगढ़ से भाजपा के टिकट पर जीते प्रत्याशी ओपी चौधरी का नाम आया. ओपी चौधरी युवा होने के साथ साथ ओबीसी वर्ग से आते हैं. काफी पढ़े लिखे भी हैं. छत्तीसगढ़ में इस समय ओबीसी फैक्टर जोरों पर है. ऐसे में भाजपा को ओपी को सीएम बना सकती हैं. हालांकि ओपी ने सीएम पद के लिए खुद को भाजपा का सबसे छोटा कार्यकर्ता बताया है.

विष्णुदेव साय: छत्तीसगढ़ में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. केंद्रीय नेतृत्व में भी इनका नाम रह चुका है. साय को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है. साल 2006 और साल 2020 में छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष की कमान संभाल चुके हैं. 1999 में 2014 तक लगातार तीन बार रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए. 1990 में तपकरा विधानसभा क्षेत्र से अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक बने. साय को भाजपा सीएम बना सकती है.

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छत्तीसगढ़ सीएम पद की रेस में सबसे आगे कौन:

अरुण साव : छत्तीसगढ़ सीएम की रेस में सबसे आगे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव चल रहे हैं. इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है क्योंकि साव मंगलवार को आलाकमान से मिलने दिल्ली भी पहुंचे. वहां से लौटने के बाद अरुण साव ने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया है. साव की पहचान आरएसएस और भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में हैं. यही वजह है कि चुनाव से साल भर पहले तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटाकर अरुण साव को छत्तीसगढ़ में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.

गोमती साय: पत्थलगांव विधानसभा से चुनाव जीतकर गोमती साय का नाम सीएम रेस में आगे चल रहा है. गोमती साय रायगढ़ लोकसभा से सांसद है. हालांकि अब उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे उनके छत्तीसगढ़ सीएम बनने की अटकलें तेज हो गई हैं.

रेणुका सिंह : रेणुका सिंह केंद्रीय मंत्री है. आदिवासी महिला होने के साथ तेज तर्रार नेता होने के कारण भाजपा ने भरतपुर सोनहत से उन्हें चुनाव में प्रत्याशी बनाया. रामानुजगंज की रहने वाली रेणुका सिंह को भरतुपर सोनहत से प्रत्याशी बनाने के बाद कांग्रेस ने बाहरी होने का जमकर प्रचार किया. बावजूद इसके रेणुका सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब कमरो को 5000 से ज्यादा वोटों से हराया. आदिवासी और महिला सशक्तीकरण का नारा देने वाली भाजपा आदिवासी महिला को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बना सकती हैं.

लता उसेंडी : बस्तर संभाग में कोंडागांव की पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार में मंत्री रही लता उसेंडी भाजपा उपाध्यक्ष भी हैं. साफ और शांत छवि की नेता लता उसेंडी महिलाओं में ज्यादा लोकप्रिय हैं. कांग्रेस की लहर के बीच बस्तर संभाग की महिलाओं में बीजेपी का झंडा बुलंद किया. इस वजह से इस बार के चुनाव में भी भाजपा ने लता उसेंडी को मोहन मरकाम के खिलाफ चुनाव में खड़ा किया. लता उसेंडी ने मोहन मरकाम को 18 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. सीएम रेस में लता उसेंडी का भी नाम है.

रमन सिंह : छत्तीसगढ़ में 15 साल तक शासन किया. वरिष्ठ और किसी भी मसले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में रमन सिंह का नाम सबसे आगे हैं. कई नामों के बीच भाजपा आलाकमान रमन सिंह के नाम पर एक बार जरूर मंथन कर सकता है.

ओपी चौधरी : छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद सीएम रेस में सबसे पहले पूर्व आईएएस और रायगढ़ से भाजपा के टिकट पर जीते प्रत्याशी ओपी चौधरी का नाम आया. ओपी चौधरी युवा होने के साथ साथ ओबीसी वर्ग से आते हैं. काफी पढ़े लिखे भी हैं. छत्तीसगढ़ में इस समय ओबीसी फैक्टर जोरों पर है. ऐसे में भाजपा को ओपी को सीएम बना सकती हैं. हालांकि ओपी ने सीएम पद के लिए खुद को भाजपा का सबसे छोटा कार्यकर्ता बताया है.

विष्णुदेव साय: छत्तीसगढ़ में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. केंद्रीय नेतृत्व में भी इनका नाम रह चुका है. साय को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है. साल 2006 और साल 2020 में छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष की कमान संभाल चुके हैं. 1999 में 2014 तक लगातार तीन बार रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए. 1990 में तपकरा विधानसभा क्षेत्र से अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक बने. साय को भाजपा सीएम बना सकती है.

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Last Updated : Dec 6, 2023, 2:06 PM IST
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