रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरूणपति त्रिपाठी की 10 दिनों रिमांड बढ़ा दी है. अब 2 जुलाई को कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक ढिल्लन, एपी त्रिपाठी और नितेश पुरोहित को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
सिर्फ एपी त्रिपाठी को ही लाया गया था कोर्ट: जेल में बंद शराब घोटाले के आरोपियों की अचानक तबीयत बिगड़ गई. इसी वजह से शनिवार को ढेबर, पुरोहित और ढिल्लन अदालत में पेश नहीं हुए. सिर्फ एपी त्रिपाठी को ही कोर्ट लाया गया. सूत्रों के मुताबिक अब कुछ दिन अस्पताल में ही इनका इलाज चलेगा और आरोपी वहीं रहेंगे.
ऐसे हुआ था करोड़ों रुपए का घोटाला: ईडी के मुताबिक अनवर ढेबर के तहत राज्य में काम करने वाले कथित शराब सिंडिकेट ने 75 और 150 रुपये प्रति केस शराब के प्रकार के आधार पर कमीशन लिया. इसे सीएसएमसीएल द्वारा खरीदे गए प्रत्येक खाते में नकदी के लिए सप्लायर्स से वसूला गया. ईडी ने दावा किया है कि अनवर ढेबर ने दूसरों के साथ मिलकर बेहिसाब देसी शराब बनवानी शुरू कर दी. फिर इसे सरकारी दुकानों के माध्यम से इसे बेचा गया. इस तरह से वे सरकारी खजाने में एक रुपया भी जमा किए बिना बिक्री की पूरी आय रख रहे थे.
2019 से 2022 के बीच हुआ सारा खेल: ईडी ने जांच में पाया कि 2019 और 2022 के बीच इस तरह की अवैध बिक्री राज्य में शराब की कुल बिक्री का लगभग 30-40 प्रतिशत थी. इस अवधि में 1200 से 1500 करोड़ रुपए की अवैध शराब बिक्री हुई.