रायपुर: आज सीएम भूपेश बघेल रायपुर के डॉ अंबेडकर चौक में आयोजित डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद सीएम बघेल भिलाई में अंबेडकर जयंती के कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे. अंबेडकर जयंती के अवसर पर पूर्व सीएम रमन सिंह सहित राज्य के कई नेताओं ने उन्हें याद किया.
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डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है. डॉ अंबेडकर ने आजादी के बाद देश की अर्थशास्त्र, कानून और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया. लेखक के रूप में, उन्होंने इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र जैसे विषयों पर काफी लिखा. डॉ अंबेडकर ने समाज के निचले तबके के उत्पीड़ित वर्गों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए काफी काम किया. डॉ अंबेडकर देश में महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के प्रबल पक्षधर थे.
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दलित उत्थान के लिए आजीवन समर्पित रहे संविधान शिल्पी डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) April 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
स्वाधीनता संग्राम से संविधान निर्माण तक बाबा साहब का योगदान अतुलनीय है। न्याय व समता पर आधारित समाज निर्माण में उनके कार्य सदैव प्रेरणा का केंद्र रहेंगे। #AmbedkarJayanti2023 pic.twitter.com/UnUff7w2kw
">दलित उत्थान के लिए आजीवन समर्पित रहे संविधान शिल्पी डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन।
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स्वाधीनता संग्राम से संविधान निर्माण तक बाबा साहब का योगदान अतुलनीय है। न्याय व समता पर आधारित समाज निर्माण में उनके कार्य सदैव प्रेरणा का केंद्र रहेंगे। #AmbedkarJayanti2023 pic.twitter.com/UnUff7w2kwदलित उत्थान के लिए आजीवन समर्पित रहे संविधान शिल्पी डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन।
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स्वाधीनता संग्राम से संविधान निर्माण तक बाबा साहब का योगदान अतुलनीय है। न्याय व समता पर आधारित समाज निर्माण में उनके कार्य सदैव प्रेरणा का केंद्र रहेंगे। #AmbedkarJayanti2023 pic.twitter.com/UnUff7w2kw
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डॉ अंबेडकर के संघर्ष का सफर: डॉ अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. अंबेडकर को महार परिवार के होने की वजह से बचपन से ही भेदभाव का सामना करना पड़ा. उस समय के भारत में महार जाति को सबसे निचले तबके का समझा जाता था. डॉ अंबेडकर ने हाई स्कूल की पढ़ाई मुम्बई के प्रतिष्ठित एलफिन्स्टन हाई स्कूल में एडमिशन लिया. वे यहां दाखिला लेने वाले अपनी जाति के एक मात्र सदस्य थे. स्कूल के दिनों से ही उन्हें उच्च जाति के शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने उत्पीड़न का शिकार बनाया. उनके दलित दोस्तों को दूसरे छात्रों के साथ कक्षा के अंदर बैठने की अनुमति भी नहीं दी जाती थी.
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भारत रत्न बाबा साहेब जी को सच्ची श्रद्धांजलि!
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बाबा साहेब की 127वीं जयंती पर दिल्ली के अलीपुर स्थित उनके महापरिनिर्वाण स्थल को राष्ट्रीय स्मारक के रूप देश को समर्पित किया गया।#सामाजिक_समरसता @narendramodi pic.twitter.com/dvLmxixVIO
">भारत रत्न बाबा साहेब जी को सच्ची श्रद्धांजलि!
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बाबा साहेब की 127वीं जयंती पर दिल्ली के अलीपुर स्थित उनके महापरिनिर्वाण स्थल को राष्ट्रीय स्मारक के रूप देश को समर्पित किया गया।#सामाजिक_समरसता @narendramodi pic.twitter.com/dvLmxixVIO
डॉ अंबेडकर को उनके स्कूल में रखे मिट्टी के घड़े से पानी पीने की अनुमति नहीं दी गई थी. स्कूल के प्यून उनके पीने के लिए ऊंचाई से पानी डालते थे. डॉ अंबेडकर इन सभी समस्याओं को हरा कर स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय चले गए. फिर बाद में वे अपनी डॉक्टरेट थीसिस को पूरा करने के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स गए, जहां से उन्होंने दो डॉक्टरेट की पढ़ाई की.