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SPECIAL: नई शिक्षा नीति को लेकर छत्तीसगढ़ में क्या है प्रगति, ईटीवी भारत ने लिया जायजा

29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई. 1986 में जारी हुई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया परिवर्तन है. छत्तीसगढ़ में अगले सत्र से नई शिक्षा नीति लागू होने की उम्मीद है. हालांकि नई नीति को लेकर मतभेद भी हैं. सीएम भूपेश बघेल भी सवाल उठा चुके हैं. जानकारों की राय भी अलग-अलग है.

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नई शिक्षा नीति
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Published : Dec 14, 2020, 10:50 PM IST

रायपुर: नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली पाठ्यक्रम में 10+2 ढांचे की जगह 5+3+3+4 का नया स्ट्रक्चर शामिल किया गया है. 5+3+3+4 में 5 का मतलब है - तीन साल प्री-स्कूल, क्लास 1 और 2. अगले 3 का मतलब है क्लास 3, 4 और 5. उसके बाद के 3 का मतलब है क्लास 6, 7 और 8. आखिर के 4 का मतलब है क्लास 9, 10, 11 और 12.

नई शिक्षा नीति को लेकर छत्तीसगढ़ में क्या है प्रगति

रचनात्मक क्षमता के विकास पर जोर

कक्षा पांचवीं तक मातृभाषा, स्थानीय और क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का माध्यम है. इसे क्लास 8 या आगे भी बढ़ाया जा सकता है. विदेशी भाषा की पढ़ाई सेकेंडरी लेवल से होगी. हालांकि किसी भी भाषा को बच्चों पर थोपा नहीं जाएगा.

एजुकेशन फॉर ऑल का लक्ष्य

साल 2030 तक स्कूल शिक्षा में 100% जीईआर(सकल नामांकन अनुपात) के साथ माध्यमिक स्तर तक एजुकेशन फॉर ऑल का लक्ष्य रखा गया है. जीईआर देश के भीतर स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध स्तर के अध्ययनों में नामांकित छात्रों की संख्या का निर्धारण करने हेतु एक सांख्यिकीय माप है. इसे जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है.

ड्राप आउट बच्चों पर ध्यान

स्कूल से दूर रह रहे(ड्राप आउट) दो करोड़ बच्चों को दोबारा मुख्यधारा में लाया जाएगा. इसके लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास, नवीनीकरण और शिक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए कोई कदम उठाए गए?

रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी जी आर चंद्राकर ने बताया कि नई शिक्षा नीति सभी राज्यों के लिए है. राज्य में इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. रायपुर में भी काम चल रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल नई शिक्षा नीति को लागू किया जा सकता है.

पढ़ें- नई शिक्षा नीति-2020: राष्ट्रीय वेबिनार में शामिल हुईं राज्यपाल अनुसुइया उइके

शिक्षाविद जवाहर सूरीशेट्टी के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 3 बिंदु महत्वपूर्ण हैं.

  • पूरी दुनिया में 4 साल का डिग्री कोर्स चलता है इसलिए यह अच्छा होगा. इससे इंडिया को भी ग्लोबलाइज करने की जरूरत महसूस होगी.
  • यह नीति बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. बच्चों के मस्तिष्क के हिसाब से बनाया गया है. यही इस नई शिक्षा नीति की सबसे खास बात भी है.
  • यह नीति काफी फारवर्ड लुकिंग है. बच्चों के लिए काफी लाभदायक है. सरकार की बनाई अबतक की सबसे अच्छी नीतियों में से एक है. इससे बच्चों को काफी ज्यादा फायदा होगा.

कुपोषण की समस्या होगी हल

कुपोषण देश में बड़ी समस्या है. 3 साल से जो बच्चे स्कूल में आएंगे उनको नाश्ता भी दिया जाएगा. कुपोषण की समस्या हल होगी. अनिवार्य शिक्षा को 14 साल से 18 साल कर दिया गया है. यह बहुत बड़ी पहल है. इससे ड्रॉपआउट रेश्यो में कमी आएगी.

विशेषज्ञों का अपना मत

वरिष्ठ शिक्षक राजीव गुप्ता के मुताबिक ड्रॉप आउट बच्चों के लिए नई शिक्षा नीति में कोई बात नहीं की गई है. क्लास 10वीं के बाद ड्रॉपआउट बच्चों का रेशियो पूरे देश में 56% के आसपास का है. किसी प्रदेश में ज्यादा है तो किसी प्रदेश में कम है.

छत्तीसगढ़ में कब लागू होगी नई शिक्षा नीति

भारतीय जनता पार्टी के रायपुर जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी का कहना है कि नई शिक्षा नीति का लाभ पूरे प्रदेश के बच्चों को मिलेगा लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार इसे लागू करने में आनाकानी कर रही है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक कोरोनाकाल में स्कूल बंद हैं. फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई हो रही. दोबारा स्कूल खुलने पर नई शिक्षा नीति पर सरकार विचार करेगी. यह छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ के बच्चों के हित में है तो जरूर लागू किया जाएगा.

रायपुर: नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली पाठ्यक्रम में 10+2 ढांचे की जगह 5+3+3+4 का नया स्ट्रक्चर शामिल किया गया है. 5+3+3+4 में 5 का मतलब है - तीन साल प्री-स्कूल, क्लास 1 और 2. अगले 3 का मतलब है क्लास 3, 4 और 5. उसके बाद के 3 का मतलब है क्लास 6, 7 और 8. आखिर के 4 का मतलब है क्लास 9, 10, 11 और 12.

नई शिक्षा नीति को लेकर छत्तीसगढ़ में क्या है प्रगति

रचनात्मक क्षमता के विकास पर जोर

कक्षा पांचवीं तक मातृभाषा, स्थानीय और क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का माध्यम है. इसे क्लास 8 या आगे भी बढ़ाया जा सकता है. विदेशी भाषा की पढ़ाई सेकेंडरी लेवल से होगी. हालांकि किसी भी भाषा को बच्चों पर थोपा नहीं जाएगा.

एजुकेशन फॉर ऑल का लक्ष्य

साल 2030 तक स्कूल शिक्षा में 100% जीईआर(सकल नामांकन अनुपात) के साथ माध्यमिक स्तर तक एजुकेशन फॉर ऑल का लक्ष्य रखा गया है. जीईआर देश के भीतर स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध स्तर के अध्ययनों में नामांकित छात्रों की संख्या का निर्धारण करने हेतु एक सांख्यिकीय माप है. इसे जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है.

ड्राप आउट बच्चों पर ध्यान

स्कूल से दूर रह रहे(ड्राप आउट) दो करोड़ बच्चों को दोबारा मुख्यधारा में लाया जाएगा. इसके लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास, नवीनीकरण और शिक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए कोई कदम उठाए गए?

रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी जी आर चंद्राकर ने बताया कि नई शिक्षा नीति सभी राज्यों के लिए है. राज्य में इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. रायपुर में भी काम चल रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल नई शिक्षा नीति को लागू किया जा सकता है.

पढ़ें- नई शिक्षा नीति-2020: राष्ट्रीय वेबिनार में शामिल हुईं राज्यपाल अनुसुइया उइके

शिक्षाविद जवाहर सूरीशेट्टी के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 3 बिंदु महत्वपूर्ण हैं.

  • पूरी दुनिया में 4 साल का डिग्री कोर्स चलता है इसलिए यह अच्छा होगा. इससे इंडिया को भी ग्लोबलाइज करने की जरूरत महसूस होगी.
  • यह नीति बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. बच्चों के मस्तिष्क के हिसाब से बनाया गया है. यही इस नई शिक्षा नीति की सबसे खास बात भी है.
  • यह नीति काफी फारवर्ड लुकिंग है. बच्चों के लिए काफी लाभदायक है. सरकार की बनाई अबतक की सबसे अच्छी नीतियों में से एक है. इससे बच्चों को काफी ज्यादा फायदा होगा.

कुपोषण की समस्या होगी हल

कुपोषण देश में बड़ी समस्या है. 3 साल से जो बच्चे स्कूल में आएंगे उनको नाश्ता भी दिया जाएगा. कुपोषण की समस्या हल होगी. अनिवार्य शिक्षा को 14 साल से 18 साल कर दिया गया है. यह बहुत बड़ी पहल है. इससे ड्रॉपआउट रेश्यो में कमी आएगी.

विशेषज्ञों का अपना मत

वरिष्ठ शिक्षक राजीव गुप्ता के मुताबिक ड्रॉप आउट बच्चों के लिए नई शिक्षा नीति में कोई बात नहीं की गई है. क्लास 10वीं के बाद ड्रॉपआउट बच्चों का रेशियो पूरे देश में 56% के आसपास का है. किसी प्रदेश में ज्यादा है तो किसी प्रदेश में कम है.

छत्तीसगढ़ में कब लागू होगी नई शिक्षा नीति

भारतीय जनता पार्टी के रायपुर जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी का कहना है कि नई शिक्षा नीति का लाभ पूरे प्रदेश के बच्चों को मिलेगा लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार इसे लागू करने में आनाकानी कर रही है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक कोरोनाकाल में स्कूल बंद हैं. फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई हो रही. दोबारा स्कूल खुलने पर नई शिक्षा नीति पर सरकार विचार करेगी. यह छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ के बच्चों के हित में है तो जरूर लागू किया जाएगा.

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