रायपुर: कोरोना संकट के बीच 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. इस बार योग दिवस की थीम -'घर पर योग, परिवार के साथ योग' रखी गई है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में भी कहीं भी कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया. डिजिटल प्लेटफॉर्म और घर पर ही योग दिवस मनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपनी पत्नी के साथ घर में योग किया और पूरे प्रदेशवासियों को योग करने के लिए अपील की.
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि योग को अपने जीवन की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. योग करने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है. मानसिक और शारिरिक दोनों तकलीफें दूर होती हैं. मन को शांत रखने के लिए भी योग कारगर है. हमारे वेद, शास्त्रों और ग्रंथों में भी योग की महत्ता बताई गई है. गृहमंत्री ने कहा कि योग को भारत देश ने पूरे विश्व को दिया है और विश्व गुरु के रूप में भारत इस योग के कारण भी बना है.आज योग दिवस पर मैं सभी से अपील करता हूँ कि सभी योग को अपने जीवन मे उतारे.
इसी तरह प्रदेश भर के तमाम नेताओं ने अपने-अपने घरों में योगासन किया और लोगों को घर पर रहकर योगा करने की सलाह दी.
पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया
योग दिवस के आयोजन को सफल बनाने के लिए आयुष मंत्रालय पिछले दो महीने से कड़ी मेहनत कर रहा था. एक ही जगह पर सबसे बड़ी योग कक्षा का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए आयुष मंत्रालय ने अलग इंतजाम किए थे. उसी के प्रयासों का परिणाम था कि पीएम मोदी के साथ कुल 35 हजार 985 लोगों ने योग किया. इतना ही नहीं, 84 देशों के लोगों ने एक साथ योग किया गया, जो एक विश्व रिकॉर्ड है.
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माना जाता है कि जब मानव सभ्यता की शुरूआत हुई थी, तब से ही योग की प्रथा चली आ रही है. विद्वानों का मानना है कि योग की उत्पत्ति आज से हजारों वर्षों पूर्व हुई थी. हम भगवान शिव को प्रथम योगी या आदियोगी या फिर उन्हें प्रथम आदि गुरु मानते हैं.