रायपुर: पूरे छत्तीसगढ़ में पिछले तीन दिनों से ग्रामीण डाक सेवक संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. ये अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर 12 दिसंबर से हड़ताल पर चले गए हैं. उनके हड़ताल पर जाने से डाक विभाग का पूरा काम ठप पड़ा है. रायपुर में भी मुख्य पोस्ट ऑफिस के परिसर में ग्रामीण डाक सेवक संघ केंद्र सरकार की वादाखिलाफी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. डाक सेवकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण इलाकों के डाकघरों में ताला लगा हुआ है.
क्या कहते हैं हड़ताल कर्मी: दरअसल, पूरे छत्तीसगढ़ में डाक सेवकों की संख्या लगभग 7500 है. इनमें 1500 महिला डाक सेवक काम कर रहे हैं. ये सभी अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. रायपुर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे डाक सेवकों ने बताया कि "केंद्र सरकार की ओर से इनकी ड्यूटी 4 घंटे तय की गई थी. हालांकि काम 8 से 10 घंटे तक लिया जाता है. इन लोगों की मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार के दूसरे कर्मचारियों को जिस तरह की सुविधा मिलती है. वैसी सुविधा ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले डाक सेवकों को भी मिलना चाहिए. परिवार के सदस्यों को मेडिकल की सुविधा मिलनी चाहिए. समूह बीमा योजना की राशि 5 लाख रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए."
ये है ग्रामीण डाक सेवकों की 7 सूत्रीय मांगें:
- 8 घंटे काम और पेंशन सहित सभी लाभ प्रदान किया जाए.
- नियमित कर्मचारियों के समान 1 जनवरी 2016 से समय संबंध निरंतरता भत्ता 12, 24 और 36 वर्ष की सेवा पूरी करने पर नियम निर्धारण किया जाए. सीनियर नागरिकों के लिए वेटेज वृद्धि समयबद्ध वित्तीय उन्नयन सहित कमलेश चंद्र समिति की सभी सकारात्मक सिफारिश को तत्काल क्रियान्वित किया जाना चाहिए.
- सेवा निर्वहन लाभ योजना में ग्रामीण डाक सेवक और विभाग के योगदान को 3% से बढ़कर 10% करना चाहिए. सभी रिटायर्ड ग्रामीण डाक सेवक को पेंशन प्रदान किया जाना चाहिए.
- प्रोत्साहन योजनाओं और प्रणालियों को समाप्त कर ग्रामीण डाक सेवक की ओर से किए गए सभी कार्यों जैसे आईपीपीबी पीएलआई बचत योजनाएं और एमजीएन, आरईजीएस को उनके कार्यभार मूल्यांकन में शामिल किया जाए.
- समान कार्यभार के लिए समान वेतन के सिद्धांतों के तहत 5 घंटे के काम के लिए कर्मचारियों को कार्यभार के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि और टीआरसीए देने में सभी भेदभाव को समाप्त करना चाहिए.
- व्यावसायिक लक्ष्यों के तौर पर ग्रामीण डाक सेवक द्वारा सामना किया जाने वाले सभी प्रकार के उत्पीड़न पर रोक लगाई जानी चाहिए.
- सेवाओं को बढ़ाने और तेज करने के लिए सभी शाखा और कार्यालय को लैपटॉप प्रिंटर और ब्रॉडबैंड जैसी इंटरनेट की सुविधा दी जानी चाहिए.