ETV Bharat / state

SPECIAL: छत्तीसगढ़ के बेरोजगार इंजीनियर बनेंगे आत्मनिर्भर, 2 करोड़ तक के मिल सकेंगे सरकारी टेंडर - opened employment opportunities

छत्तीसगढ़ सरकार बेरोजगार युवाओं को अब आत्मनिर्भर बनाने बड़ा काम करने जा रही है. इंजीनियरिंग स्नातक और डिप्लोमा इंजीनियरों को अब सरकारी टेंडर मिल सकेगा. इसके साथ ही उन्हें निश्चित मानदेय भी दिया जाएगा.

Chhattisgarh government opened employment opportunities for unemployed engineers of the state
छत्तीसगढ़ के बेरोजगार इंजीनियर बनेंगे आत्मनिर्भर
author img

By

Published : Dec 6, 2020, 7:18 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 10:53 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार देने के लिए बड़े पैमाने पर सौगात देने जा रही है. ना केवल स्नातक इंजीनियरों को बल्कि डिप्लोमा प्राप्त इंजीनियरों को भी सीधे तौर पर रोजगार से जोड़ा जा रहा है. सरकार ने तमाम सरकारी विभागों में प्राथमिक तौर पर प्रदेश के स्थानीय बेरोजगारों को तमाम सरकारी कामों में प्राथमिकता देने के लिहाज से ही पंजीयन कराने की छूट दे दी है. यह पहली बार हो रहा है कि डिप्लोमा इंजीनियरों को भी सरकारी विभागों में 20 लाख और इंजीनियरिंग स्नातक को दो करोड़ तक के सरकारी टेंडर दिए जा सकेंगे.सरकार की इस पहल को इंजीनियरिंग सेक्टर के साथ शिक्षा विशेषज्ञों ने भी स्वागत किया है.

छत्तीसगढ़ के बेरोजगार इंजीनियर बनेंगे आत्मनिर्भर

प्रदेश के बेरोजगार इंजीनियर बनेंगे आत्मनिर्भर

कोरोना के दौर में जहां विश्व भर में मंदी के हालात हैं, भारत जैसे देश में जहां बड़े पैमाने पर नौकरियां जा रही हैं. तमाम सेक्टरों में कामकाज ना के बराबर चल रहे हैं, ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार बेरोजगार युवाओं को अब आत्मनिर्भर बनाने बड़ा काम कर रही है. राज्य में पिछले कई सालों से इंजीनियरिंग फील्ड में रिसेशन का दौर चल रहा था. इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के बाद भी युवाओं को नौकरी के लिए अवसर ना के बराबर रहे हैं. ऐसे में उन्हें दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करनी होती थी. वहीं कोरोना के चलते ऐसे कई युवा जो नौकरी चाकरी में रहे हैं. वह भी वह अपने घर की ओर लौट चुके थे. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग में लागू की गई ई-पंजीयन प्रणाली को अब राज्य शासन के सभी निर्माण विभाग और निकायों मंडलों और बोर्ड में भी लागू करने के निर्देश दे दिए हैं.

बड़े पेमाने में मिल सकता युवाओं को रोजगार का मौका

एकल श्रेणी ई-पंजीयन प्रणाली के तहत लोक निर्माण विभाग और विभिन्न विभागों में 20 लाख से अधिक के कार्य डिप्लोमा इंजीनियर और 1 करोड़ से अधिक के कार्य में स्नातक इंजीनियरों को दिया जाएगा. साथ ही डिप्लोमा इंजीनियर को 15 हजार रुपए प्रति माह और स्नातक इंजीनियर को 25 हजार रुपए न्यूनतम प्रति माह भुगतान करने का भी प्रावधान किया गया है. ऐसे में इस अनुबंध से इंजीनियरों की नियुक्ति अनिवार्य किए जाने से बड़ी संख्या में बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार का अवसर मिलेगा.

पढ़ें- SPECIAL: रोजगार कार्यालय से टूट रही युवाओं की उम्मीद, नौकरी नहीं मिलने से रजिस्ट्रेशन में आई कमी

इंजीनियरिंग युवाओं को मिलेगा बढ़ा मौका

इंजीनियरिंग और डिप्लोमा इंजीनियर के लिए राज्य सरकार की इस पहल को लेकर विशेषज्ञों ने सराहना की है. दिशा स्किल्स के डायरेक्टर डॉ अभिषेक पांडे कहते हैं कि इंजीनियरिंग फील्ड में वैसे तो लंबे समय से डाउनफाल का दौर चल रहा है. छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में इंजीनियरिंग के बाद भी ज्यादा स्कोप ना होने के चलते छात्र ज्यादातर दूसरे राज्यों की ओर मूवमेंट करते थे. अब सरकार ने इस तरह के पंजीयन में छूट देने और स्थानीय बेरोजगारों को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास किया है. इससे युवाओं को एक बड़ा मौका मिल सकता है. साथ ही इंजीनियर फील्ड में चल रहा रिसेशन भी दूर होगा. इसमें एक बात और है कि इनके एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट से दूसरे लोग दुरुपयोग ना करें यह बात सरकार को निगरानी रखनी होगी.


युवाओं में खुशी की लहर

सरकार के इस नए फैसले से युवाओं में खुशी की लहर है. ईटीवी भारत ने ऐसे कई इंजीनियरिंग पासआउट कर चुके छात्रों से बात की. उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग करने के बाद भी उनको जॉब के लिए भटकना पड़ता रहा है. साथ ही मेहनत के एवज में मेहनताना भी उतना नहीं मिल पाता जितना वे डिजर्व करते हैं. अब सरकार की ओर से किए गए प्रावधान के तहत ना केवल बेरोजगार इंजीनियर बल्कि डिप्लोमा इंजीनियर को भी काम देने के लिए सरकार की पहल तारीफ ए काबिल है. इसके तहत इंजीनियरों को मिनिमम इंकम के साथ ही छोटे निर्माण कार्य भी सीधे तौर पर मिल सकते हैं. सरकार के तमाम विभागों में टेंडर लेने के लिए सरकार सीधे तौर पर इंजीनियरों का पंजीयन करवा रही है. ऐसे में छोटे-मोटे काम करके भी ना केवल खुद सक्षम होंगे, बल्कि अपने साथ अन्य युवाओं को भी रोजगार देने के लिए काबिल हो सकते हैं.

पढ़ें- SPECIAL: बस्तर झेल रहा बेरोजगारी का दंश, अपनी जमीन और घर छोड़ने को मजबूर युवा

दूरस्थ इलाकों में भी काम की मिलेगी सुविधा

राज्य सरकार की ओर से स्थानीय बेरोजगार इंजीनियरों को रजिस्टर्ड कर काम देने और रोजगार से जोड़ने के पीछे एक बड़ा लॉजिक भी दिख रहा है. दरअसल छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक दूरस्थ इलाकों में निर्माण कार्यों के लिए लोग अभी भी काम करने से पीछे हटते रहे हैं. अब स्थानीय युवाओं को ब्लॉक स्तर पर काम देने के लिए भी सरकार ने प्रावधान लाया है ऐसे में ग्रामीण इलाके के छात्र सीधे तौर पर पंजीयन कराकर अपने ब्लॉक में काम करेंगे. इससे ना केवल उन्हें काम मिलेगा बल्कि प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में जहां दूसरे लोग काम करने जाने से हिचकते हैं. वहां पर भी सरकार के तमाम विकास कार्य आसानी से हो सकते हैं.

कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने जताई चिंता

सरकार के इस फैसले को लेकर जहां युवाओं में खुशी की लहर है, वहीं छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने इस फैसले को लेकर स्वागत तो किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने चिंता भी जताई है. छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला कहते हैं कि स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार की इस पहल का स्वागत जरूर है, लेकिन कई तरह की दिक्कतों को भी दूर किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले ही 15 हजार से ज्यादा कॉन्ट्रैक्टर रजिस्टर्ड हैं, ऐसे में उन्हें काम लेने में पहले से ही कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब बड़े पैमाने पर पंजीयन होने से युवाओं को उम्मीद तो काफी होगी, लेकिन सरकार को पारदर्शिता के साथ बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम देना बड़ी चुनौती होगी.

इस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कोविड-19 दौर में जब देश भर में नौकरियों के जाने का दौर चल रहा है. दूसरे राज्यों से भी प्राइवेट नौकरी को छोड़कर युवा इंजीनियर अपने राज्य की ओर लौट रहे हैं. ऐसे में नॉकरियों के बजाय इंजीनियर अब खुद का काम शुरू करने का रुख करने लगे हैं. वहीं सरकार ने अब स्थानीय बेरोजगार इंजीनियर को रोजगार देने के लिए भी बड़ा मौका दे दिया है, साथ ही उनके लिए स्किल के आधार पर दाम तय करने के लिए भी प्रावधान रखा है. उम्मीद है कि सरकार की इस पहल से प्रदेश के बेरोजगार इंजीनियरों को उनके टैलेंट का हक मिल सकेगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार देने के लिए बड़े पैमाने पर सौगात देने जा रही है. ना केवल स्नातक इंजीनियरों को बल्कि डिप्लोमा प्राप्त इंजीनियरों को भी सीधे तौर पर रोजगार से जोड़ा जा रहा है. सरकार ने तमाम सरकारी विभागों में प्राथमिक तौर पर प्रदेश के स्थानीय बेरोजगारों को तमाम सरकारी कामों में प्राथमिकता देने के लिहाज से ही पंजीयन कराने की छूट दे दी है. यह पहली बार हो रहा है कि डिप्लोमा इंजीनियरों को भी सरकारी विभागों में 20 लाख और इंजीनियरिंग स्नातक को दो करोड़ तक के सरकारी टेंडर दिए जा सकेंगे.सरकार की इस पहल को इंजीनियरिंग सेक्टर के साथ शिक्षा विशेषज्ञों ने भी स्वागत किया है.

छत्तीसगढ़ के बेरोजगार इंजीनियर बनेंगे आत्मनिर्भर

प्रदेश के बेरोजगार इंजीनियर बनेंगे आत्मनिर्भर

कोरोना के दौर में जहां विश्व भर में मंदी के हालात हैं, भारत जैसे देश में जहां बड़े पैमाने पर नौकरियां जा रही हैं. तमाम सेक्टरों में कामकाज ना के बराबर चल रहे हैं, ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार बेरोजगार युवाओं को अब आत्मनिर्भर बनाने बड़ा काम कर रही है. राज्य में पिछले कई सालों से इंजीनियरिंग फील्ड में रिसेशन का दौर चल रहा था. इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के बाद भी युवाओं को नौकरी के लिए अवसर ना के बराबर रहे हैं. ऐसे में उन्हें दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करनी होती थी. वहीं कोरोना के चलते ऐसे कई युवा जो नौकरी चाकरी में रहे हैं. वह भी वह अपने घर की ओर लौट चुके थे. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग में लागू की गई ई-पंजीयन प्रणाली को अब राज्य शासन के सभी निर्माण विभाग और निकायों मंडलों और बोर्ड में भी लागू करने के निर्देश दे दिए हैं.

बड़े पेमाने में मिल सकता युवाओं को रोजगार का मौका

एकल श्रेणी ई-पंजीयन प्रणाली के तहत लोक निर्माण विभाग और विभिन्न विभागों में 20 लाख से अधिक के कार्य डिप्लोमा इंजीनियर और 1 करोड़ से अधिक के कार्य में स्नातक इंजीनियरों को दिया जाएगा. साथ ही डिप्लोमा इंजीनियर को 15 हजार रुपए प्रति माह और स्नातक इंजीनियर को 25 हजार रुपए न्यूनतम प्रति माह भुगतान करने का भी प्रावधान किया गया है. ऐसे में इस अनुबंध से इंजीनियरों की नियुक्ति अनिवार्य किए जाने से बड़ी संख्या में बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार का अवसर मिलेगा.

पढ़ें- SPECIAL: रोजगार कार्यालय से टूट रही युवाओं की उम्मीद, नौकरी नहीं मिलने से रजिस्ट्रेशन में आई कमी

इंजीनियरिंग युवाओं को मिलेगा बढ़ा मौका

इंजीनियरिंग और डिप्लोमा इंजीनियर के लिए राज्य सरकार की इस पहल को लेकर विशेषज्ञों ने सराहना की है. दिशा स्किल्स के डायरेक्टर डॉ अभिषेक पांडे कहते हैं कि इंजीनियरिंग फील्ड में वैसे तो लंबे समय से डाउनफाल का दौर चल रहा है. छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में इंजीनियरिंग के बाद भी ज्यादा स्कोप ना होने के चलते छात्र ज्यादातर दूसरे राज्यों की ओर मूवमेंट करते थे. अब सरकार ने इस तरह के पंजीयन में छूट देने और स्थानीय बेरोजगारों को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास किया है. इससे युवाओं को एक बड़ा मौका मिल सकता है. साथ ही इंजीनियर फील्ड में चल रहा रिसेशन भी दूर होगा. इसमें एक बात और है कि इनके एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट से दूसरे लोग दुरुपयोग ना करें यह बात सरकार को निगरानी रखनी होगी.


युवाओं में खुशी की लहर

सरकार के इस नए फैसले से युवाओं में खुशी की लहर है. ईटीवी भारत ने ऐसे कई इंजीनियरिंग पासआउट कर चुके छात्रों से बात की. उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग करने के बाद भी उनको जॉब के लिए भटकना पड़ता रहा है. साथ ही मेहनत के एवज में मेहनताना भी उतना नहीं मिल पाता जितना वे डिजर्व करते हैं. अब सरकार की ओर से किए गए प्रावधान के तहत ना केवल बेरोजगार इंजीनियर बल्कि डिप्लोमा इंजीनियर को भी काम देने के लिए सरकार की पहल तारीफ ए काबिल है. इसके तहत इंजीनियरों को मिनिमम इंकम के साथ ही छोटे निर्माण कार्य भी सीधे तौर पर मिल सकते हैं. सरकार के तमाम विभागों में टेंडर लेने के लिए सरकार सीधे तौर पर इंजीनियरों का पंजीयन करवा रही है. ऐसे में छोटे-मोटे काम करके भी ना केवल खुद सक्षम होंगे, बल्कि अपने साथ अन्य युवाओं को भी रोजगार देने के लिए काबिल हो सकते हैं.

पढ़ें- SPECIAL: बस्तर झेल रहा बेरोजगारी का दंश, अपनी जमीन और घर छोड़ने को मजबूर युवा

दूरस्थ इलाकों में भी काम की मिलेगी सुविधा

राज्य सरकार की ओर से स्थानीय बेरोजगार इंजीनियरों को रजिस्टर्ड कर काम देने और रोजगार से जोड़ने के पीछे एक बड़ा लॉजिक भी दिख रहा है. दरअसल छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक दूरस्थ इलाकों में निर्माण कार्यों के लिए लोग अभी भी काम करने से पीछे हटते रहे हैं. अब स्थानीय युवाओं को ब्लॉक स्तर पर काम देने के लिए भी सरकार ने प्रावधान लाया है ऐसे में ग्रामीण इलाके के छात्र सीधे तौर पर पंजीयन कराकर अपने ब्लॉक में काम करेंगे. इससे ना केवल उन्हें काम मिलेगा बल्कि प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में जहां दूसरे लोग काम करने जाने से हिचकते हैं. वहां पर भी सरकार के तमाम विकास कार्य आसानी से हो सकते हैं.

कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने जताई चिंता

सरकार के इस फैसले को लेकर जहां युवाओं में खुशी की लहर है, वहीं छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने इस फैसले को लेकर स्वागत तो किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने चिंता भी जताई है. छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला कहते हैं कि स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार की इस पहल का स्वागत जरूर है, लेकिन कई तरह की दिक्कतों को भी दूर किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले ही 15 हजार से ज्यादा कॉन्ट्रैक्टर रजिस्टर्ड हैं, ऐसे में उन्हें काम लेने में पहले से ही कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब बड़े पैमाने पर पंजीयन होने से युवाओं को उम्मीद तो काफी होगी, लेकिन सरकार को पारदर्शिता के साथ बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम देना बड़ी चुनौती होगी.

इस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कोविड-19 दौर में जब देश भर में नौकरियों के जाने का दौर चल रहा है. दूसरे राज्यों से भी प्राइवेट नौकरी को छोड़कर युवा इंजीनियर अपने राज्य की ओर लौट रहे हैं. ऐसे में नॉकरियों के बजाय इंजीनियर अब खुद का काम शुरू करने का रुख करने लगे हैं. वहीं सरकार ने अब स्थानीय बेरोजगार इंजीनियर को रोजगार देने के लिए भी बड़ा मौका दे दिया है, साथ ही उनके लिए स्किल के आधार पर दाम तय करने के लिए भी प्रावधान रखा है. उम्मीद है कि सरकार की इस पहल से प्रदेश के बेरोजगार इंजीनियरों को उनके टैलेंट का हक मिल सकेगा.

Last Updated : Dec 6, 2020, 10:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.