रायपुर: पूर्व पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि "स्काई वॉक को लेकर कांग्रेस सरकार का रवैया शुरू से ही ठीक नहीं रहा है. साल 2016-17 के बजट में पूववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में रायपुर शहर के विकास की अवधारणा को ध्यान रखते हुए स्काई वॉक के लिए बजट का प्रावधान किया गया था. टेंडर से लेकर निर्माण कार्य शुरू होने तक सभी नियमों का पारदर्शिता के साथ पालन किया गया था. investigation in Skywalk case to EOW and ACB
स्काई वॉक का कार्य अपनी गति से जारी था, लेकिन इसी दरमियान चुनावी साल आ गया. सत्ता का परिवर्तन हुआ और कांग्रेस सरकार ने पूर्वाग्रह के प्रभाव में एक महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य रोक दिया. स्काई वॉक पर बीते 4 साल में कांग्रेस सरकार ने 3 कमेटियां बनाई, लेकिन कोई निर्णय नहीं कर सकी. रायपुर शहर के विकास में रोड़ा बनी कांग्रेस सरकार को भयभीत होकर 4 साल बाद स्काई वॉक का मुद्दा अचानक याद आया है.
"ईडी की कार्रवाई की बौखलाहट है स्काई वाक जांच": राजेश मूणत ने कहा " स्काई वॉक के निर्माण में अगर किसी प्रकार की कोई अनियममितता है. सरकार का रुख सकारात्मक रुख है तो एक छोटा सा हिस्सा चालू करके देख सकती थी, लेकिन जब नीयत में ही खोट तो यह उम्मीद भी बेमानी थी. मुख्यमंत्री सचिवालय लेकर कई अन्य विभागों में अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद ईडी की जांच के दायरे में हैं, उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है. मूणत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार की मंशा अनियमितता की जांच करवाना नहीं, बल्कि ईडी की कार्रवाई की बौखलाहट में राजनीतिक तौर पर विपक्ष को परेशान करना है."
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से इसकी जांच करवाएं, हम पूरा सहयोग करेंगे: पूर्व मंत्री ने कहा "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी ही पार्टी के प्रवक्ता आरपी सिंह के माध्यम से ज्ञापन मंगवाकर स्काई वॉक पर जांच करवाने का फैसला किया. जो इस बात को पुष्ट करता है कि यह जांच सरकार नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से राजनीतिक तौर पर परेशान करने के मकसद से करवाई जा रही है, लेकिन इसके साथ ही यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि सत्य विचलित नहीं होता है. अगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वाकई में निष्पक्ष जांच करवाना चाहते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से इसकी जांच करवाएं हम पूरा सहयोग करेंगे".
"सरकार आरोपों से बचने का कर रही प्रयास": राजेश मूणत ने कहा कि "सीएम का यह कथन कि मुझसे कहा जा रहा था कि ईडी कि जांच में सहयोग करो,अब मूणत सहयोग करके दिखाए, इस बात को इंगित करता है कि भूपेश बघेल अपनी उपसचिव सौम्या चौरसिया के बेनकाब होने के बाद खुद पर मंडरा रही ईडी की जांच के संकट के चलते यह सब करवा रहें हैं.मैं भूपेश बघेल से इतना कहना चाहता हूं कि "जब स्काई वॉक में कोई अनियमितता हुई ही नहीं है, तो हम क्यों डरेंगे? सच आज नहीं तो कल सामने आएगा ही. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच करवाएं. हमलोग सहयोग करने के लिए तैयार है. भूपेश की क्या सार्वजनिक तौर पर घोषणा करेंगे कि वह ईडी की जांच में सहयोग देंगे?"