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औषधीय गुणों से भरपूर गठुवन धान प्रजाति विलुप्ति की कगार पर - पादप प्रजनन विभाग के प्रमुख डॉ दीपक शर्मा

छत्तीसगढ़ की गठुवन धान की प्रजाति में कई ऐसे औषधिय गुण पाये जाते हैं, जो कि हड्डियों के दर्द को कम करता है. हालांकि अब गठुवन धान प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर (Gathuvan paddy species rich in medicinal properties )है.

Gathuvan paddy species
गठुवन धान प्रजाति
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Published : Jun 24, 2022, 7:11 PM IST

Updated : Jun 24, 2022, 7:55 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ में कुछ धान की ऐसी प्रजातियां है जो विलुप्त होने के कगार पर है. इस प्रजाति के धान में औषधीय गुण पाये जाते थे. इसका नियमित इस्तेमाल करने से हड्डियों की बीमारी दूर हो जाती है. इस पर पिछले 4 सालों से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और भामा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई साथ मिलकर रिसर्च कर रहा है. रिसर्च के दौरान इसमें कई ऐसे तत्व मिले हैं, जो हड्डियों के इलाज में फायदेमंद है. (Gathuvan paddy species rich in medicinal properties extinct)

गठुवन धान प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर

गठुवन धान से जोड़ों का दर्द ठीक होने का दावा: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पादप प्रजनन विभाग के प्रमुख डॉ दीपक शर्मा (Deepak Sharma Head of Plant Breeding Department) ने बताया, "धान की ऐसी किस्में, जिसमें औषधि गुण पाया जाता है... ऐसी किस्मों को किसान पारंपरिक ज्ञान के माध्यम से पहले ही खोज चुके हैं. जिसके बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा औषधि गुणों से युक्त धान की कुछ किस्मों का चयन करके उस पर संयुक्त रूप से रिसर्च किया गया. रिसर्च के दौरान यह बात सामने आई कि गठुवन की इस प्रजाति का नियमित इस्तेमाल करने से जोड़ों का दर्द, आर्थराइटिस और रूमेटाइटिस जैसी बीमारियां दूर होती है."

ऑइंटमेंट बनाए जाने पर रिसर्च जारी: इस विषय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पादप प्रजनन विभाग के प्रमुख डॉक्टर दीपक शर्मा कहते हैं, "केरल में इस प्रजाति का पेस्ट बनाकर घुटने के दर्द में इस्तेमाल किया जा रहा है. रिसर्च में यह बात निकलकर सामने आई है कि इसमें औषधिय गुण पाया गया है. वैज्ञानिक आधार पर घुटने और जोड़ों की बीमारी इससे दूर होती है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय इस बात पर रिसर्च कर रहा है कि इस प्रजाति से ऑइंटमेंट कैसे बनाया जाए? अगर आइंटमेंट बनता है, तो यह भविष्य के लिए कारगर साबित होगा? जो घुटने और जोड़ों की दर्द को ठीक करने के काम में आएगा."

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में धान की नई प्रजाति तैयार करने कराई जाती है बीजों की शादी

गठुवन प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने औषधि गुणों से युक्त इस प्रजाति के बारे में बताया, "इनकी ऊंचाई ज्यादा होने के कारण इसका तना गिर जाता है. इसके पकने की अवधि भी लंबी होती है. किसानों को कम पैदावार मिलती है, जिसके कारण यह प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है. ऐसे में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय इस पर भी रिसर्च कर रहा है कि औषधिय गुणों को बिना नुकसान पहुंचाए, इसकी पैदावार कैसे बढ़ाई जाए? इसके लिए उत्प्रेरण विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है."

रायपुर: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ में कुछ धान की ऐसी प्रजातियां है जो विलुप्त होने के कगार पर है. इस प्रजाति के धान में औषधीय गुण पाये जाते थे. इसका नियमित इस्तेमाल करने से हड्डियों की बीमारी दूर हो जाती है. इस पर पिछले 4 सालों से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और भामा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई साथ मिलकर रिसर्च कर रहा है. रिसर्च के दौरान इसमें कई ऐसे तत्व मिले हैं, जो हड्डियों के इलाज में फायदेमंद है. (Gathuvan paddy species rich in medicinal properties extinct)

गठुवन धान प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर

गठुवन धान से जोड़ों का दर्द ठीक होने का दावा: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पादप प्रजनन विभाग के प्रमुख डॉ दीपक शर्मा (Deepak Sharma Head of Plant Breeding Department) ने बताया, "धान की ऐसी किस्में, जिसमें औषधि गुण पाया जाता है... ऐसी किस्मों को किसान पारंपरिक ज्ञान के माध्यम से पहले ही खोज चुके हैं. जिसके बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा औषधि गुणों से युक्त धान की कुछ किस्मों का चयन करके उस पर संयुक्त रूप से रिसर्च किया गया. रिसर्च के दौरान यह बात सामने आई कि गठुवन की इस प्रजाति का नियमित इस्तेमाल करने से जोड़ों का दर्द, आर्थराइटिस और रूमेटाइटिस जैसी बीमारियां दूर होती है."

ऑइंटमेंट बनाए जाने पर रिसर्च जारी: इस विषय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पादप प्रजनन विभाग के प्रमुख डॉक्टर दीपक शर्मा कहते हैं, "केरल में इस प्रजाति का पेस्ट बनाकर घुटने के दर्द में इस्तेमाल किया जा रहा है. रिसर्च में यह बात निकलकर सामने आई है कि इसमें औषधिय गुण पाया गया है. वैज्ञानिक आधार पर घुटने और जोड़ों की बीमारी इससे दूर होती है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय इस बात पर रिसर्च कर रहा है कि इस प्रजाति से ऑइंटमेंट कैसे बनाया जाए? अगर आइंटमेंट बनता है, तो यह भविष्य के लिए कारगर साबित होगा? जो घुटने और जोड़ों की दर्द को ठीक करने के काम में आएगा."

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में धान की नई प्रजाति तैयार करने कराई जाती है बीजों की शादी

गठुवन प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने औषधि गुणों से युक्त इस प्रजाति के बारे में बताया, "इनकी ऊंचाई ज्यादा होने के कारण इसका तना गिर जाता है. इसके पकने की अवधि भी लंबी होती है. किसानों को कम पैदावार मिलती है, जिसके कारण यह प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है. ऐसे में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय इस पर भी रिसर्च कर रहा है कि औषधिय गुणों को बिना नुकसान पहुंचाए, इसकी पैदावार कैसे बढ़ाई जाए? इसके लिए उत्प्रेरण विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है."

Last Updated : Jun 24, 2022, 7:55 PM IST
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