रायपुर: ईटीवी भारत आपको छत्तीसगढ़ की पहली म्यूजिक कंपोजर से मिलवाने जा रहा है. 25 वर्षीय मोनिका वर्मा छत्तीसगढ़ की पहली म्यूजिक कंपोजर, सिंगर हैं. वह गीत भी लिखती हैं. ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ की पहली म्यूजिक कंपोजर मोनिका वर्मा से खास बातचीत की.
सवाल: छत्तीसगढ़ की पहली महिला म्यूजिक कंपोजर का टैग आपके नाम है. आप कैसा महसूस करती हैं ?
जवाब: मुझे बहुत अच्छा महसूस होता है. छत्तीसगढ़ में म्यूजिक कंपोजिंग की लाइन में लड़कियां नहीं थीं. मुझे बहुत खुशी होती है. मुझे इस बात का गर्व होता है कि मेरे बाद और भी लड़कियों का रास्ता इस फील्ड के लिए खुल गया.
सवाल: आप संगीत के क्षेत्र में कैसे आईं, आपकी शुरुआत कैसे हुई ?
जवाब: संगीत के फील्ड में मैं शुरुआत से ही हूं. बचपन से ही घर में संगीतमय माहौल है. पूरा परिवार कभी खाली वक्त रहता है तो एक साथ संगत करने बैठते हैं, हारमोनियम तबला पर. इस तरह का घर का माहौल था. ऐसे ही शुरुआत हुई. मैंने अपना पहला गाना कक्षा सातवीं में बनाया. यह एक देशभक्ति गीत था. उस दौरान मुझे नहीं पता था कि गीत कैसे बनाए जाते हैं. खेल खेल में मैंने गाना तैयार कर दिया. ऐसे ही मेरी शुरुआत हुई.
सवाल: क्या आपने संगीत में पढ़ाई की है ?
जवाब: मैंने संगीत में एमए किया है. सर्व भारतीय संगीत परिषद से मैंने संगीत की शिक्षा ग्रहण की. मेरे गुरु राजा बैनर्जी हैं. म्यूजिक के साथ मैंने एमसीए की पढ़ाई की है.
सवाल: आपके गाने बहुत पसंद किए जा रहे हैं. प्रसिद्धि मिल रही है, कैसा अनुभव हैं ?
जवाब: अनुभव बहुत अच्छा है. हम लोगों ने शुरू से यह सोचा था कि छत्तीसगढ़ी गाना केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के ऑडियंस भी सुनें. भगवान कि ऐसी कृपा हुई कि विदेशों में भी गाना पसंद किया जाने लगा. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, तंजानिया में लोग गाना पसंद कर रहे हैं.
सवाल: आपको किस तरह के चैलेंज का सामना करना पड़ा ?
जवाब: सबसे बड़ा चैलेंज मुझे गाना सीखने के दौरान आया था. गाना सीखना होता है तो एक अच्छे गुरु की आवश्यकता होती है. शुरुआत में लोग मेरी आवाज सुने बगैर ही मुझे रिजेक्ट कर देते थे. मुझसे पूछा जाता था कि आप कहां से हैं. जब मैं बताती थी मैं छत्तीसगढ़ से हूं तो कहा करते थे वह टोन कहां से आ पाएगा, दूसरी जगह सीखना. भगवान की कृपा रही कि मुझे स्कूल से ही अच्छे गुरु मिले और उनकी वजह से मैं यहां हूं.
मोनिका वर्मा ने बताया कि "हर एक सिंगर का सपना होता है कि बॉलीवुड के गाने गाए. मैं मुंबई गई, लेकिन वहां मुझे इस बात के लिए रिजेक्ट कर दिया जाता था कि मैं छत्तीसगढ़ से हूं. वहां बहुत भेदभाव का सामना करना पड़ा. सारी चीजों को फेस करते हुए मैं आगे बढ़ी और घर वालों का भी स्पोर्ट मिला."
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सवाल: लोकल से ग्लोबल तक पहुंच गई हैं, इसके लिए क्या कहेंगी?
जवाब: कभी जब हम वायरल वीडियो देखा करते थे, बॉलीवुड के गाने देखा करते थे, तो यह महसूस होता था कि यह करने के लिए काफी पैसे लगते हैं. लेकिन जब मोहिनी गाना आया, उसने सारा भ्रम तोड़ दिया. अगर आपके कंटेंट में दम है, तो उस कंटेंट को दुनिया तक पहुंचाने के लिए कोई नहीं रोक सकता.
सवाल: आगे आपके कौन से प्रोजेक्ट आने वाले हैं?
जवाब: अभी एक मूवी "ले चलहूं अपन दुआरी में" हमने संगीत दिया है. इसके अलावा दो और मूवी में हमने गाना कंपोज किया है. साथ साथ में म्यूजिक एलबम का काम जारी है.
सवाल: फीमेल सिंगर जो काम कर रहे हैं, उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगी?
जवाब: केवल लड़की हैं, सोच कर काम से पीछे न हटें. अगर आपको म्यूजिक डायरेक्शन आता है, तो आप जरूर इस फील्ड में आगे आएं. आपको अगर गाना लिखना आता है तो आपको जरूर गाना लिखिए.
सवाल: म्यूजिक डायरेक्शन का काम आप कैसे कर पाती हैं?
जवाब: यह केवल मेरे अकेले की मेहनत नहीं है, क्योंकि जब मैं छोटी थी, तब म्यूजिक बनाने की चीज समझ नहीं आई. जब प्रोफेशनल लाइफ में मैं आगे आई, तब एक गाइडेंस की आवश्यकता थी. वह गाइडेंस का काम तुषांत कुमार ने किया. जिस तरह से हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद नहीं दिलाई गई थी, तब तक उन्हें यह ज्ञात नहीं था कि वह शक्तिशाली हैं. उसी प्रकार मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ. मुझे मोटिवेट किया गया, तब मैं संपूर्ण रूप से मोनिका वर्मा बन पाई."