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छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ का चक्काजाम आज

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Published : Feb 5, 2021, 6:24 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 1:06 AM IST

केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में आज प्रदेश में भी आंदोलन होने जा रहा है. रायपुर के आरंग के पुराना टोल प्लाजा के पास किसानों ने चक्काजाम का ऐलान किया है. इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए नेता हर गांव में जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं.

Chhattisgarh Farmer's Workers Federation on 6 February
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ का 6 फरवरी को चक्काजाम

रायपुर: पूरे भारत में आज किसान सभी नेशनल हाईवे और राजमार्ग पर 12 से 3 बजे तक चक्काजाम करेंगे. इसके तहत आरंग के रसनी के पुराना टोल प्लाजा के पास जिले के किसान नेशनल हाईवे-53 को जाम करेंगे.

शांतिपूर्ण रहेगा आंदोलन: पारसनाथ

संयोजक पारसनाथ साहू ने कहा कि आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा. किसान नेताओं ने सभी क्षेत्रवासियों से अपील की है कि किसानों के हक की लड़ाई में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें. साथ ही कृषि और किसानों को बचाने में सहयोग प्रदान करें.

केंद्र सरकार किसानों के साथ कर रही अन्याय

पारसनाथ ने कहा कि तीनों कृषि कानून की वापसी और समर्थन मूल्य में खरीदी को कानूनी गारंटी देने की मांग पर दिल्ली सहित पूरे भारत के किसान आंदोलनरत हैं. करीब 72 दिन बीत जाने के बाद भी कड़कड़ाती ठंड में किसान दिल्ली पर जमे हुए हैं. वहीं केंद्र सरकार लगातार अन्नदाताओं को आतंकवादी और खालिस्तानी बता रही हैं.

किसान आंदोलन जन आंदोलन का रूप ले चुका है

उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन जन आंदोलन का रूप ले चुका है. अपने हक की लड़ाई के लिए गांव-गांव के किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किसान नेता पारसनाथ साहू, रूपन चंद्राकर, द्वारिका साहू समेत कई लोग आंदोलन को सफल बनाने के लिए हर गांव में जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं.

रायपुर: पूरे भारत में आज किसान सभी नेशनल हाईवे और राजमार्ग पर 12 से 3 बजे तक चक्काजाम करेंगे. इसके तहत आरंग के रसनी के पुराना टोल प्लाजा के पास जिले के किसान नेशनल हाईवे-53 को जाम करेंगे.

शांतिपूर्ण रहेगा आंदोलन: पारसनाथ

संयोजक पारसनाथ साहू ने कहा कि आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा. किसान नेताओं ने सभी क्षेत्रवासियों से अपील की है कि किसानों के हक की लड़ाई में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें. साथ ही कृषि और किसानों को बचाने में सहयोग प्रदान करें.

केंद्र सरकार किसानों के साथ कर रही अन्याय

पारसनाथ ने कहा कि तीनों कृषि कानून की वापसी और समर्थन मूल्य में खरीदी को कानूनी गारंटी देने की मांग पर दिल्ली सहित पूरे भारत के किसान आंदोलनरत हैं. करीब 72 दिन बीत जाने के बाद भी कड़कड़ाती ठंड में किसान दिल्ली पर जमे हुए हैं. वहीं केंद्र सरकार लगातार अन्नदाताओं को आतंकवादी और खालिस्तानी बता रही हैं.

किसान आंदोलन जन आंदोलन का रूप ले चुका है

उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन जन आंदोलन का रूप ले चुका है. अपने हक की लड़ाई के लिए गांव-गांव के किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किसान नेता पारसनाथ साहू, रूपन चंद्राकर, द्वारिका साहू समेत कई लोग आंदोलन को सफल बनाने के लिए हर गांव में जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं.

Last Updated : Feb 6, 2021, 1:06 AM IST
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