रायपुर: एक बार फिर चुनाव के पहले कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफी का ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ के चुनावी समीकरण में काफी बदलाव की संभावना है. जहां एक और कांग्रेस इसे किसानों के हित में लिया गया फैसला बता रही है, वही भाजपा किसानों का सभी तरह का कर्ज माफ करने की मांग कर रही है. किसान संगठन भी इस कर्ज माफी के ब्लूप्रिंट की जानकारी कांग्रेस से मांग रहे हैं. राजनीति के जानकारों का दावा है कि कांग्रेस के इस ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ में माहौल कांग्रेस के पक्ष में बन सकता है. लेकिन वे भाजपा के घोषणा पत्र में किसानों को प्राथमिकता दिए जाने की संभावना से भी इनकार नहीं कर रहे हैं. कर्ज माफी का यह मास्टर स्ट्रोक कांग्रेस और भाजपा के राजनीतिक समीकरण पर किस तरह का प्रभाव डालेगा. आइए जानते हैं.
शपथ लेते ही 19 लाख किसानों का दो करोड़ रुपये का हुआ था कर्ज माफ: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के पहले भी कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफी का ऐलान किया था. इसका खासा असर भी चुनाव में देखने को मिला. जिसके बाद 15 साल तक सत्ता पर काबिज भाजपा महज 15 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस को 68 सीटों के साथ एक तरफ जीत हासिल हुई. इसके बाद भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने और मुख्यमंत्री बनने के चंद घंटे के भीतर ही उन्होंने अपना वादा पूरा करते हुए किसानों का कर्ज माफ किया. इस दौरान राज्य के 18.82 लाख किसानों के 9,270 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ किया गया.
2023 के विधानसभा चुनाव में भी कर्जमाफी का मास्टर स्ट्रोक: 23 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सक्ती जिले में 2023 में सरकार बनाते ही कर्ज माफी और धान खरीदी का ऐलान कर दिया. सीएम ने कहा कि उनके इस ऐलान का भाजपा के पास कोई तोड़ नहीं है.
किसान संगठनों ने कर्जमाफी का ब्लू प्रिंट मांगा: किसान संगठनों ने भूपेश बघेल के द्वारा दोबारा कर्ज माफी के ऐलान का स्वागत किया है हालांकि उन्होंने भी किस तरह का कर्ज माफी होगा उसका ब्लू प्रिंट जारी करने की मांग भी कांग्रेस से की है. किसान नेता पारस साहू ने कहा कि भूपेश बघेल ने किसानों के हित में यह निर्णय लिया है, इससे किसानों का भरोसा कायम हुआ है. इस दौरान पारस ने आगामी दिनों में कांग्रेस के द्वारा किसानों के हित में और भी घोषणा किए जाने की संभावना जताई है.
किसान नेता वेगेंद्र सोनबेर ने कहा है कि कांग्रेस किसानों का किस तरह कर्ज माफ करेगी यह जानकारी भी कांग्रेस को देनी चाहिए. साल 2018 में कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ नहीं किया गया, सभी बैंकों का किसानों कर्ज माफ करने के वादा कांग्रेस को करना चाहिए.
किस-किस तरह का कर्ज होगा माफ कांग्रेस दें जवाब: भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को हार का आभास हो गया है इसलिए इस तरह की घोषणा कर रहे हैं. पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल के पास सिर्फ 40 दिन बचे हैं. ऐसे में वे क्या घोषणा करेंगे. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भी भूपेश बघेल से सवाल किया. उन्होंने सीएम से पूछा कि सीएम कौन सा कर्ज माफ करेंगे ये उन्हें स्पष्ट करना चाहिए. पिछली बार भी कर्ज माफी का ऐलान किया गया था लेकिन सिर्फ समिति के अल्पकालिक कर्ज को माफ किया गया. ऐसे में मुख्यमंत्री कहते कुछ है और करते कुछ और है.
किसान कर्ज माफी का कांग्रेस को मिलेगा लाभ: राजनीति की जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे का कहना है कि कांग्रेस के द्वारा किसानों की कर्ज माफी का ऐलान का चुनाव पर खासा असर देखने को मिलेगा. पिछली बार भी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की सबसे बड़ी दो महत्वपूर्ण घोषणा थी. जिसमें पहले किसने की कर्ज माफी और दूसरा धान का समर्थन मूल्य ₹2500 दिए जाना शामिल था. इस घोषणा का असर भी देखने को मिला और कांग्रेस उस दौरान एक तरफा जीत हासिल करते हुए सत्ता पर काबिज हुई. इस बार भी चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया है जिसका फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को होता नजर आ रहा है.
किसानों पर फोकस करते हुए हो सकता है भाजपा का घोषणा पत्र: हालांकि अनिरुद्ध दुबे ने यह भी कहा कि भाजपा इस बार अपने घोषणा पत्र में किसानों को प्राथमिकता दे सकती है, क्योंकि पिछली बार कहीं ना कहीं भाजपा के घोषणा पत्र में किसानों को उतनी तवज्जो नहीं दी गई थी जितना कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दिया था. यही वजह है कि इस बार भाजपा अपने घोषणा पत्र को लेकर काफी गंभीर है और संभावना जताई जा रही है कि उनके द्वारा जारी होने वाले घोषणा पत्र में सबसे ज्यादा फोकस किसानों पर होगा.