रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए आप ने कमर कस ली है. आप की नजर जनता कांग्रेस और बसपा के वोट बैंक पर है. यही वजह है कि बिलासपुर में रविवार को आप ने महारैली आयोजित की. महारैली के लिए बिलासपुर चुनने की बड़ी वजह भी है. दरअसल बिलासपुर संभाग में जनता ने हर बार वोटों का समीकरण बदला है. पिछले चुनाव में बिलासपुर संभाग की 24 सीटों में से 12 सीटों पर कांग्रेस जीती थी. बाकी की सीटों पर बीजेपी, जनता कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने कब्जा जमाया. जनता कांग्रेस बनाने वाले अजीत जोगी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने एक और सीट अपने नाम की. एक बार फिर चुनाव करीब आते ही सियासी दल सक्रिय हैं. आम आदमी पार्टी को भी बिलासपुर संभाग से बड़ी उम्मीदें हैं.
छत्तीसगढ़ में आप की स्थिति : छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी के 6 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता हैं. यह कार्यकर्ता वोटरों को साधने के लिए घर घर जाकर मेहनत कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के ट्राइबल सीटों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस कर रही है. बस्तर, सरगुजा संभाग के बाद आम आदमी पार्टी की नजर बिलासपुर संभाग पर है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ की सभी जगहों पर नजर आएगी. लेकिन बस्तर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग में आम आदमी पार्टी का फोकस ज्यादा है.
''बिलासपुर संभाग की यदि बात करें तो यहां का वोट बैंक बंटा हुआ नजर आता है. 2018 में प्रदेश के चारों संभागों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था. वहीं बिलासपुर की 24 में से 13 सीटें ही कांग्रेस के पास हैं. इसलिए विरोधी ये मानते हैं कि कांग्रेस के लिए बिलासपुर की सभी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करना किसी चुनौती से कम नहीं है. इसलिए संभाग की कई सीटों पर आम आदमी पार्टी की नजर है. वहीं राज्यसभा में आम आदमी पार्टी से संदीप पाठक हैं. वह छत्तीसगढ़ के मुंगेली के रहने वाले हैं. लिहाजा होम टाउन होने के कारण जनता से अटैचमेंट आम आदमी पार्टी के काफी काम आ सकता है.'' अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार
जोगी कांग्रेस और बसपा के वोटर्स साध सकती है आप : बिलासपुर संभाग में अजीत जोगी का बड़ा प्रभाव देखने को मिलता था. अजीत जोगी के निधन के बाद जोगी कांग्रेस कई भागों में बंट गई. हर पार्टी का फोकस होता है कि मतदाता उनकी तरफ आए. अजीत जोगी के प्रभाव से जोगी कांग्रेस का वोट बैंक बंटा है, उसी वोट बैंक पर आप की नजर है. आम आदमी पार्टी पिछड़ा वर्ग और दलितों की बात भी करते हुए नजर आती है. बिलासपुर संभाग की दो से तीन विधानसभा सीटों पर बहुजन समाज पार्टी का बहुत प्रभाव है. इस पर भी आम आदमी पार्टी की नजर है.
"चुनावी वर्ष शुरू होने की वजह से सभी पार्टियां आमसभा करती हैं. बड़े नेता आते हैं और भीड़ इकट्ठा की जाती है. लेकिन यह जरूरी नहीं कि भीड़ वोट में तब्दील हो जाए. भीड़ में एक ही पार्टी के लोग हैं. जैसे कि पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आए थे तो भीड़ जमा की गई थी. इसी तरह आप पार्टी की आमसभा में लोग जमा हुए थे. इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि यह भीड़ वोट में तब्दील होगी. क्योंकि कई लोग पंजाब के मुख्यमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को देखने भी आ सकते हैं. इसमें सभी दल के लोग रहे. रही बात आप विधानसभा चुनाव में कितना प्रभाव डालेगी, तो यह बात सही है कि आम आदमी पार्टी तीसरे मोर्चे के रूप में उभर रही है और लगभग 5 से 7 परसेंट वोट विधानसभा चुनाव में ले सकती है. जोगी कांग्रेस की पकड़ ढीली होने की वजह से भी आम आदमी पार्टी को अच्छा स्पेस मिल रहा है. इसमें भी एक बात यह है कि जोगी कांग्रेस के मतदाता को कांग्रेस कितना अपना बना सकती है. यह निर्भर करता है कि जोगी कांग्रेस के मतदाता पर.लेकिन आप पार्टी की भीड़ ने भाजपा और कांग्रेस को परेशान तो कर दिया है- निर्मल माणिक, राजनीति के जानकार
पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन : साल 2018 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को ज्यादा वोट हासिल नहीं हुए थे.चुनाव में पार्टी को 1 लाख 25000 वोट मिले थे. 2018 के चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत सिर्फ 0.9% था. 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी बड़े दमखम के साथ उतर रही है.