रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जड़ों को मजबूत करने का श्रेय टीएस सिंहदेव को भी जाता है. विधानसभा चुनाव 2018 में इन्हीं की बदौलत कांग्रेस सत्ता हासिल करने में कामयाब रही. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और सिंहदेव को जय वीरू की जोड़ी के रूप में खूब प्रचारित किया गया. हालांकि सरकार बनाने के बाद ढाई ढाई साल के फार्मूले को लेकर दोनों में दूरियां भी बढ़ीं. विधानसभा चुनाव 2023 से पहले माहौल भांपते कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल करते हुए टीएम सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया है.
टीएस सिंहदेव की शिक्षा दीक्षा: 31 अक्टूबर 1952 में प्रयागराज में जन्में टीएस सिंहदेव ने हमीदिया कॉलेज भोपाल से इतिहास में एमए किया है.
पारिवारिक पृष्ठभूमि : टीएस सिंहदेव शल्युजा शाही परिवार से हैं और वे सरगुजा राजघराने के 118वें राजा हैं. टीएस सिंहदेव के पिता का नाम मदनेश्वर सरन सिंह देव और मां का नाम राजमाता देवेंद्रकुमारी सिंहदेव है.
टीएस सिंहदेव का राजनीतिक जीवन : टीएस सिंहदेव का नाता छत्तीसगढ़ की राजनीति से है. बाबा ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का काम बखूबी अंजाम दिया है. टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ की राजनीति में काफी सक्रिय हैं. साल 2018 में कांग्रेस पार्टी को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे चुके हैं. टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ की अंबिकापुर सीट से साल 2008 से चुनाव लड़ रहे हैं और जीत दर्ज करते आए हैं.
सबसे अमीर नेताओं में हैं टीएस सिंहदेव: टीएस सिंहदेव का नाम छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर राजनेताओं में गिना जाता है. साल 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभाल चुनाव में इन्होंने बीजेपी पार्टी के उम्मीदवार अनुराग सिंह देव को काफी आसानी से पराजित किया था.
टीएस सिंहदेव का दबदबा पूरे छत्तीसगढ़ में है. लोकप्रियता ऐसी कि विपक्ष के लोग भी सम्मान करते हैं. सरगुजा संभाग के साथ ही छत्तीसगढ़ की अधिकांश सीटों पर बाबा दखल रखते हैं.