रायपुर: कहते हैं कि अपराध की उम्र लंबी नहीं होती. एक न एक दिन उसे सजा जरूर मिलती है. ऐसा ही हुआ है रायपुर में. यहां रायपुर कोर्ट ने ट्रिपल मर्डर के आरोपी उदयन दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह वही शातिर साइको किलर है. जिसने पहले अपने माता पिता को मौत के घाट उतारने का काम किया. फिर अपनी प्रेमिका और लिव इन पार्टनर को मार दिया और उसके शव को उसी फ्लैट में दफना दिया. जिसमें वह रहता था. फिर वहां पर चबूतरा बना दिया.
क्या है साइको किलर उदयन दास की कहानी: यह एक ऐसे साइको किलर की कहानी है जिसे रायपुर का अफताब कह सकते हैं. इस शख्स का नाम उदयन दास है. जो पहले अपने माता पिता का मर्डर करता है. फिर अपनी प्रेमिका जिसके साथ वह लिवइन रिलेशनशिप में रहता है उसे बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतारता है. उसके बाद वह लगातार अपनी अय्याशियों को पूरा करता है. आज यह साइको किलर उदयन दास रायपुर की सेंट्रल जेल में अपनी गुनाहों की सजा काट रहा है.
सोशल मीडिया में माता-पिता के साथ प्रेमिका को रखा जिंदा: साइको किलर उदयन दास ने पूरी प्लानिंग के साथ माता पिता और अपनी प्रेमिका को मौत के घाट उतारा था. उसकी प्रेमिका उसके साथ लिवइन रिलेशनशिप में रहती ती. इस किलर के बारे में यह भी खुलासा हुआ है कि अपने माता-पिता और प्रेमिका आकांक्षा की हत्या के बाद उन्हें सोशल मीडिया में जिंदा रखा. वह उनके नाम के फेसबुक अकाउंट से खुद को ही कैसे हो बेटा और जानू नाम से पोस्ट करता था.
कैसे हुआ मर्डर कांड का खुलासा: इस मामले का उस वक्त खुलासा हुआ, जब पश्चिम बंगाल की पुलिस मध्यप्रदेश के भोपाल पहुंची. लेकिन उनके हाथ कुछ खास नहीं लगा. बाद में भोपाल पुलिस की मदद से आकांक्षा हत्याकांड का खुलासा हुआ. इस खुलासे से पूरा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ हिल गया था. पं. बंगाल और मध्यप्रदेश के बाद उदयन दास की कहानी छत्तीसगढ़ पहुंची. फिर यहां से जब एक और चौकाने वाला खुलासा हुआ तो यह देश की सबसे बड़ी खबर बनी. क्योंकि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में उदयन ने अपनी प्रेमिका की हत्या से पहले ही अपने माता-पिता की भी हत्या की थी.
उदयन और आकांक्षा की कैसे हुई मुलाकात: आकांक्षा पश्चिम बंगाल के बांकुरा की रहने वाली थी. उसकी मुलाकात उदयन से सोशल मीडिया में हुई. उदयन ने खुद को अमेरिका में जॉब करने की बात कहकर झांसे में लिया. सोशल मीडिया की यह दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई. आकांक्षा अपने घर से नौकरी करने की बात कहकर बांकुरा से जून 2016 में निकली और सीधे दिल्ली पहुंची. उदयन उस दौरान दिल्ली में था. वहां से लौटकर दोनों भोपाल आ गए.
भोपाल के साकेत नगर में रहते थे आकांक्षा और उदयन: भोपाल में आकांक्षा साकेत नगर में उदयन के साथ रहने लगी. इस बीच आकांक्षा ने अपने घर वालों से यह बात कही कि वह अमेरिका में जॉब कर रही है. भोपाल में रहते हुए अपने परिवारवालों से बातें भी करती थी. लेकिन जुलाई 2016 में बातचीत बंद हो गई. भाई ने जब नंबर ट्रेस कराया तो उसका लोकेशन भोपाल बताया. इससे परिजनों को शक हुआ. फिर उन्होंने दिसंबर 2016 में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. रिपोर्ट के बाद बांकुरा पुलिस भोपाल पुहंची.
हत्या के बाद उदयन आकांक्षा के परिजनों से व्हाट्सएप चैट करता था: पश्चिम बंगाल की बांकुरा पुलिस आकांक्षा की तालाश में भोपाल पहुंची. क्योंकि आकांक्षा का आखिरी लोकेशन भोपाल के साकेत नगर में मिला था. उसके बाद आकांक्षा की कॉल डिटेल खंगाली गई,.जिसमें उदयन दास की जानकारी मिली. फिर 2 फरवरी को भोपाल के गोविंदपुरा पुलिस के सहयोग से उदयन की गिरफ्तारी हुई.
पूछताछ के दौरान उदयन ने क्या बताया: पूछताछ में उदयन ने बताया कि आकांक्षा उसके साथ रह रही थी. साथ रहने के दौरान उसकी सच्चाई समाने आने लगी थी. इसे लेकर उसके और उदयन के बीच विवाद होते रहता था. उदयन ने खुद को अमेरिका में नौकरी करने का भरोसा दिलाकर उसे अपने प्यार के झांसे में लिया था. इस दौरान आकांक्षा से लाखों रुपये भी ले चुका था. बढ़ते विवाद को देखते हुए उदयन ने आकांक्षा की हत्या कर दी. उदयन ने पूछताछ में यह भी बताया कि तकिए से आकांक्षा का मुंह दबाकर उसे मौत के घाट सुला दिया था. उसके बाद वह व्हाट्सएप चैट के जरिए आकांक्षा बन कर उसके घर वालों से बात करता था.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऐसे की तहकीकात: आकांक्षा मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उनके परिजनों के बारे में पूछताछ की. लेकिन उदयन ने विदेश में होने की बात कही. कड़ाई से पूछताछ में उदयन ने पुलिस के सामने चौकाने वाले खुलासा किए. जिसे सुनकर पुलिस अफसर स्तब्ध हो गए. उदयन ने खुलासा करते हुए बताया कि उसने 2010 में ही अपने माता पिता की हत्या कर दी. उनकी लाश को रायपुर के डीडीनगर इलाके के अपने मकान की बाड़ी में दफन कर दिया. उसके बाद रायपुर पुलिस मामले की जांच में जुट गई. उदयन के निशानदेही पर जब खुदाई की गई तो उसके माता पिता के नरकंकाल मिले. जिसके बाद पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराया और डीएनए रिपोर्ट मैच हुआ. इसके बाद उदयन की गिरफ्तारी की गई.
फर्जी तरीके से लेता था मां के नाम का पेंशन: उदयन के पिता वीके दास भेल में फोरमैन थे. मां इंद्राणी विंध्याचल भवन में एनालिस्ट थी. उदयन की पढ़ाई भोपाल के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई. उसकी मां रिटारयर हुई तो वह फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए उनकी पेंशन के पैसे निकाला करता था. उसके पैरेंट्स पिपलानी में रहते थे. लेकिन रिटायरमेंट के बाद वो रायपुर शिफ्ट हो गए थे. वह रायपुर के डीडी नगर की पॉश कॉलोनी में रहते थे. यहां उदयन अक्सर पैसों को लेकर उनसे मारपीट करता था.
पैसों के लिए की मां बाप की हत्या: एक दिन पैसों को लेकर ही उसने मां-बाप की हत्या कर दी. उनकी लाश को घर की बाड़ी में दफनाकर मकान बेच दिया. उसके पैसों से महंगी कार खरीदा और बाकी पैसों से ऐशोआराम करता था. आंकाक्षा के मर्डर केस के खुलासे के बाद उसके माता पिता की हत्या के मामले का भी खुलासा हुआ. उसके बाद उदयन को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा 2020 में सुनाई है. वह वर्तमान में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है.
इस अधिकारी ने उदयन दास केस की जांच की: रिटायर्ड उप पुलिस अधीक्षक राजीव शर्मा बताते हैं कि "उदयन वाला मामला कुछ वर्ष पहले का है. उस समय मैं नगर पुलिस अधीक्षक थाना पुरानी बस्ती था. उदयन नाम का एक लड़का था, जिसे बंगाल पुलिस ने पकड़ा था. पहले उदयन रायपुर में रहा करता था. उसकी मदर रायपुर में नौकरी करती थी. उदयन यहां का मकान बेचकर भोपाल चला गया. वहां एक लड़की के साथ लिव इन में रहता था. चूंकि उदयन बदमाश प्रवृत्ति के साथ ही मानसिक रोगी भी था".
राजीव शर्मा ने आगे क्या कहा: राजीव शर्मा ने बताया कि" लेकिन ऐसा नहीं था. वह एक कोल्ड ब्लडेड मर्डरर था. लड़की का जब उसके माता पिता से संपर्क टूट गया तो उसकी तालाश में पं. बंगाल पुलिस भोपाल पहुंची. जांच में पता चला कि उसने अपनी मासूका की हत्या कर सीमेंट से दफना दिया था. लाश को दफनाकर सीमेंट का एक बेड बना दिया. फिर जब इन्क्वायरी की गई तो पता चला की रायपुर के मकान को बेचकर भोपाल गया है. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो एक और खुलासा हुआ कि उसने अपने माता पिता की हत्या कर भोपाल चले गया था. उस समय डीडी नगर पुलिस ने मामले की जांच की थी. उस दौरान पृथ्वी दुबे डीडी नगर थाने के टीआई थे."