रायपुर: छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. संघ ने समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का परिवहन नहीं होने और धान खरीदी के लिए समितियों को शासन से प्राप्त होने वाली राशि के साथ ही, सुरक्षा भंडारण व्यय में वृद्धि करने की मांग की है. संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.
संघ का कहना है कि हजारों क्विंटल धान का उठाव नहीं हुआ है, जिससे पिछले 2 दिनों से हो रही बारिश से धान खराब हो रहे हैं. बाद में शासन-प्रशासन के द्वारा सहकारी समिति के कर्मचारियों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, जो कि गलत और अनुचित है.
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ की मांग
- धान खरीदी का काम 31 जनवरी 2021 को खत्म हो चुका है. खरीदे गए धान परिवहन के अभाव में समितियों में खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है. विपणन संघ द्वारा अनुबंध पत्र का पालन नहीं किया गया है.
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- धान खरीदी के समय छत्तीसगढ़ शासन के आदेश पर 17% नमी युक्त धान खरीदा गया है. खरीदे गए धान खुले आसमान में रखे होने के कारण धान सूख रहे हैं. दिमक और चूहे धान को नुकसान पहुंचा रहे हैं. लंबे समय से धान का परिवहन नहीं होने से वजन में कमी आती है. उसकी क्षतिपूर्ति शासन-प्रशासन करे.
- समिति द्वारा धान खरीदी के समय बोरी के वजन के बराबर खाली बोरी रखकर किया जाता है. जबकि धान परिवहन के समय मिलर 580 ग्राम तक बोरी का वजन काटा देते हैं, ऐसे में खाली बोरी का वास्तविक वजन 450 ग्राम से 550 ग्राम तक ही रहता है. जिसके कारण वजन में कमी बताई जाती है. इसकी भरपाई समिति के कर्मचारियों से कराई जाती है जो कि उचित नहीं है.
- खराब धान की भरपाई करने के लिए कर्मचारियों को परेशान किया जाता है. कई बार ऐसा होता है कि पुलिस प्रकरण भी दर्ज कराया जाता है. ऐसे में परिवहनकर्ता और मिलर्स के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए.