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20 बछर के छत्तीसगढ़: सुआ नृत्य में झूमते-झूमते जब महानदी की लहर उठे, समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है

छत्तीसगढ़ राज्य अपने स्थापना के 20 वर्ष पूरा कर चुका है. 1 नवंबर यानी रविवार को छत्तीसगढ़ का 20वां जन्मदिन मना रहा है. आइये जानते है छत्तीसगढ़ प्रदेश के बारे कुछ खास बातें...

establishment of chhattisgarh
20 बछर का छत्तीसगढ़
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Published : Nov 1, 2020, 12:00 AM IST

रायपुर: 1 नवंबर यानी छत्तीसगढ़ का जन्मदिन. आज छत्तीसगढ़ 20 साल का हो गया है. आज ही के दिन 2000 को मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया था. छत्तीसगढ़ का पौराणिक मान्यता के कौशल राज्य नाम था. जिसे भगवान श्रीराम का ननिहाल भी कहा जाता है. बताते हैं, गोंड जनजाति के शासनकाल के दौरान करीब 300 साल पहले इसका नाम छत्तीसगढ़ रखा गया था.

छत्तीसगढ़ का आज 20वां जन्मदिन

36 किलों का गढ़ छत्तीसगढ़

इतिहासकारों के मुताबिक कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए गए थे. इस क्षेत्र को दक्षिण कोसल के तौर पर भी जाना जाता था. बताते हैं, राजाओं के समय में छत्तीसगढ़ की राजधानी बिलासपुर के पास स्थित एक शहर रतनपुर, कल्चुरी हुआ करती थी. हालांकि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर है.

जल-जंगल और जमीन है पहचान

किले और गढ़ के अलावा छत्तीसगढ़ की और भी कई पहचान है. कहते हैं, जब जंगलों में धूप खिले...जब नदियां बहती जाएं...जब बैलों की पूजा हो...परंपराएं निभाई जाएं...तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. जब धान की खुशबू की महक उठे...बिटिया तीज में मेंहदी लगाकर चहक उठे...सुआ नृत्य में झूमते-झूमते जब महानदी की लहर उठे....तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. पोला-हरेली, चीला और फरा...बस्तर स्वर्ग सा सुंदर हरा-भरा...दंतेश्वरी के आशीष से जब दुख हरते जाएं...तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. आदिवासियों की झोली में रीति और रिवाज हैं. खेतों से आती खुशहाली की आवाज है. तीजन बाई की पंडवानी में जब चारों दिशाएं बंधती जाएं...समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है.

पढ़ें-20 साल का छत्तीसगढ़: जैसी परिकल्पना थी वैसा नहीं बन सका हमारा छत्तीसगढ़: जागेश्वर प्रसाद

भारत का 26वां राज्य छत्तीसगढ़

साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर भारत का 26वां राज्य बनने वाला छत्तीसगढ़ आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है. बीस साल के छत्तीसगढ़ ने तमाम उतार-चढ़ाव देखने के बाद भी, नक्सली हिंसा झेलते हुए भी ये प्रदेश विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है.

छत्तीसगढ़ का इतिहास

  • 1 नवंबर 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया
  • प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण कौशल' के नाम से जाना जाता था.
  • रामायण और महाभारत में भी उल्लेख मिलता है.
  • 6वीं और 12वीं शताब्दियों के बीच सरभपूरिया, पांडुवंशी, सोमवंशी, कलचुरी और नागवंशी शासकों ने यहां शासन किया
  • साल 1904 में यह प्रदेश संबलपुर उड़ीसा में चला गया और 'सरगुजा' रियासत बंगाल से छत्तीसगढ़ के पास आया.

छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी झारखंड और ओडिशा से, पश्चिम में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से, उत्तर में उत्तर प्रदेश और पश्चिमी झारखंड, दक्षिण में आंध्रप्रदेश से घिरा है. कहते हैं, छत्तीसगढ़ का इतिहास केवल 20 साल पुराना नहीं है. जब छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश का हिस्सा था, तब भी छत्तीसगढ़ियों का दिल अपने राज्य के लिए धड़कता था. डॉ. पंडित सुंदरलाल शर्मा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, खूबचंद बघेल जैसी विभूतियों ने छत्तीसगढ़ के लिए जन-जागरण के साथ इसे पाने के लिए लंबा संघर्ष किया था.

रायपुर: 1 नवंबर यानी छत्तीसगढ़ का जन्मदिन. आज छत्तीसगढ़ 20 साल का हो गया है. आज ही के दिन 2000 को मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया था. छत्तीसगढ़ का पौराणिक मान्यता के कौशल राज्य नाम था. जिसे भगवान श्रीराम का ननिहाल भी कहा जाता है. बताते हैं, गोंड जनजाति के शासनकाल के दौरान करीब 300 साल पहले इसका नाम छत्तीसगढ़ रखा गया था.

छत्तीसगढ़ का आज 20वां जन्मदिन

36 किलों का गढ़ छत्तीसगढ़

इतिहासकारों के मुताबिक कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए गए थे. इस क्षेत्र को दक्षिण कोसल के तौर पर भी जाना जाता था. बताते हैं, राजाओं के समय में छत्तीसगढ़ की राजधानी बिलासपुर के पास स्थित एक शहर रतनपुर, कल्चुरी हुआ करती थी. हालांकि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर है.

जल-जंगल और जमीन है पहचान

किले और गढ़ के अलावा छत्तीसगढ़ की और भी कई पहचान है. कहते हैं, जब जंगलों में धूप खिले...जब नदियां बहती जाएं...जब बैलों की पूजा हो...परंपराएं निभाई जाएं...तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. जब धान की खुशबू की महक उठे...बिटिया तीज में मेंहदी लगाकर चहक उठे...सुआ नृत्य में झूमते-झूमते जब महानदी की लहर उठे....तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. पोला-हरेली, चीला और फरा...बस्तर स्वर्ग सा सुंदर हरा-भरा...दंतेश्वरी के आशीष से जब दुख हरते जाएं...तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. आदिवासियों की झोली में रीति और रिवाज हैं. खेतों से आती खुशहाली की आवाज है. तीजन बाई की पंडवानी में जब चारों दिशाएं बंधती जाएं...समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है.

पढ़ें-20 साल का छत्तीसगढ़: जैसी परिकल्पना थी वैसा नहीं बन सका हमारा छत्तीसगढ़: जागेश्वर प्रसाद

भारत का 26वां राज्य छत्तीसगढ़

साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर भारत का 26वां राज्य बनने वाला छत्तीसगढ़ आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है. बीस साल के छत्तीसगढ़ ने तमाम उतार-चढ़ाव देखने के बाद भी, नक्सली हिंसा झेलते हुए भी ये प्रदेश विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है.

छत्तीसगढ़ का इतिहास

  • 1 नवंबर 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया
  • प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण कौशल' के नाम से जाना जाता था.
  • रामायण और महाभारत में भी उल्लेख मिलता है.
  • 6वीं और 12वीं शताब्दियों के बीच सरभपूरिया, पांडुवंशी, सोमवंशी, कलचुरी और नागवंशी शासकों ने यहां शासन किया
  • साल 1904 में यह प्रदेश संबलपुर उड़ीसा में चला गया और 'सरगुजा' रियासत बंगाल से छत्तीसगढ़ के पास आया.

छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी झारखंड और ओडिशा से, पश्चिम में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से, उत्तर में उत्तर प्रदेश और पश्चिमी झारखंड, दक्षिण में आंध्रप्रदेश से घिरा है. कहते हैं, छत्तीसगढ़ का इतिहास केवल 20 साल पुराना नहीं है. जब छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश का हिस्सा था, तब भी छत्तीसगढ़ियों का दिल अपने राज्य के लिए धड़कता था. डॉ. पंडित सुंदरलाल शर्मा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, खूबचंद बघेल जैसी विभूतियों ने छत्तीसगढ़ के लिए जन-जागरण के साथ इसे पाने के लिए लंबा संघर्ष किया था.

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