रायपुर: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel ) को एक के बाद एक लगातार मिल रही नई जिम्मेदारी इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि पार्टी और संगठन में बघेल का कद बढ़ा है. यही वजह है कि पार्टी ने भूपेश पर विश्वास जताया और पहले असम उसके बाद उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी भी सौंप दी. पार्टी ने भूपेश पर भरोसा जताया तो सीएम भी उस भरोसे पर बिल्कुल खरे उतरते नजर आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश का सीनियर ऑब्जर्वर बनने के बाद वे अब तक करीब आधा दर्जन बार यूपी का दौरा कर चुके हैं. जिसमें उन्होंने न सिर्फ पार्टी की बैठकें अटेंड कीं, बल्कि चुनावी सभाएं भी की हैं.
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असम में न बनी सरकार, लेकिन पार्टी का बेहतर रहा प्रदर्शन
पार्टी की मानें तो इसके पीछे कई प्रमुख वजह है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा कि पार्टी ने बघेल को लोकसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाया गया था. फिर असम चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई, भले वहां सरकार कांग्रेस की न बनी, लेकिन पार्टी का असम में अच्छा प्रदर्शन रहा. इसके बाद अब पार्टी ने बघेल पर विश्वास जताते हुए एक बार फिर से उन्हें यूपी का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है.
बघेल की कार्यप्रणाली ही उनकी लोकप्रियता की मुख्य वजह : सुशील
सुशील ने आगे कहा कि बघेल की लोकप्रियता की मुख्य वजह उनकी कार्यप्रणाली है. सरकार बनने के बाद उन्होंने घोषणा पत्र में किये गए वादे पूरे किये. किसानों और युवाओं सहित हर वर्ग का ख्याल रखा, उनकी मांगें पूरी कीं. यही वजह है कि आज पार्टी में उनकी विशेषता बढ़ी है. उनके काम की प्रशंसा दूसरे राज्यों में भी हो रही है. छत्तीसगढ़ रोल मॉडल (Chhattisgarh Role Model) की चर्चा आज देश के दूसरे राज्यों में भी हो रही है. बघेल आज देश के अन्य मुख्यमंत्रियों की अपेक्षा ज्यादा लोकप्रिय हैं और यही वजह है कि पार्टी ने बघेल पर विश्वास जताते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
अब तक बघेल द्वारा लिये महत्वपूर्ण निर्णयों ने उन्हें मजबूत बनाया : रामअवतार
इधर, वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी (Senior Journalist Ramavatar Tiwari) ने बताया कि बघेल जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ खुलकर बोलते हैं, आज कांग्रेस में कोई और दूसरा नेता नहीं बोलता. कांग्रेस की स्थिति ऐसी है कि पार्टी के कई नेता पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोले हुए हैं. ऐसे में बघेल का मोदी और शाह के खिलाफ बयान देने से उनका कद बढ़ा है. इसके अलावा सत्ता पर काबिज होने से लेकर अब तक लिये उनके कई महत्वपूर्ण निर्णयों ने उन्हें मजबूती प्रदान किया है.
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यूपी में पिछड़े वोट पर पार्टी की नजर भी एक बड़ा कारण
वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने आगे कहा कि आज यूपी में चुनाव है और वहां पिछड़ा वर्ग की संख्या काफी है. ऐसे में वहां पार्टी बघेल को सामने कर वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है. उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर महत्व दिया जा रहा है. हाल ही में यूपी में बघेल की टीम ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव का प्रशिक्षण दिया कि कैसे चुनाव में उतरना है. कैसी बातें करनी हैं, किन मुद्दों को लेकर लोगों के बीच जाना है. इसका फायदा भी आगामी विधानसभा चुनाव में मिल सकता है.
पार्टी के विश्वास पर भूपेश कितने सफल, यह तो विधानसभा चुनाव ही करेगा तय
पार्टी ने विश्वास जताते हुए भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश की कमान तो सौंपी है, लेकिन इसमें वे कितने सफल होते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिन जिस तरह भूपेश बघेल को एक के बाद एक नई जिम्मेदारी मिल रही है, उससे जाहिर है कि पार्टी का भूपेश बघेल पर विश्वास कहीं ज्यादा है. यही वजह है कि पार्टी ने पहले असम और उसके बाद उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सीएम बघेल को सौंपी है.