रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश की दो प्रमुख पार्टी कांग्रेस और भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है. बस्तर की सीटें दोनों ही पार्टियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल दोनों इन दिनों बस्तर दौरे पर हैं. भाजपा ने आने वाले चुनाव के मद्देनजर रणनीति बनाई है. जिसके तहत आने वाले चुनाव के हर दिन भाजपा प्रदेश भर के अलग अलग विधानसभाओं में प्रदर्शन और जनता के बीच जाकर कांग्रेस सरकार को चुनाव की उल्टी गिनती याद दिलाएगी. आखिर आने वाले चुनाव को लेकर भाजपा के पास कांग्रेस के खिलाफ ऐसे कौन से अहम मुद्दे हैं. कांग्रेस की इससे निपटने की क्या है तैयारी, इसको लेकर ETV भारत ने भाजपा, कांग्रेस और राजनीतिक विश्लेषक से बातचीत की. Chhattisgarh assembly elections 2023
शराबबंदी को बताया भाजपा का मुद्दा: भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय श्रीवास्तव (Senior BJP leader Sanjay Srivastava) ने कहा " किसी भी पार्टी को जनता के बीच विश्वास पैदा करने के लिए अपने कामों को जनता के बीच ले जाना पड़ता है. कांग्रेस ने 2018 चुनाव के समय जन घोषणा पत्र में जो वादे किया था अगर वह पूरा करते तो जनता आज उनके साथ रहती. लेकिन सरकार ने महिलाओं के साथ धोखा किया है. सरकार ने शराबबंदी का वादा तो किया और इसके लिए एक समिति भी बनाई लेकिन समिति के अध्यक्ष सतनारायण शर्मा ने कल खुद कहा है कि शराबबंदी जनता के लिए कोई मुद्दा ही नहीं है. यह केवल भाजपा का मुद्दा है. 4 साल पहले जब आप विपक्ष में थे तब आपने इसे जनता का मुद्दा बताया था. लेकिन जब कांग्रेस सरकार में आ गए तो वह अब जनता का मुद्दा नहीं है. "
संजय श्रीवास्तव ने कहा "बेरोजगारी भत्ता को लेकर कांग्रेस कहते है कि यह हमने कहा ही नहीं. कांग्रेस का ये डीएनए हैं आजादी के बाद से झूठ बोलना और वादाखिलाफी करना. प्रदेश में बेरोजगार, युवा, महिला, स्व सहायता समूह की महिलाएं, किसान, सरकार से सभी परेशान हैं. ऐसे अनेक प्रकरण हैं जिससे प्रदेश में सरकार की रवानगी के लिए एक वातावरण बन गया है. यह खुद भूपेश बघेल जानते हैं कि उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है 2023 में फिर से बीजेपी की सरकार आने वाली है. "
मुद्दाविहीन है भाजपा: कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर (Congress State Spokesperson Dhananjay Singh Thakur) ने बताया " प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की उल्टी गिनती चल रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को 15 सीट पर समेट दिया. उसके बाद हुए विधानसभा के 3 उपचुनाव, नगर पालिका, नगर निगम, पंचायत, उप पंचायत के चुनाव में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कामों पर छत्तीसगढ़ की जनता को पूरा विश्वास है. कांग्रेस पार्टी वर्तमान में 71 सीट के साथ बाकी 19 सीटों पर भी जीतने के लक्ष्य को लेकर चल रही है. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी मुद्दाविहीन होने के साथ ही जन समर्थन खो चुकी है.
भाजपा को नए और मजबूत चेहरे की जरूरत: वरिष्ठ पत्रकार अजय श्रीवास्तव ने बताया " छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में अभी लगभग सवा साल बाकी है लेकिन दोनों प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही प्रदेश के विधानसभाओं में दौरा शुरू कर दिया है. भाजपा के पास कांग्रेस के खिलाफ कई मुद्दे हैं. जिस में शराबबंदी, बेरोजगारी भत्ता, गोठान, धान खरीदी यह बड़े मुद्दे है. जिसे भाजपा आने वाले चुनाव में कांग्रेस खिलाफ इस्तेमाल कर सकती है. भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहने वाला है कि जनता के बीच वह अपने पार्टी को लेकर विश्वास कैसे पैदा करें. भाजपा अभी भी अपने वरिष्ठ और पुराने बड़े चेहरों पर विश्वास कर रही है. लेकिन जनता के बीच विश्वास पैदा करने के लिए भाजपा को मजबूत और नए चेहरे की जरूरत है जिस पर जनता भरोसा कर सके. "