जगदलपुर\हैदराबाद: छत्तीसगढ़ में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे नए मुद्दे सामने आ रहे हैं. 8 अप्रैल को बेमेतरा हिंसा के बाद 10 अप्रैल को विहिप के छत्तीसगढ़ बंद के दौरान जगदलपुर में विहिप और भाजपा नेताओं का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें वे मुसलमानों और ईसाइयों के आर्थिक बहिष्कार की शपथ ले रहे हैं. मामले में कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत भी की है लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई का बात सामने नहीं आई है.
क्या शपथ ली: आमगुड़ा चौक के पास विहिप और भाजपा कार्यकर्ता इकट्ठा हुए. एक सुर में सभी ने कहा कि वे मुसलमानों और इसाईयों की दुकान से कोई भी चीज नहीं खरीदेंगे. फिर चाहे वो दूध, राशन, गद्दा या फिर और कोई भी सामान क्यों ना हो. आर्थिक आधार पर गैर हिंदुओं का बहिष्कार करेंगे. उनसे किसी भी तरह की कोई चीज नहीं खरीदेंगे. शपथ ग्रहण के दौरान हिंदू दुकानदारों से अपनी दुकानों के बाहर 'मैं हिंदू हूं' का साइनबोर्ड लगाने को भी कहा गया. शपथग्रहण के बाद जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए. ईटीवी भारत शपथ वाले इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता
Chhattisgarh bandh छत्तीसगढ़ बंद को लेकर व्यापारी और आम लोगों की मिलीजुली राय
शपथ ग्रहण में कौन कौन शामिल हुआ: जगदलपुर के आमगुड़ा चौक में हुए शपथग्रहण में पूर्व भाजपा सांसद दिनेश कश्यप, बस्तर परिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव, जिला अध्यक्ष रूप सिंह मंडावी, जगदलपुर निगम में नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे के साथ 70 से 80 विहिप और भाजपा कार्यकर्ता शामिल रहे. बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रही.
भाजपा के इशारे पर हो रहा काम: पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने मामले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि सत्ता से जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी बौखला गई है. छत्तीसगढ़ में धर्म और संप्रदाय के नाम पर बांटने का काम कर रही है. देश के संविधान के अनुसार हर नागरिकों को मौलिक अधिकार प्राप्त है. हर नागरिक अपने धर्म, संप्रदाय, जाति के आधार पर पूजा, आराधना, साधना कर सकता हैं. लेकिन कुछ जगहों पर भाजपा के इशारे पर समुदाय विशेष के खिलाफ शपथग्रहण लिया जा रहा है जो निंदनीय है. उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
10 अप्रैल को विहिप ने क्यों किया छत्तीसगढ़ बंद: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के बिरनपुर गांव में 8 अप्रैल को खेल खेल में बच्चों की लड़ाई शुरू हुई. बच्चों की लड़ाई में बड़े कूद पड़े. दो पक्षों में पथराव शुरू हो गया. इस विवाद में 23 साल के युवक भुनेश्वर साहू की मौत हो गई. युवक के मौत के बाद मामला और गर्मा गया. पूरे मामले ने सांप्रदायिक रंग ले लिया. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस पर भी लोगों ने पथराव कर दिया. गांव में तनाव को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई. बिरनपुर को छावनी में तब्दील कर दिया गया. बेमेतरा हिंसा के बाद विहिप ने 10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ बंद बुलाया, जिसका बीजेपी ने भी समर्थन किया.
सीएम ने की मुआवजे की घोषणा: सीएम ने बिरनपुर की घटना को दुर्भाग्यजनक बताते हुए पीड़ित भुनेश्वर साहू के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की. कमिश्नर के नेतृत्व में मामले की उच्च स्तरीय जांच की भी घोषणा की.