रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों दोनों ही प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे से चुनाव के दौरान किए गए वादों का हिसाब मांग रही हैं. जहां एक ओर भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता पर काबिज होने के बाद 18 महीने का हिसाब मांगा है, तो, वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए बीजेपी से पिछले 15 साल तक सत्ता पर काबिज रहने के दौरान किए गए वादों का जवाब मांगा है.
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चुनाव से पहले कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से उठाए गए मुद्दों पर निशाना साधा है. रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विभिन्न मुद्दों पर लगातार एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. इस बार रमन सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले भूपेश बघेल के पास झीरम के सबूत थे, रोजगार के लिए ब्लू प्रिंट था, शराबबंदी के लिए योजना थी, रोजगार भत्ते के लिए पैसे थे. साथ ही 2500 रुपए समर्थन मूल्य देने के पैसे थे, लेकिन भूपेश बघेल जब से सरकार में आए हैं, तब से इनके पास कुछ नहीं है.
कांग्रेस के पास चुनाव के पहले झीरम के सबूत थे, शराबबंदी के लिए योजना थी, लेकिन अब कुछ नहीं'
कांग्रेस-बीजेपी एक दूसरे पर लगा रहे वादाखिलाफी का आरोप
रमन सिंह ने साल 2018 में भूपेश बघेल के एक ट्वीट को साझा किया है. इसमें भूपेश बघेल ने लिखा है कि बेरोजगारी दूर करना सिर्फ चुनावी नारा नहीं होना चाहिए, जुमला तो हरगिज नहीं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है, पूरे ब्लू प्रिंट के साथ तैयार है. युवा साथियों के लिए अब बस थोड़े दिन का सब्र और है. साथ ही रमन सिंह कांग्रेस को मुद्दाविहीन बताया है. रमन ने कहा कि वादाखिलाफी का रिकॉर्ड बनाने वाले डेढ़ साल में वादों का हिसाब मांग रहे.
'बीजेपी ने 15 साल सरकार चलाने के बाद भी पूरे नहीं किए वादे'
रमन सिंह के हिसाब मांगे जाने पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पलटवार किया है. शुक्ला ने कहा कि वादाखिलाफी का 15 साल लंबा रिकॉर्ड बनाने वाले रमन सिंह किस नैतिकता से कांग्रेस सरकार से मात्र डेढ़ साल में ही वादों का हिसाब मांग रहे हैं. शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस से डेढ़ साल में ही सारे वादों को पूरा करने की अपेक्षा करने वाले रमन सिंह भूल रहे हैं. उन्होंने 2003 के भाजपा के संकल्प पत्र के वादों को 15 साल तीन बार सरकार चलाने के बाद भी पूरा नहीं किया था.
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'रमन ने नहीं दिया किसी को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय'
रमन सिंह ने 2003 में वादा किया था, कि हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय देंगे, जो कभी पूरा नहीं किया, हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. 2003 में ही राज्य के बेरोजगार युवाओं को 500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, जो कभी पूरा नहीं किया. किसानों को धान पर पूरे पांच साल बोनस का वादा कर सिर्फ चुनावी साल में बोनस देने वाले रमन सिंह आज किस नैतिकता से 2500 रुपए में धान खरीदी पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.
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तीन वर्षों में कांग्रेस की सरकार करेगी सभी वादे पूरे
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण ही वादा निभाने के लिए कांग्रेस ने राजीव गांधी न्याय योजना लागू की. किसानों को धान के कीमत की अंतर राशि की पहली किश्त का भुगतान हो गया है. शेष दूसरी और तीसरी किस्त का भुगतान 20 अगस्त तक हो जाएगा. कांग्रेस की सरकार को पांच साल के लिए जनादेश मिला है. शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के जनघोषणा पत्र में पांच साल कार्यकाल में पूरा करने के लिए वायदा किया था. आने साढ़े तीन वर्षों में कांग्रेस की सरकार अपने सारे वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
नेताओं के किए वादों का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है
बहरहाल, कांग्रेस या भाजपा एक दूसरे से चुनाव के दौरान किए गए वादों को लेकर सवाल कर रहे हैं, लेकिन जनता को इन सवालों का जवाब अभी तक नहीं मिला है, क्योंकि जहां एक और भाजपा ने चुनाव के दौरान किए वादों को 15 वर्षों में पूरा नहीं किया, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार ने डेढ़ साल में वादों को लेकर किए गए काम पर भाजपा ने असंतोष जताया है. ऐसे में प्रदेश में सरकार चाहे बीजेपी हो या फिर कांग्रेस की उसका खामियाजा जनता को ही उठाना पड़ता है. अब देखने वाली बात है कि कांग्रेस सरकार आने वाले समय में चुनाव के पहले किए गए कितने वादों को पूरा कर पाती है.