रायपुर: स्वामी आत्मानंद स्कूल के एजुकेशन सिस्टम को बेहतर करने के लिए शिक्षा विभाग ने पहल की है. पहले चरण में रिक्त चल रहे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों के प्राचार्य पदों को भरा गया. स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने बताया कि "स्वामी आत्मानंद स्कूल जो कि प्रदेश में खोला गया है, जिसमें बेहतर पढ़ाई भी हो रहा है, वहां जरूरत के आधार पर प्राचार्यों की प्रतिनियुक्त की गई है."
गरीब परिवार के बच्चे के लिए की गई है पहल: ग्लोबलाइजेशन के दौर में अंग्रेजी एक ग्लोबल भाषा है. निम्न और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए यह संभव नहीं कि वे अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ा सकें. राज्य सरकार ने स्वामी आत्मानंद स्कूल की स्थापना की. इस नए कदम से अब बिना मोटी फीस चुकाए हर वर्ग के बच्चे अंग्रेजी में शिक्षा ले रहे हैं. यह भी सुनिश्चित किया गया कि अंग्रेजी की पढ़ाई केवल रायपुर में ही नहीं बल्कि ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में भी हो. स्कूल में सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में 52 स्कूल खोलकर की गई शुरुआत: प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल की शुरुआत सबसे पहले 3 जुलाई 2020 को हुई. इसी वर्ष अलग-अलग शहरों में 52 स्कूल खोले गए. उस समय यहां प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या कम थी. फिर भी प्रथम वर्ष में आवेदन की संख्या 20 हजार से ज्यादा तक पहुंच गई थी. धीरे-धीरे स्कूल की गुणवत्ता की चर्चा होने के साथ यहां आवेदन की संख्या बढ़ती गई. साल 2022-23 में दो लाख 76 हजार से अधिक आवेदन मिले. मांग और परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों की संख्या भी बढ़ाई गई.
धमतरी के वनांचल क्षेत्र नगरी का आत्मानंद स्कूल बन कर तैयार, बच्चों को मिलेगी बेहतर शिक्षा
प्रदेश में चल रहे 247 अंग्रेजी माध्यम स्कूल: प्रदेश में 279 स्कूल संचालित हैं, जिसमें अंग्रेजी माध्यम के 247 और हिन्दी माध्यम के 32 स्कूल हैं. यही नहीं आने वाले शैक्षणिक सत्र में 439 हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की भी योजना है.
नए आत्मानंद स्कूलों में नहीं शुरु हो सकी पढ़ाई, बिलासपुर प्रशासन ने मांगा और समय
संविदा पर रखे गए विषय विशेषज्ञ: शिक्षण संस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक की जरूरतें पूरी की गईं. अन्य स्कूलों से प्रतिनियुक्ति पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक लाए गए. वहीं संविदा पर विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती भी की गई. शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए. बच्चों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट बोर्ड का उपयोग किया गया. इससे बच्चे ऑडियो विजुअल मीडियम से अध्ययन करने लगे. उन्हें विषय को समझने में आसानी हुई.