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छत्तीसगढ़ में सांस लेना मुश्किल!, प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 25, 2023, 5:18 PM IST

chhattisgarh air quality index छत्तीसगढ़ के चार बड़े शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स तय मानकों से ऊपर चल रहा है. हवा में जैसे ही प्रदूषण का स्तर इस मौसम में बढ़ता है, वैसे ही बच्चों और बुजुर्गों में सांस से संबंधित रोग होने शुरू हो जाते हैं. सर्दियों की शुरुआत में डॉक्टर भी लोगों को वायु प्रदूषण की जद में आने से बचने की सलाह देते हैं.

chhattisgarh air quality index
छत्तीसगढ़ के शहरों का बढ़ा AQI

रायपुर: सर्दियों के मौसम की शुरुआत में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है. जिन जिलों में फैक्ट्री और फर्नेश ज्यादा होते हैं, वहां पर वायु प्रदूषण में तेजी से इजाफा इस मौसम में होता है. छत्तीसगढ़ के चार ऐसे बड़े शहर हैं, जहां इन दिनों एयर क्वालिटी इंडेक्स सेहत के तय मानकों से ऊपर जा रहा है. भिलाई में एयर क्वालिटी इंडेक्स 115 पर है, जिसे हम सेहत के लिए अच्छा नहीं मान सकते. बिलासपुर में भी वायु प्रदूषण का एक्यूआई स्तर 107 है. दुर्ग में स्टील प्लांट और फर्नेश होने के चलते यहां का एक्यूआई लेवल 155 के स्तर पर है, जो सेहत के लिए खराब है. रायपुर शहर का एक्यूआई लेवल 115 है, यहां का लेवल भी सेहत के लिए ठीक नहीं है.

मौसम का सेहत पर असर: शहर में जब वायु प्रदूषण बढ़ता है, तो सांस रोग से संबंधित डॉक्टरों की हिदायत होती कि आप मास्क पहनें. जरूरत हो तो घरों से बाहर निकले और बाहर भी मास्क का इस्तेमाल जरूर करें. दूसरी सलाह जो डॉक्टर देते हैं वो है घरों की खिड़कियों को बंद रखें, अगर आपके शहर में वायु प्रदूषण का स्तर तय मानकों से ज्यादा हो तो घर में छोटे बच्चों को भी मास्क पहनाएं. घर में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें.

क्या है आपके शहर का AQI लेवल: स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो यदि आपके शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के भीतर है तो वो अच्छी मानी जाएगी. अगर आप जिस शहर में रहते हैं उस शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स 51 से लेकर 100 के बीच की है तो उसे ठीक माना जाएगा. 101 से ऊपर जैसे ही AQI लेवल स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग में दर्ज होगा, उसे बेहतर क्वालिटी में नहीं रखा जाएगा, यानि की 101 से ऊपर जैसे ही एक्यूआई लेवल होता जाएगा और उतना ही खतरनाक सेहत के लिए होगा.

बच्चे और बुजुर्ग रखें ध्यान: सर्दियों के मौसम में अक्सर बच्चे और बूढ़े दोनों सांस रोग से संबंधित रोगों के शिकार हो जाते हैं. सांस रोग से संबंधित डॉक्टर भी कहते हैं कि, हवा में घुली जहर जब फेफड़ों में जाती है, तो इनफेक्शन पैदा करती है. इनफेक्शन की वजह से ही खांसी और दम फूलने की समस्या होती है.

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मौसम का सेहत पर असर: शहर में जब वायु प्रदूषण बढ़ता है, तो सांस रोग से संबंधित डॉक्टरों की हिदायत होती कि आप मास्क पहनें. जरूरत हो तो घरों से बाहर निकले और बाहर भी मास्क का इस्तेमाल जरूर करें. दूसरी सलाह जो डॉक्टर देते हैं वो है घरों की खिड़कियों को बंद रखें, अगर आपके शहर में वायु प्रदूषण का स्तर तय मानकों से ज्यादा हो तो घर में छोटे बच्चों को भी मास्क पहनाएं. घर में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें.

क्या है आपके शहर का AQI लेवल: स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो यदि आपके शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के भीतर है तो वो अच्छी मानी जाएगी. अगर आप जिस शहर में रहते हैं उस शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स 51 से लेकर 100 के बीच की है तो उसे ठीक माना जाएगा. 101 से ऊपर जैसे ही AQI लेवल स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग में दर्ज होगा, उसे बेहतर क्वालिटी में नहीं रखा जाएगा, यानि की 101 से ऊपर जैसे ही एक्यूआई लेवल होता जाएगा और उतना ही खतरनाक सेहत के लिए होगा.

बच्चे और बुजुर्ग रखें ध्यान: सर्दियों के मौसम में अक्सर बच्चे और बूढ़े दोनों सांस रोग से संबंधित रोगों के शिकार हो जाते हैं. सांस रोग से संबंधित डॉक्टर भी कहते हैं कि, हवा में घुली जहर जब फेफड़ों में जाती है, तो इनफेक्शन पैदा करती है. इनफेक्शन की वजह से ही खांसी और दम फूलने की समस्या होती है.

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