रायपुर : छ्त्तीसगढ़ में नई सरकार तो बन गई है. लेकिन चुनौतियां अब भी पुरानी है. इसमें से सबसे बड़ी जो चुनौती है वो नक्सली वारदातें हैं.जिसमें आए दिन फोर्स के जवान और आम ग्रामीण शिकार हो रहे हैं. चुनाव से पहले बस्तर में बीजेपी नेताओं की हत्याएं हुई थी.जिसे लेकर बीजेपी ने टारगेट किलिंग का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सरकार को घेरा था.वहीं चुनाव के बाद एक बार फिर नक्सलियों ने अपना आतंक फैलाना शुरु किया है.
कांकेर और नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट : नक्सलियों ने हाल ही में कांकेर और नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट किया. जिसमें दो जवान शहीद हुए हैं. कांकेर में बीएसएफ और नारायणपुर में सीएएफ का जवान शहीद हुआ. कांकेर में जहां नक्सलियों ने गुरुवार को ब्लास्ट किया,वहीं नारायणपुर में बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह से पहले नक्सलियों ने कायराना हरकत की.
बीएसएफ का जवान कहां हुआ शहीद : कांकेर जिले के प्रतापपुर टेकरापारा पहाड़ के पास आईईडी ब्लास्ट हुआ. जिसकी चपेट में बीएसएफ का जवान आ गया.बताया जा रहा है कि जिस समय आईईडी ब्लास्ट हुआ जवान रूटीन चेकिंग में लगे थे.तभी जंगल के बीच बने रास्ते में ब्लास्ट हुआ.ब्लास्ट होने के बाद घायल जवान को गंभीर हालत में पखांजूर के सिविल अस्पताल लाया गया.जहां खिलेश्वर राय की मौत हो गई.
नारायणपुर में कमलेश साहू हुआ शहीद: वहीं बुधवार को नारायणपुर के छोटेडोंगर में आमदई खदान की सुरक्षा में CAF जवान लगे थे. इसी दौरान सुबह 11 बजे नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान IED विस्फोट भी हुआ.जिसमें सीएएफ जवान कमलेश साहू शहीद हो गए. कमलेश साहू सक्ती जिले के हसौद गांव के निवासी थे. वहीं दूसरा जवान विनय कुमार घायल हो गया.
दंतेवाड़ा में वाहनों को लगाई थी आग : इससे पहले नक्सलियों ने 26-27 नवंबर की रात को दंतेवाड़ा के शहरी क्षेत्र में एक बड़ी घटना को अंजाम दिया था. जहां पीएलजीए सप्ताह से पहले भांसी थाना से लगभग एक से दो किलोमीटर की दूर बड़ी वारदात को अंजाम दिया था.जिसमें नक्सलियों ने रात के लगभग 01 बजे के बीच दंतेवाड़ा से किरंदुल के बीच भांसी गांव में आतंक मचाया. नक्सलियों ने मेन रोड से लगे डामर प्लांट में लगे लगभग 14 से 15 वाहनों में आग लगा दी. नक्सली सड़क निर्माण के काम का विरोध कर रहे थे.
दंतेवाड़ा में हुआ था बड़ा नक्सली अटैक : वहीं साल के सबसे बड़े नक्सली हमले की बात करें तो दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सली ने आईईडी ब्लास्ट करके डीआरजी के जवानों को निशाना बनाया था.जिसमें 10 जवान शहीद हुए थे.जिसमें दरभा डिविजन के जगदीश सोढ़ी का नाम सामने आया था.