रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के परिणामों ने राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया. बीजेपी की आंधी का आलम ये रहा कि कांग्रेस के दो तिहाई मंत्री भी अंडर करंट की चपेट में आ गए. छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल के साथ तीन मंत्री ही अपनी सीट बचा पाए.
भाजपा को 8 जिलों में एक भी सीट नहीं मिली: सारंगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बालोद, खैरागढ़, मोहला मानपुर, बीजापुर और सुकमा
14 जिले में कांग्रेस का कांग्रेस का खाता नहीं खुला: मनेंद्रगढ़, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, जीपीएम, मुंगेली, रायपुर, बेमेतरा, कबीरधाम, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा
भाजपा ने बनाया रिकॉर्ड: भाजपा को इस बार 54 सीटें मिली हैं. इससे पहले 3 बार सत्ता में रही भाजपा ने भी इतनी सीट हासिल नहीं की थी. भाजपा अधिकतम 50 सीट ही जीत पाई थी. वोट शेयरिंग में भी भाजपा ने इतिहास रचा है. भाजपा को साल 2023 के चुनाव में 46.27 प्रतिशत वोट मिले हैं. इससे पहले पार्टी अधिकतम 42.3 प्रतिशत वोट शेयर तक पहुंची थी.
हार के बाद भी कांग्रेस को राहत: कांग्रेस को बड़ी हार मिली है, लेकिन पार्टी का वोट बैंक अब भी उसके साथ है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 68 सीट जीती थी. कांग्रेस को 43.9 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार कांग्रेस का वोट शेयर 42.23 प्रतिशत है. यानी पिछले चुनाव की तुलना में कांग्रेस का वोट महज 1.17 प्रतिशत ही कम हुआ है.
19 महिला उम्मीदवार जीतीं: छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस ने 33 महिला उम्मीदवार उतारे. इनमें 19 महिलाओं ने जीत दर्ज की है. भाजपा ने 15 महिलाओं को टिकट दी.
पुरुषों से ज्यादा महिला वोटर: छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा है. कुल 2 करोड़ 3 लाख 93 हजार 160 मतदाता हैं. इनमें 1 करोड़ 2 लाख 56 हजार 865 महिला मतदाता और 1 करोड़ 1 लाख 35 हजार 543 पुरुष मतदाता हैं. कुल 78 लाख 12 हजार 631 महिला मतदाताओं ने और 77 लाख 48 हजार 612 पुरुष मतदाताओं ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में वोटिंग किया. छत्तीसगढ़ की कुल 90 सीटों में से करीब 50 सीटें ऐसी हैं, जहां महिला वोटर्स की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा है.
भाजपा के ज्यादातर विधायक ग्रेजुएट, ईश्वर साहू सिर्फ पांचवीं पास: भाजपा के ज्यादातर विधायकों के पास बैचलर डिग्री है. भाजपा के रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी पूर्व कलेक्टर रह चुके हैं. भाजपा से लगातार आठवीं बार विधायक बनने वाले बृजमोहन अग्रवाल भी एलएलबी पास हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव विधायक डॉ रमन सिंह ने बीएएमएस की पढ़ाई की है. कोंटा से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा सिर्फ साक्षर हैं. कोरबा से भाजपा विधायक लखनलाल देवांगन ने सातवीं, रामपुर से फूलसिंह राठिया ने आठवीं की पढ़ाई की है, वहीं साजा विधायक ईश्वर साहू सिर्फ पांचवीं पास हैं.
23 साल बाद खुला गोंगपा का खाता: गोंगपा यानी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) को छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहली बार सीट मिली है. खास बात यह है कि पाली तानाखार कांग्रेस का गढ़ रहा है. पाली तानाखार से आदिवासी नेता तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम ने कांग्रेस उम्मीदवार दुलेश्वरी सिदार को हराया. गोंगपा की स्थापना 1991 में हीरा सिंह मरकाम ने की थी. तुलेश्वर, उन्हीं के बेटे हैं. हीरा सिंह मरकाम के निधन के बाद उनके बेटे तुलेश्वर सिंह पार्टी के अध्यक्ष बने. तुलेश्वर की जीत से गोंगपा में खुशी की लहर है. 23 साल बाद गोंगपा का खाता खुला है.