रायपुर/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में छठ महापर्व के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मईया की पूजा अर्चना की. नहाय खाय की विधि से शुरु हुए इस महापर्व का रविवार को तीसरा दिन था. इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया. छठ व्रतियों ने इस दौरान छठी मईया से सुख समृद्धि की कामना की. बिलासपुर में अरपा नदी के तट पर छठ घाट में लाखों की संख्या में लोग और छठ व्रती जुटे. Chhath Puja 2022 in chhattisgarh
शाम होते ही डाला लेकर घाट पर पहुंचे लोग: शाम होते ही सूर्यास्त से पहले सभी व्रती और छठ मईया के उपासक डाला लेकर घाट पर पहुंचने लगे. सरगुजा, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग भिलाई, धमतरी, राजनांदगांव, जगदलपुर समेत राज्य के कई जिलों में लोग छठ घाट पर पहुंचे और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मईया का आशीर्वाद मांगा. खरना पूजा के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है. सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. Arghya offered to setting sun
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बिलासपुर में देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट, हजारों की संख्या में जुटे लोग: बिलासपुर में देश के सबसे बड़े स्थाई छठघाट में हर्षोल्लास से छठपर्व मनाया गया. यहां लगभग एक लाख लोग अरपा नदी के तट पर डूबते सूर्य को अर्ध देने पहुचे थें. महिलाओं ने डूबते सूरज को अर्ध्य देकर परिवार के लिए मंगल कामना की. देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट बिलासपुर में है. यहां कोरोनाकाल के पहले लगभग 70 हजार श्रद्धालु पूजा करने जमा हुए थे. यहां ज्यादातर उत्तर भारत के लोग आए थे. साथ ही इस पर्व के दौरान छत्तीसगढ़ और बिहार के श्रद्धालु भी यहां पहुंचे. setting sun on the third day of Chhath Puja