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छठ पूजा : 1 नवंबर को मनाया जाएगा 'खरना', जानें क्या है मान्यता - छठ की प्रदेश भर में धूम

छठ के दूसरे दिन 1 नवंबर को 'खरना' मनाया जाता है. फल सब्जियों से पूजा की जाती है.

1 नवंबर को 'खरना' मनाया जाएगा
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Published : Nov 1, 2019, 6:01 AM IST

Updated : Nov 1, 2019, 8:33 AM IST

रायपुर : इस साल छठ पूजा 31 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. छठ के दूसरे दिन 1 नवंबर को 'खरना' मनाया जाएगा. छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है और पूरे चार दिनों तक पूजा होती है.

छठ पूजा : 1 नवंबर को मनाया जाएगा 'खरना'

खरना के दिन छठ करने वाले व्रती पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाते हैं. खरना की शाम को रोटी और गुड़ का खीर बनाया जाता है. प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है. साथ ही फल सब्जियों का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

छठ पूजा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाने वाले मुख्य पर्व है, जिसे सभी लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. पर्व में महिलाएं उपवास रख सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं. इसे कठिन परीक्षा के रूप में देखा जाता है.

पढ़ें : दिवाली के चौथे दिन नाग देवता की हुई पूजा, ये है इनकी मान्यताएं

बहुत पहले इसे पर्व को सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग ही मनाते थे, लेकिन बदलते वक्त के साथ देश के अन्य क्षेत्रों की महिलाएं भी छठ के पर्व को मनाना शुरू कर चुकी हैं. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी यानी नेपाल, मारीशस, सुरीनाम में भी रह रही महिलाएं छठ पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाती हैं.

रायपुर : इस साल छठ पूजा 31 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. छठ के दूसरे दिन 1 नवंबर को 'खरना' मनाया जाएगा. छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है और पूरे चार दिनों तक पूजा होती है.

छठ पूजा : 1 नवंबर को मनाया जाएगा 'खरना'

खरना के दिन छठ करने वाले व्रती पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाते हैं. खरना की शाम को रोटी और गुड़ का खीर बनाया जाता है. प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है. साथ ही फल सब्जियों का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

छठ पूजा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाने वाले मुख्य पर्व है, जिसे सभी लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. पर्व में महिलाएं उपवास रख सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं. इसे कठिन परीक्षा के रूप में देखा जाता है.

पढ़ें : दिवाली के चौथे दिन नाग देवता की हुई पूजा, ये है इनकी मान्यताएं

बहुत पहले इसे पर्व को सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग ही मनाते थे, लेकिन बदलते वक्त के साथ देश के अन्य क्षेत्रों की महिलाएं भी छठ के पर्व को मनाना शुरू कर चुकी हैं. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी यानी नेपाल, मारीशस, सुरीनाम में भी रह रही महिलाएं छठ पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाती हैं.

Intro:छठ का त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इस खास पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है और पूरे चार दिनों तक ये पूजा होती है। छठ का पर्व बिहारियों के लिए वह यूपी वासियों के लिए साल का सबसे बड़ा पर्व होता है जिसे सभी लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । Body:इस पर्व में यूपी और बिहार की महिलाएं उपवास रख सूर्यदेव को अर्क देती है। पहले के समय सिर्फ बिहार और यूपी के लोग ही इस पर्व को मनाते थे पर बदलते दौर के साथ देश की सभी महिलाएं छठ के पर्व को मनाना शुरू कर चुकी है सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश के यानी नेपाल में भी रह रही महिलाएं छठ के पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।

Conclusion:छठ के दूसरे दिन 'खरना' होता है। खरना के दिन छठ करने वाले व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाते है। इस बार खरना 1 नवंबर को मनाया जा रहा है। खरना के शाम को रोटी और गुड़ के खीर का प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है। साथ ही फल सब्जियों से पूजा की जाती है।

बाइट :- फूल कुमारी देवी (स्थानीय निवासी)

अभिषेक कुमार सिंह ईटीवी भारत रायपुर
Last Updated : Nov 1, 2019, 8:33 AM IST
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