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Chetichand festival: कौन हैं भगवान झूलेलाल, जानिए इतिहास, क्यों मनाई जाती है झूलेलाल जयंती ? - चेटी चंद

चेटी चंद हिंदू सिंधी समुदाय में पूजे जाने वाले देवता, संत झूलेलाल के उद्भव का प्रतीक है. यह आमतौर पर सिंधी समुदाय में प्रतिपदा तिथि, चैत्र शुक्ल पक्ष यानी चैत्र माह में चंद्रमा के बढ़ते चरण के दौरान पहले दिन मनाया जाता है. लोककथाओं से पता चलता है कि झूलेलाल भगवान वरुण यानी जल के देवता के अवतार थे. मिर्खशाह से बचाने के लिए भक्त झूलेलाल की पूजा करते हैं और पृथ्वी पर जीवन के पोषण के लिए जल की जय करते हैं. jhulelal jayanti

Chetichand festival 2023
कौन हैं भगवान झूलेलाल, जानिए इतिहास
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Published : Feb 27, 2023, 4:45 PM IST

Updated : Apr 8, 2024, 9:32 PM IST

रायपुर : सिंध में पहले हिन्दू राजा का शासन था. राजा धरार आखिरी हिन्दू राजा थे. उन्हें मोहम्मद बिन कासिम ने हराया. इसके बाद मुस्लिम राजा सिंध की गद्दी पर बैठा. दसवी सदी के दूसरे भाग में सिंध के ‘थट्टा’में मकराब खान राज था, जिसे शाह सदाकत खान ने मारा और अपने आप को मिरक शाह नाम देकर गद्दी पर बैठा. मिरक शाह ने हिंदुओं पर जुल्म करना शुरू कर दिया. सभी हिंदुओ को बोला गया, कि उन्हें इस्लाम अपनाना होगा, नहीं तो मारे जाएंगे. सभी लोगों ने सिंध नदी के तट पर इकट्ठा होकर प्रार्थना कि जिससे एक आकाशवाणी हुई. भगवान वरुण ने बताया कि वे नासरपुर में देवकी और ताराचंद के यहां जन्म लेंगे. वहीं बालक इनका रक्षक बनेगा.

मिरक शाह का किया अंत : आकाशवाणी के 2 दिन बाद चैत्र माह की शुक्ल पक्ष में नासरपुर (पाकिस्तान की सिन्धु घाटी) के देवकी और ताराचंद के यहां बेटा जन्मा. भविष्य में ये छोटा बच्चा हिन्दू सिन्धी समाज का रक्षक बना, जिसने मिरक शाह जैसे शैतान का अंत किया. अपने नाम को चरितार्थ करते हुए उदयचंद ने सिंध के हिंदुओं के जीवन से अंधकार मिटाया. जन्म के बाद जब उनके माता पिता ने उनके मुख के अंदर पूरी सिन्धु नदी को देखा, जिसमें एक विशाल मछली तैर रही थी. इसलिए झुलेलाल को पेल वारो भी कहा जाता है.

कैसे हैं भगवान झूलेलाल : भगवान झूलेलाल को सफेद मूंछ और दाढ़ी के साथ दर्शाया गया है. वह शाही पोशाक और मोरपंख से सजे मुकुट पहने नजर आ रहे हैं. सिंधु नदी पर तैरती एक मछली की पीठ पर कमल पर बैठे झूलेलाल के हाथों में पवित्र ग्रंथ और एक जपमाला है. झूलेलाल जयंती समारोह के शुरुआत में आप भी हैप्पी चेटी चंद 2022 की शुभकामनाएं, कोट्स और संदेश मित्रों और परिवार को भेजें.

ये भी पढ़ें- जानिए शीतलाष्टमी त्यौहार का महत्व और पूजन विधि

चेटी चंद के अवसर पर संदेश : चेटी चंद के खूबसूरत दिन पर झूलेलाल आप पर अपना आशीर्वाद बरसाएं.

शुभ शुरुआत हो और आने वाला साल खूबसूरत हो- आपको और घर में बाकी सभी लोगों को चेटीचंद की शुभकामनाएं. चेटीचंड के शुभ अवसर पर, यहां प्रार्थना की जाती है कि झूलेलाल आपको अच्छे स्वास्थ्य, धन, शांति, आनंद और समृद्धि का आशीर्वाद दें.सिंधी नव वर्ष के पावन अवसर पर, यह मेरी सच्ची प्रार्थना है.आपको और आपके चाहने वालों को झूलेलाल जयंती और चेटीचंड की बहुत बहुत बधाई.इस झूलेलाल जयंती, आइए हम एक उज्ज्वल, शांतिपूर्ण, आनंदमय और स्वस्थ भविष्य की कामना करें. तो यहां आपको चेटी चंद की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.इस नए साल के दिन, मैं प्रार्थना करता हूं कि झूलेलाल समाज में शांति और सद्भाव बहाल करें। कोई बीमारी से ग्रस्त न हो, और कोई युद्ध न हो.यहां सिंधी नव वर्ष के खुशी के दिन आपको और आपके परिवार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं. आपको झूलेलाल जयंती और चेटी चंद की बहुत-बहुत बधाई.

रायपुर : सिंध में पहले हिन्दू राजा का शासन था. राजा धरार आखिरी हिन्दू राजा थे. उन्हें मोहम्मद बिन कासिम ने हराया. इसके बाद मुस्लिम राजा सिंध की गद्दी पर बैठा. दसवी सदी के दूसरे भाग में सिंध के ‘थट्टा’में मकराब खान राज था, जिसे शाह सदाकत खान ने मारा और अपने आप को मिरक शाह नाम देकर गद्दी पर बैठा. मिरक शाह ने हिंदुओं पर जुल्म करना शुरू कर दिया. सभी हिंदुओ को बोला गया, कि उन्हें इस्लाम अपनाना होगा, नहीं तो मारे जाएंगे. सभी लोगों ने सिंध नदी के तट पर इकट्ठा होकर प्रार्थना कि जिससे एक आकाशवाणी हुई. भगवान वरुण ने बताया कि वे नासरपुर में देवकी और ताराचंद के यहां जन्म लेंगे. वहीं बालक इनका रक्षक बनेगा.

मिरक शाह का किया अंत : आकाशवाणी के 2 दिन बाद चैत्र माह की शुक्ल पक्ष में नासरपुर (पाकिस्तान की सिन्धु घाटी) के देवकी और ताराचंद के यहां बेटा जन्मा. भविष्य में ये छोटा बच्चा हिन्दू सिन्धी समाज का रक्षक बना, जिसने मिरक शाह जैसे शैतान का अंत किया. अपने नाम को चरितार्थ करते हुए उदयचंद ने सिंध के हिंदुओं के जीवन से अंधकार मिटाया. जन्म के बाद जब उनके माता पिता ने उनके मुख के अंदर पूरी सिन्धु नदी को देखा, जिसमें एक विशाल मछली तैर रही थी. इसलिए झुलेलाल को पेल वारो भी कहा जाता है.

कैसे हैं भगवान झूलेलाल : भगवान झूलेलाल को सफेद मूंछ और दाढ़ी के साथ दर्शाया गया है. वह शाही पोशाक और मोरपंख से सजे मुकुट पहने नजर आ रहे हैं. सिंधु नदी पर तैरती एक मछली की पीठ पर कमल पर बैठे झूलेलाल के हाथों में पवित्र ग्रंथ और एक जपमाला है. झूलेलाल जयंती समारोह के शुरुआत में आप भी हैप्पी चेटी चंद 2022 की शुभकामनाएं, कोट्स और संदेश मित्रों और परिवार को भेजें.

ये भी पढ़ें- जानिए शीतलाष्टमी त्यौहार का महत्व और पूजन विधि

चेटी चंद के अवसर पर संदेश : चेटी चंद के खूबसूरत दिन पर झूलेलाल आप पर अपना आशीर्वाद बरसाएं.

शुभ शुरुआत हो और आने वाला साल खूबसूरत हो- आपको और घर में बाकी सभी लोगों को चेटीचंद की शुभकामनाएं. चेटीचंड के शुभ अवसर पर, यहां प्रार्थना की जाती है कि झूलेलाल आपको अच्छे स्वास्थ्य, धन, शांति, आनंद और समृद्धि का आशीर्वाद दें.सिंधी नव वर्ष के पावन अवसर पर, यह मेरी सच्ची प्रार्थना है.आपको और आपके चाहने वालों को झूलेलाल जयंती और चेटीचंड की बहुत बहुत बधाई.इस झूलेलाल जयंती, आइए हम एक उज्ज्वल, शांतिपूर्ण, आनंदमय और स्वस्थ भविष्य की कामना करें. तो यहां आपको चेटी चंद की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.इस नए साल के दिन, मैं प्रार्थना करता हूं कि झूलेलाल समाज में शांति और सद्भाव बहाल करें। कोई बीमारी से ग्रस्त न हो, और कोई युद्ध न हो.यहां सिंधी नव वर्ष के खुशी के दिन आपको और आपके परिवार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं. आपको झूलेलाल जयंती और चेटी चंद की बहुत-बहुत बधाई.

Last Updated : Apr 8, 2024, 9:32 PM IST
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