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SPECIAL: कोरोना ने बदली लोगों की जिंदगी, साफ-सफाई और पर्सनल हाईजीन को लेकर हुए सीरियस - जीवन शैली में बदलाव

छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस 50 हजार के पार पहुंच गए हैं. कोरोना से बचाव के लिए उपाय किए जा रहे हैं, साथ ही लोग अब सफाई को लेकर भी ज्यादा सतर्क हो गए हैं.

CORONA EFFECT
कोरोना ने बदली आम लोगों की जिंदगी
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Published : Sep 11, 2020, 2:38 PM IST

रायपुर: कोरोना महामारी ने जहां पूरी दुनिया में कोहराम मचाया है, वहीं लोगों के रहन-सहन और जीने की तरीके को भी इसने काफी बदल दिया है. कोरोना के कारण लोग अब अस्पताल जाने और सड़कों पर बिना मास्क के घूमने से डर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस 50,000 के पार पहुंच गए हैं. कोरोना से बचाव के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, साथ ही लोग भी अब सफाई और पर्सनल हाईजीन को लेकर ज्यादा सीरियस हो गए हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है.

कोरोना ने बदली आम लोगों की जिंदगी

प्रदेश में रोजाना कोरोना के 2500 से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं. इनमें से करीब 700 लोग सिर्फ रायपुर से हैं. कोरोना के एक्टिव केस के मामले में छत्तीसगढ़ ने देश के 25 राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. मृत्यु दर की बात करें, तो छत्तीसगढ़ ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. ऐसे में लोग पहले के मुकाबले अब अपनी सेहत का ज्यादा ध्यान रखने लगे हैं. छोटे-बड़े दुकानों, होटलों में भी सफाई का खास ध्यान रखा जा रहा है. इसके साथ ही लोगों ने अब मास्क और सैनिटाइजर को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है. दुकानों में बाहर से आने वाले ग्राहकों को सैनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग के बाद ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है. कोरोना से पहले इस तरह की कोई सावधानी नहीं बरती जाती थी, क्योंकि पहले इस तरह की बीमारी नहीं आई थी.

पढ़ें: SPECIAL: रायपुर बना 'कोरोना हब', डॉक्टर और महापौर ने बताई बढ़ते संक्रमण की वजह

कोरोना का नहीं है डर

वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना है कि कोरोना या लॉकडाउन का उनकी जिंदगी पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है. उनका कहना वे अब भी पहले की तरह ही अपनी जिंदगी जी रहे हैं. वे आज भी बिना सेनिटाइजर और मास्क के निकल रहे हैं. उनकी दिनचर्या में किसी तरह का कोई फर्क नहीं आया है. कई लोगों का कहना है कोरोना अमीर लोगों को होता है और हम गरीब हैं. हम पहले ही कई समस्याओं से घिरे हैं, ऐसे में कोरोना भला क्या बिगाड़ेगी. वे कहते हैं कि हम गरीब लोग पहले भी गंदगी में अपना जीवन जी रहे थे और आज भी इसी में रह रहे हैं. हमारी मदद करने वाला कोई नहीं. उनका कहना है कि सरकार उन पर न तो पहले ध्यान दे रही थी और न अब दे रही है. हमारे बच्चे अभी भी पहले की तरह गंदगी में खेल रहे हैं.

साफ-सफाई का रखा जा रहा ख्याल

निजी दुकान संचालक ने बताया कि दुकानों में पहले के मुकाबले अभी ग्राहक ज्यादा सतर्क हो गए हैं. दुकान संचालक ने कहा कि हम यह भी ध्यान रख रहे हैं कि जो भी कस्टमर दुकान के अंदर आ रहा है, वे मास्क में हों और दुकान में रहने के दौरान मास्क उतारने की अनुमति नहीं है. इसके साथ ही हर 20 मिनट में हाथों को सैनिटाइज करवाया जा रहा है. वहीं निजी होटल मालिक ने बताया कि पहले के मुकाबले अब वह साफ सफाई और स्वच्छता पर ज्यादा जोर दे रहे हैं और यह भी ध्यान रख रहे हैं कि जो भी वर्कर होटल में काम कर रहा है, वह मास्क अनिवार्य रूप से पहन रहा है या नहीं. इसके साथ ही सैनिटाइजेशन और ग्लव्स पर पूरा जोर दिया जा रहा है. कस्टमर के होटल से वापस जाने के बाद उनके बैठे जगह को सैनिटाइज किया जा रहा है. उसके बाद ही किसी अन्य कस्टमर को वहां बैठने की इजाजत दी जा रही है.

रायपुर: कोरोना महामारी ने जहां पूरी दुनिया में कोहराम मचाया है, वहीं लोगों के रहन-सहन और जीने की तरीके को भी इसने काफी बदल दिया है. कोरोना के कारण लोग अब अस्पताल जाने और सड़कों पर बिना मास्क के घूमने से डर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस 50,000 के पार पहुंच गए हैं. कोरोना से बचाव के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, साथ ही लोग भी अब सफाई और पर्सनल हाईजीन को लेकर ज्यादा सीरियस हो गए हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है.

कोरोना ने बदली आम लोगों की जिंदगी

प्रदेश में रोजाना कोरोना के 2500 से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं. इनमें से करीब 700 लोग सिर्फ रायपुर से हैं. कोरोना के एक्टिव केस के मामले में छत्तीसगढ़ ने देश के 25 राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. मृत्यु दर की बात करें, तो छत्तीसगढ़ ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. ऐसे में लोग पहले के मुकाबले अब अपनी सेहत का ज्यादा ध्यान रखने लगे हैं. छोटे-बड़े दुकानों, होटलों में भी सफाई का खास ध्यान रखा जा रहा है. इसके साथ ही लोगों ने अब मास्क और सैनिटाइजर को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है. दुकानों में बाहर से आने वाले ग्राहकों को सैनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग के बाद ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है. कोरोना से पहले इस तरह की कोई सावधानी नहीं बरती जाती थी, क्योंकि पहले इस तरह की बीमारी नहीं आई थी.

पढ़ें: SPECIAL: रायपुर बना 'कोरोना हब', डॉक्टर और महापौर ने बताई बढ़ते संक्रमण की वजह

कोरोना का नहीं है डर

वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना है कि कोरोना या लॉकडाउन का उनकी जिंदगी पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है. उनका कहना वे अब भी पहले की तरह ही अपनी जिंदगी जी रहे हैं. वे आज भी बिना सेनिटाइजर और मास्क के निकल रहे हैं. उनकी दिनचर्या में किसी तरह का कोई फर्क नहीं आया है. कई लोगों का कहना है कोरोना अमीर लोगों को होता है और हम गरीब हैं. हम पहले ही कई समस्याओं से घिरे हैं, ऐसे में कोरोना भला क्या बिगाड़ेगी. वे कहते हैं कि हम गरीब लोग पहले भी गंदगी में अपना जीवन जी रहे थे और आज भी इसी में रह रहे हैं. हमारी मदद करने वाला कोई नहीं. उनका कहना है कि सरकार उन पर न तो पहले ध्यान दे रही थी और न अब दे रही है. हमारे बच्चे अभी भी पहले की तरह गंदगी में खेल रहे हैं.

साफ-सफाई का रखा जा रहा ख्याल

निजी दुकान संचालक ने बताया कि दुकानों में पहले के मुकाबले अभी ग्राहक ज्यादा सतर्क हो गए हैं. दुकान संचालक ने कहा कि हम यह भी ध्यान रख रहे हैं कि जो भी कस्टमर दुकान के अंदर आ रहा है, वे मास्क में हों और दुकान में रहने के दौरान मास्क उतारने की अनुमति नहीं है. इसके साथ ही हर 20 मिनट में हाथों को सैनिटाइज करवाया जा रहा है. वहीं निजी होटल मालिक ने बताया कि पहले के मुकाबले अब वह साफ सफाई और स्वच्छता पर ज्यादा जोर दे रहे हैं और यह भी ध्यान रख रहे हैं कि जो भी वर्कर होटल में काम कर रहा है, वह मास्क अनिवार्य रूप से पहन रहा है या नहीं. इसके साथ ही सैनिटाइजेशन और ग्लव्स पर पूरा जोर दिया जा रहा है. कस्टमर के होटल से वापस जाने के बाद उनके बैठे जगह को सैनिटाइज किया जा रहा है. उसके बाद ही किसी अन्य कस्टमर को वहां बैठने की इजाजत दी जा रही है.

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